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मुंबई: मात्र 13 साल के व्यवसायी तिलक मेहता ने साबित किया कि ‘उम्र महज़ एक नंबर है’!

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सबसे कम उम्र बिजनेसमैन Tilak Mehta की कहानी।

कौन है तिलक मेहता(Who is Tilak Mehta) :-

तिलक मेहता (tilak Mehta) स्टार्टअप या करियर आधारित कंपनी पेपर-एन-पार्सल के संश्थापक है| तिलक मेहता का जन्म 2006 में गुजरात में हुआ था| वह केवल 15 वर्ष के है जिन्होंने इस उम्र में अपनी कम्पनी शुरू की| जिस उम्र (15 साल) में बच्चे खेल रहे होते है और टीवी देख रहे होते है लेकिन तिलक मेहता (Tilak Mehta) ने अपनी खुद की एक कंपनी खड़ी कर थी| उन्होंने साबित कर दिया की एक 15 साल का लड़का कम्पनी चलाने के साथ पढाई भी कर सकता है.

तिलक मेहता का परिवार(Tilak Mehta Family) :-

उनके पिता विशाल मेहता भी लॉजिस्टिक आधारित कम्पनी से जुड़े है| तिलक की एक जुड़वाँ बहन तन्वी और माँ काजल मेहता, एक गृहणी है| उन्होंने हाल ही में “2018 में इंडिया मैरीटाइम अवार्ड्स” में युवा businessman का ख़िताब जीता।

कहाँ पढ़ते हैं तिलक मेहता (Tilak Mehta Education) :-

तिलक स्कूल गुरुकुल ओलंपियाड स्कूल में पढ़ रहे है। और भविष्य में वह अपनी कंपनी को आगे बढ़ाना चाहते हैं, जिसे उन्होंने 13 साल की उम्र में “पेपर-एन-पार्सल” शुरू किया था।

कैसे हुई शुरुवात (Paper-N-Parcels:-

साल 2017 में जब तिलक (Tilak Mehta) अपने मामा के घर गए थे| वह पर वो अपनी कुछ किताबे भूल गए|  अपने घर जाके उन्होंने अपने अंकल को फ़ोन करके कहा की क्या आप कुरिएर के जरिये मेरी भूली हुई किताबे वापस भिजवा सकते है| उनके अंकल ने कहा बेटा आपको आज नहीं मिलेगा लेकिन कल मिलेगा और कुरियर की लागत अपनी पुस्तकों की कीमत से अधिक होगी।

यह सुनकर तिलक (Tilak Mehta) को चक्कर आ गया| उसने मन ही मन सोचा की क्या यह संभव नहीं हो सकता की आम आदमी को एक ही दिन कोरियर को किफायती दाम पर पहुंचाया जाये? तिलक उस दिशा में सोचने लगे और उन्हें मुंबई का डब्बावाला याद आ गया, उन्होंने सोचा की अगर डब्बावाला लोगो की मदद ली जाए तो उन्हें कम कीमत में एक ही दिन में दो लाख से अधिक लोगो तक पहुंचाया जा सकता है| 

 तिलक ने सारा हिसाब-किताब किया और 13 साल के लड़के (Tilak Mehta) ने कुरीयर सर्विस का बड़ा धंधा देखा| तिलक ने मुंबई डब्बावाला एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सुभाष तालेकर से मुलाकात की और अपने विचार व्यक्त किये| सुभाष तालेकर को भी लगा की डब्बवाला बंधू मिल कर कुछ और कमा लेंगे|

तिलक ने अपने विचार अपने चाचा घनश्यामभाई के साथ साझा किया| घनशयामभाई एक बैंकर थे जो पैसे से काम करते थे| उन्होंने   इस विचार में तिलक की कम्पनी के साथ काम करने का एक बड़ा व्यावासिक अवसर भी देखा और पेपर्स  एंड पार्सल नामक कम्पनी शुरू की|  घनशयामभाई ने बहुत शोध किया और स्टार्टअप को सफल पाया, इस प्रकार उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ने का फैसला किया और इसे एक वास्तविकता बनाने के लिए इसमें कूद पड़े। 



Paper-N-Parcels Turnover :-

पेपर एन पार्सल के संस्थापक तिलक मेहता (Tilak Mehta) जो स्कूल में पढ़ते है और अपने सप्ताह के दिनों में वह अपने कम्पनी के  लिए भी काम करते है| वे अपने सहयोगियों के साथ नियमित बैठके करते है और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उनका फीडबैक लेते है| वो अपने डब्बावाले भाइयो को प्रक्षिशित करने और उनके मार्ग निर्धारित करने के प्रभारी है| वर्तमान में उनसे 300 लोग जुड़े हुए है और प्रतिदिन लगभग 1200 कार्यालयों में कोरियर पहुंचाते है|  उनका दो साल में 100 करोड़ टर्नओवर तक पहुंचने का लक्ष्य है| कम्पनी का मकसद मुंबई के भीतर अपने माल की उसी दिन डिलीवरी करने का लक्ष्य होता है|   

Paper-N-Parcels का मालिक कौन है? :-

15 साल के तिलक मेहता (Tilak Mehta) कम्पनी पेपर-एन-पार्सल के मालिक है| यह  कम्पनी सामान की डोर-टू-डोर सेवा प्रदान करती है| 

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