आज भी अगर भारत को देखना है, तो उसके गांवों में इतने किस्से मिलेंगे कि सोचकर आपको हैरत होगी। गुजरात के बनासकांठा की रहनेवाली 62 वर्षीया नवलबेन चौधरी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। पशु पालन (animal husbandry) करके वह हर साल एक करोड़ रुपए कमा रही हैं।
गुजरात के बनासकांठा जिले के नगाणा गांव की नवलबेन भले ही पढ़ी लिखी न हों, लेकिन करोड़ों महिलाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत ज़रूर हैं। 62 वर्षीया नवलबेन, दूध बेचकर सालाना लाखों रुपए कमाती हैं। बीते एक साल में उन्होंने 1 करोड़ 10 लाख रुपए का दूध बेचा।
नवलबेन, पशु पालन का बिज़नेस करती हैं और एशिया की सबसे बड़ी ‘बनास डेयरी’ में हर रोज़ लगभग एक हज़ार लीटर दूध जमा करवाकर हर महीने 8-9 लाख रुपए कमाती हैं। उन्होंने इसकी शुरुआत सिर्फ 8-10 पशुओं से की थी, लेकिन आज उनके पास 250 पशु हैं।
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पशुपालन (animal husbandry) कर सबसे बड़ी डेयरी में बेच रहीं दूध
नवलबेन का दिन सुबह 5 बजे से शुरू हो जाता है, जिसके बाद वह गाय-भैंसों से दूध निकालने का काम करती हैं। वह, हर रोज़ तक़रीबन एक हज़ार लीटर दूध एशिया की सबसे बड़ी ‘बनास डेयरी’ के दूध मंडली में जमा कराती हैं, जिससे महीने में उनकी करीब 8-9 लाख की आमदनी हो जाती है।
नवलबेन पिछले साल इस मंडली में सबसे ज़्यादा दूध जमा कराने वाली महिला बनीं, जिसके लिए उन्हें बनास डेरी ने सम्मानित भी किया था। नवलबेन ने पशुओं की देखभाल के लिए साफ शेड और शुद्ध पानी से लेकर खाने-पीने तक का काफी अच्छा इंतज़ाम किया है।
पशुओं के चारे के लिए वह अपनी 5 एकड़ ज़मीन पर खुद चारा उगाती हैं। नवलबेन ने अपने इस बिज़नेस से 15 लोगों को रोज़गार भी दिया है। इस उम्र में भी वह अपने बिज़नेस को और आगे बढ़ाना चाहती हैं। साथ ही, वह लोगों तक यह सन्देश पहुंचाना चाहती हैं कि पशुपालन एक अच्छा बिज़नेस है। अगर इसे सही ढंग से किया जाए, तो इससे अच्छी आमदनी हो सकती है।
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