Placeholder canvas

इन पकवानों की दोस्ती है इतनी पक्की कि एक न हो तो फीका पड़ जाता है दुसरे का स्वाद

Dal Bati Churma and Tea Biscuit

Friendship Day स्पेशल में हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे पकवानों के बारे में, जिनकी दोस्ती है कुछ ख़ास।

‘यारों दोस्ती बड़ी ही हसीन है

ये ना हो तो क्या फिर, बोलो ये ज़िन्दगी है

कोई तो हो राज़दार

बे-गरज़ तेरा हो यार

कोई तो हो राज़दार…’

साल 2000 में आई फिल्म ‘पल’ का यह गाना मानो कभी पुराना ही नहीं होता है। आप इसे अपने दोस्तों के साथ बैठ कभी भी गुनगुनाने लगें, ये हर बार आपको नया लगेगा। क्योंकि जितने इस गाने के बोल खास हैं, उतना ही अनमोल दोस्ती का रिश्ता होता है। क्योंकि शायद दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जिसमें कोई बंधन नहीं है। हम बिना एक-दूसरे की जाति, धर्म, स्टेटस या आदतें जाने भी एक-दूसरे के दोस्त बन जाते हैं। दोस्ती में हम एक-दूसरे की खूबियों के साथ-साथ खामियों को भी अपना लेते हैं। 

लेकिन यह भी सच है कि ज़िंदगी के हर पड़ाव पर हमें नए दोस्त मिलते हैं और पुराने दोस्त राह में कहीं छूट जाते हैं। जैसे स्कूल के बाद कॉलेज में नए दोस्त बनते हैं और फिर नौकरी  दौरान नए दोस्त। आप अगर किसी दूसरे शहर में जाकर बसे तो वहां और नए दोस्त मिलते हैं। यह कहानी हमेशा चलती रहती है। लेकिन इसमें भी कुछ ऐसे दोस्त होते हैं जो ज़िंदगीभर के लिए होते हैं। हर साल हमारी उम्र बढ़ती है, लेकिन उनके साथ दोस्ती और गहरी होती है। जिनसे दो-चार रोज में बात न हो तो लगने लगता है कि जिंदगी में स्वाद कुछ कम हो गया है।  

ठीक वैसे ही जैसे कुछ डिशेज का स्वाद एक-दूसरे के बिना फीका-सा लगता है। सालों से हम इन्हें साथ में खाते आ रहे हैं लेकिन फिर भी कभी इनसे बोर नहीं होते हैं। बल्कि अगर किसी को अपनी पक्की दोस्ती के बारे में बताना हो तो भी हम इन डिशेज का उदहारण दे देते हैं। जैसे आप मसाला चाय तो आपके दोस्त बिस्कुट या आप बटर नान तो आपके दोस्त पनीर। हमारे यहां ऐसे बहुत से व्यंजन हैं, जिनकी दोस्ती इतनी पक्की है कि आप इन्हें उत्तर भारत में खाएं या दक्षिण भारत में, पर ये आपको हमेशा साथ-साथ मिलेंगे। 

तो आज Friendship Day स्पेशल में आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी डिशेज के बारे में, जिनकी दोस्ती है इतनी पक्की कि एक ना हो तो फीका पड़ जाता है दूसरे का स्वाद!

1. मसाला चाय और बिस्कुट

चाय की जब बात आती है तो आधे से ज्यादा हिन्दुस्तानियों का मन खिल उठता है। और अगर गरमा-गरम मसाला चाय के साथ दो बिस्कुट भी मिल जाए तो क्या ही कहने। हर गली-मोहल्ले के नुक्क्ड़ पर लगी चाय की टपरी पर आपको चाय में बिस्कुट डुबोकर खाते हुए और फिर चुस्कियों से चाय का मजा लेते हुए आज भी सैकड़ों लोग दिख जाएंगे। चाय और बिस्कुट का साथ में होना सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि मनोरंजन के लिए भी अच्छा है। क्योंकि आधे से ज्यादा लोग तो आज तक इसी कोशिश में लगे हुए रहते हैं कि बिस्कुट चाय में डुबोने के बाद, इसी में टूटकर गिर जाएगा या फिर उनकी जीभ इसका स्वाद नसीब होगा। 

लेकिन यकीन मानिए, चाय में गिरा बिस्कुट इसके स्वाद को और बढ़ा देता है। इसलिए इस बार अपने दोस्तों के साथ बैठकर मसाला चाय और बिस्कुट का आनंद जरूर लीजिएगा। 

2. इडली-सांबर

इडली-सांबर के साथ को दक्षिण भारत तो क्या देश के किसी भी कोने में कोई नहीं नकार सकता है। विश्वभर में इडली-सांबर की दोस्ती का जवाब नहीं। स्वास्थ्य के लिए पोषक होने के साथ-साथ ये दोनों डिशेस साथ खाई जाएं तो स्वाद में भी लाजवाब होती हैं। हालांकि, कई बार इडली की दोस्ती अलग-अलग तरह की चटनियों के साथ कराने की कोशिश की जाती है। लेकिन इडली-चटनी की दोस्ती में वह बात नहीं, जो इडली-सांबर की दोस्ती में है। फूली-फूली इडलियों को जब खट्टे सांबर के साथ खाया जाता है तो ये एक-दूसरे का स्वाद बढ़ा देते हैं। 

अगर इडली-सांबर साथ में हो तो फिर किसी और चीज की जरूरत नहीं रह जाती है। 

3. रबड़ी-मालपुआ

मीठे में आपने बहुत कुछ खाया होगा लेकिन रबड़ी-मालपुआ का कोई विकल्प नहीं। ये दोनों डिशेज उन दो दोस्तों की तरह हैं, जिनके इधर-उधर भी ढेर सारे दोस्त होते हैं। लेकिन जब वे साथ में होते हैं तो बस दुनिया को भूल जाते हैं। रबड़ी और मालपुआ को अलग-अलग भी खाया जाता है। लेकिन साथ में मिलकर ये जो कमाल करतीं है, उसके क्या ही कहने। किसी भी त्यौहार या उत्सव के मौके पर आप गर्म मालपुआ और ठंडी-ठंडी रबड़ी परोसकर तो देखिए, त्यौहार का मजा दुगुना हो जाएगा। 

4. दाल-बाटी-चूरमा

राजस्थान की शान यह व्यंजन लगता है कि एक ही डिश है। लेकिन यह दाल, बाटी और चूरमा, तीन अलग-अलग डिश की अटूट दोस्ती का कमाल है। गर्म और तीखी दाल का पारा हमेशा चढ़ा हुआ रहता है, जिसे चूरमे की मिठास और बाटी की सादगी इतने प्यार से हैंडल करते हैं कि खाने वाला उंगलियां चाटता रह जाता है।

कई जगह सिर्फ दाल-चूरमा भी बनाया जाता है। लेकिन इसके स्वाद में बाटी की कमी हमेशा खलती है। इसलिए हमेशा कोशिश करें कि आप इन तीनों दोस्तों को साथ रखें और फिर देखें इनका कमाल। 

5. दूध-जलेबी

मैं हरियाणा से हूं और हरियाणा में कोई ही शादी-ब्याह या ख़ुशी का मौका होता है, जिसमें दूध-जलेबी न हो। सबसे पहले दूध को केसर, पिस्ता जैसे मेवे डालकर तैयार किया जाता है। फिर इसके साथ गरमा-गरम जलेबियां परोसी जाती हैं। इसके ख्याल से ही मुंह में पानी आने लगता है। अगर कभी मूड ठीक न हो तो दूध के साथ कुरकुरी जलेबियों का आनंद लें, आपका मन अपने आप खुश हो जाएगा। इन दोनों की दोस्ती कुछ ऐसी है कि गांव में बुजुर्गों को कोई दुबला-पतला दिख जाए तो वे तुरंत उसे दूध-जलेबी की मौज लेने की सलाह दे देते हैं। 

6. दाल-चावल

भारत में सबसे ज्यादा खाए जाने वाले व्यंजनों में से एक है दाल-चावल। वैसे तो चावल के साथ आप और भी बहुत सी सब्जियां खा सकते हैं जैसे छोले, राजमा, माछेर झोल आदि। लेकिन दाल-चावल के स्वाद का कोई मुक़ाबला नहीं। खिले-खिले चावलों के साथ चटपटी दाल हो तो दिन बन जाता है। यह एक ऐसा व्यंजन है जो लोग हर रोज खा सकते हैं और कभी ऊबते नहीं है। पता है क्यों? क्योंकि अब तक दाल और चावल एक दूसरे की दोस्ती से बोर नहीं हुए हैं। लेकिन हां, आप चाहें तो इनके साथ कुछ और चीजें जैसे अचार, या प्याज की सलाद लेकर इनका स्वाद और बढ़ा सकते हैं। 

7. आलू-पूरी

अब आलू ऐसी चीज है, जिसका आप किसी के साथ भी कॉम्बो कर सकते हैं। लेकिन आलू का सही स्वाद आपको पूरी के साथ खाने पर ही आएगा। चटपटी रसेदार आलू की सब्जी हो या मसालेदार सूखी आलू की सब्जी, दोनों का ही स्वाद पूरी के साथ एकदम उम्दा आता है। वैसे तो पूरी को छोले के साथ भी खाया जाता है। लेकिन यह आलू-पूरी का विकल्प नहीं हो सकता है। 

8. छोले-भटूरे 

छोले-भटूरे की दोस्ती कुछ ऐसी है कि इन्हें देखकर किसी का भी मन ललचाने लगे। इनकी दोस्ती सिर्फ स्वाद की नहीं बल्कि पंजाब की शान है। पंजाबी व्यंजनों में छोले-भटूरे का नाम टॉप लिस्ट में शामिल होता है। चटपटे छोले और डीप फ्राइड भटूरे, को देख शायद ही कोई ना कहे। ये ऐसे दोस्त हैं, जिनकी दोस्ती की मिसाल इनकी खुशबू ही दे देती है और लोग दूर-दूर से खिंचे चले आते हैं। छोले तो और भी कई डिशेज के साथ जाते हैं लेकिन भटूरे अपनी दोस्ती में पूरे वफादार हैं। ये कहीं भी आपको बिना छोले नहीं मिलेंगे। 

तो सोचिये-सोचिये कौन है आपका ऐसा दोस्त जो आपकी ज़िन्दगी का भटूरा है। 

9. पाव-भाजी

तीखी-मसालेदार भाजी और मक्खन में सिका पाव, जब साथ में आपकी प्लेट में पहुंचते हैं तो माहौल बना देते हैं। पाव तो अपने अलग-अलग रूपों में और भी कई जगह दोस्ती कर लेता है लेकिन भाजी, भाजी का दोस्त सिर्फ पाव है। अगर भाजी को आप किसी और साथ जोड़ने की कोशिश भी करें तो भी आपका ही मजा किरकिरा होगा। इसलिए इन दोनों दोस्तों को जब भी बुलाएं, साथ में बुलाएं और खुद भी अपने दोस्तों के साथ बैठकर खाएं।

10. मक्का की रोटी-सरसों का साग

सर्दियों के मौसम में मिलने वाले ये दो दोस्त एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं। मक्का की रोटी का सौंधा-सा स्वाद और सरसों के साग के फ्लेवर्स एक-दूसरे के साथ एकदम परफेक्ट लगते हैं। इनकी दोस्ती कुछ ऐसी है कि एक निवाला मुंह में डालते ही आप पंजाब की सैर कर आते हैं। इनकी दोस्ती को और गहरा करने में घी और गुड़ भी साथ निभा रहे हैं। आप चाहें तो लस्सी को भी इनके साथ ले सकते हैं। आपके खाने क स्वाद और बढ़ जाएगा। 

इनके अलावा, आजकल लोग और भी कई अलग-अलग डिशेज की दोस्ती करा रहे हैं। जैसे आइस क्रीम के साथ गुलाब जामुन। पहले अक्सर अकेली रहने वाली ये दोनों डिशेज आजकल एक-दूसरे का साथ निभाती नजर आती है। अच्छी बात यह है कि इनकी अच्छी बन भी रही है। इसी तरह गाजर का हलवा और वनीला आइस क्रीम भी अपनी दोस्ती बढ़ा रहे हैं। इनके अलावा, अगर आपकी नजर में और कोई ऐसी डिशेज हैं, जिनकी दोस्ती सम्भव है या आपको लगता है कि उन्हें दोस्त बन जाना चाहिए तो हमें भी बताएं। 

संपादन- जी एन झा

यह भी पढ़ें: छोटे-से-छोटा व्यंजन बना सकती है माँ-बेटी की यह जोड़ी,अमेरिका तक हिट है इनका बिज़नेस

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

Let us know how you felt

  • love
  • like
  • inspired
  • support
  • appreciate
X