कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से पिछले कुछ महीनों के दौरान हम सभी परेशानियों को झेला है। देश के लाखों लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। नौकरी-पेशे को लेकर हर तरफ भय और अनिश्चितता का माहौल है और इसका सीधा प्रभाव लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है।
आइये आज हम विशेषज्ञों से जानते हैं कि अपने वित्तीय संसाधनों का बेहतर प्रबंधन कर, संकट की इस घड़ी का सामना कैसे करें।
इस कड़ी में काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट और तेलंगाना के सिंकदराबाद स्थित माइंड सजेस्ट वेलनेस सेंटर की निदेशक, कविता पानयम कहती हैं, “विपदा की इस घड़ी में अपने प्रेजेंस ऑफ माइंड का इस्तेमाल करना अनिवार्य है। लोगों को अपने करियर को बढ़ावा देने के लिए, ऑनलाइन कोर्स के जरिए नए-नए कौशल को सीखने पर जोर देना चाहिए, ताकि आप आमदनी के एक जरिये पर निर्भर न रहें।”
इसके अलावा, वह कहती हैं कि हमें आज की सच्चाई को मानना होगा और भय और तनाव से दूर रहने के लिए नकारात्मक खबरों से दूर रहना होगा।
स्वास्थ्य बीमा है जरूरी
मुंबई विश्वविद्यालय के पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के निदेशक, डॉ. संजय रानाडे कहते हैं, “यह काफी मुश्किल वक्त है और यह स्थिति कब तक रहेगी, यह कहना मुश्किल है। इसलिए जितना संभव हो सके, अपनी जरूरतों को सीमित करना जरूरी है। इसके अलावा, हमने स्वास्थ्य बीमा की कभी फिक्र नहीं की, लेकिन परिवार में रिस्क को कवर करने के लिए यह जरूरी है।”
वह आगे कहते हैं, “अक्सर देखा जाता है कि युवा अपने जुनून का पीछा करने के बजाय सिर्फ स्टेटस सिंबल के लिए डिग्री लेते हैं, जिस वजह से आज स्थिति और गंभीर हो गई है। इस संस्कृति में एक बदलाव की जरूरत है।”
आपसी सहयोग को बढ़ावा मिलना जरूरी
माखनलाल विश्वविद्यालय, भोपाल के प्रबंधन विभाग के एचओडी डॉ. अविनाश वाजपेयी कहते हैं, “कोरोना महामारी की वजह से आज कोई अछूता नहीं है। देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से नौकरी-पेशा लोगों पर काफी बुरा असर पड़ा है। इससे निपटने के लिए हमें घरेलू बचत पर ध्यान देना होगा। हमारे ऊपर, 1990 के दशक में भी आर्थिक मंदी का असर इसी वजह ज्यादा नहीं हुआ।”
वह आगे कहते हैं, “हमें इस मानसिकता के साथ जीना होगा, कि यदि हालात मुश्किल हैं, तो यह गुजर जाएगा। साथ ही, हमें सहयोग की भावना को विकसित करना पड़ेगा, ताकि हम एकजुट होकर इस विपदा का सामना कर सकें।”
क्रेडिट कार्ड का न करें इस्तेमाल
गुड़गाँव स्थित इंटर कॉन्टिनेन्टल होटल ग्रुप के कॉरपोरेट ऑफिस में काम करने वाले पियूष कहते हैं, “आज सरकारी हो या प्राइवेट, हर क्षेत्र में जॉब क्राइसिस है, इससे आपकी जिंदगी सीधे तौर पर प्रभावित होती है। क्योंकि, आपके पास आमदनी का जरिया नहीं है और आपका खर्च कभी रुकेगा नहीं। इसलिए अपनी प्राथमिकताओं को तय करें। देश की एक बड़ी आबादी, दैनिक आधार पर कमाई कर अपना गुजर-बसर करती है, इस वजह से ऐसे लोग बचत नहीं कर पाते। ऐसी स्थिति में, अपना खर्च घटाना, आय के दूसरे साधनों को तलाशना जरूरी है।”
इसके अलावा, पियूष क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह देते हैं। क्योंकि इससे ब्याज का अतिरिक्त बोझ बढ़ता है।
आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें
पटना स्थित एडवांस साइकोथेरेपी काउंसिलिंग सेंटर की निदेशक डॉ. बिन्दा सिंह कहती हैं, “कोरोना काल में लोगों की नौकरियाँ जाने और सैलरी कट होने की वजह से परिवार में तनाव बढ़ा है। इसका सबसे बुरा असर पड़ा है हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर। लेकिन, हमें वास्तविकताओं को कबूल कर एक सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना होगा।”
वह कहती हैं, “लॉकडाउन के दौरान लोगों ने अपने दिनचर्या पर ध्यान नहीं दिया है, जिससे कि मानसिक और शारीरिक सेहत को काफी नुकसान होता है। आज हम सभी को अपने खान-पान का ध्यान रखने के साथ ही, 8 घंटे की नींद जरूरी है।”
यह भी पढें – जानिए कैसे घर से शुरू कर सकते हैं बेकरी बिज़नेस