10 साल तक पुलिस फ़ोर्स में सेवारत रहने वाली ‘रानी’ को हाल ही में रिटायरमेंट मिली और साथ ही पुणे में रहने के लिए एक प्यारा-सा घर और परिवार।
रानी, पुणे ग्रामीण पुलिस फ़ोर्स के डॉग-स्क्वाड की सदस्य थी। अब वह इसी दल के पुलिस अफ़सर नायक गणेश फपले के परिवार के साथ उनके घर पर रहेगी। इस डॉग-स्क्वाड को अब तक फपले ही सँभालते आये हैं।
पुणे मिरर से बात करते हुए फपले ने बताया, “जब उसे यहाँ लाया गया तो वह 2 महीने की थी और उसके बाद वह मेरी ही देखभाल में रही। जब वह छह महीने की हुई तो हमने उसे पुलिस फ़ोर्स के लिए ट्रेन किया। 9 महीने के ट्रेनिंग के बाद उसे पुलिस फ़ोर्स के स्थानीय क्राइम ब्रांच में भर्ती किया गया था।”
अपने 10 साल के करियर में रानी को 4 बार मेडल से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं, उसने 11 केसों में पुलिस के लिए बहुत अहम भूमिका निभाई। और इसी वजह से वह डॉग-स्क्वाड में काफ़ी मशहूर रही।
अपनी स्किल्स का इस्तेमाल कर, उसने पुणे पुलिस की अपराधियों को पकड़ने में मदद की।
कर्मठ रानी के लिए इससे अच्छी बात क्या हो सकती है कि रिटायरमेंट के बाद उसे एक आरामदायक ज़िन्दगी मिले। फपले ने बताया कि उन्होंने रानी की देखभाल उसके बचपन से की है, इसलिए उन्हें उससे काफी लगाव है। इसी वजह से उन्होंने फ़ैसला किया कि उसकी रिटायरमेंट के बाद वे उसे गोद ले लेंगे। हालांकि, बहादुर रानी को और भी कई अफ़सर गोद लेने के लिए तैयार थे।
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इस बारे में फपले की पत्नी राजश्री ने कहा कि रानी को आये लगभग एक सप्ताह हो गया है। अब उसने धीरे-धीरे घर को अपनाना शुरू कर दिया है। गणेश उसे हर सुबह 6 बजे सैर पर ले जाते हैं और अभी वो ही उसे खाना खिला रहे हैं। दरअसल, रानी को गणेश ने ट्रेन किया है तो वह उनकी बात सुनती है। पर उम्मीद है कि वह धीरे-धीरे उन्हें और उनके बेटे आदित्य को भी अपना लेगी।
एक पुलिस डॉग की ज़िन्दगी बहुत ही सख्त होती है और रानी भी उसी तरह ट्रेन हुई है। लेकिन फपले और उनके परिवार को उम्मीद है कि धीरे-धीरे रानी समझ जाएगी कि अब वह उस काम से रिटायर हो चुकी है और अब उसकी ज़िन्दगी काफ़ी आसान है।