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मूर्ति चोरी होने से दुखी 61 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति ने मैसूर में बनवाया गणेश-मंदिर!

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र्नाटक में मैसूर के चामराजनगर ज़िले से 14 किलोमीटर दूर एक मुस्लिम व्यक्ति ने गणपति के लिए मंदिर बनाया है। जहां आने वाले दो दिनों में पुरे देश में गणेश चतुर्थी की धूम होगी वहीं टी. रहमान भी अपने इस मंदिर में विघ्नहर्ता की मूर्ति को प्रतिष्ठित करेंगें।

61 वर्षीय टी. रहमान यहां सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं। उन्होंने बताया, "पिछले साल कुछ अनजान लोगों ने चिक्कहोले रिजर्वायर से गणपति की मूर्ति को चुरा लिया था। जिसका मुझे बहुत बुरा लगा और मैंने भगवान के लिए एक नया मंदिर बनाने का फैसला किया।"

रहमान चाहते थे कि वे मंदिर का उद्घाटन गणेश चतुर्थी को करें। लेकिन उन्हें पता नहीं था कि प्रतिमा को प्रितष्ठित करने से पहले कई विधियां होती हैं। जिनके बारे में उन्हें एक ब्राह्मण से पता चला। लेकिन फिर भी उन्होंने कहा कि वे जल्द से जल्द मंदिर का उद्घाटन करायेंगें।

स्थानीय लोगों को भी रहमान से प्रेरणा मिली है और वे उन्हें अपने क्षेत्र में धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक मानते हैं। "किसी दूसरे धर्म के लिए पूजा-स्थल का निर्माण करवा कर उन्होंने यकीनन सकारात्मक प्रचलन शुरू किया है। यहां तक कि हम एक- दूसरे के धर्मस्थलों पर जाने में भी परहेज नहीं करते हैं। यही भारतीय संस्कृति की असली भावना है," एक स्थानीय निवासी रघु गौड़ा ने कहा

रहमान ने मंदिर बनाने में लगी उनकी लागत आदि के बारे में बताने से भी इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि यह तो 'भगवान' का काम है।

यकीनन रहमान इंसानियत व एकता का प्रतीक हैं। हम उनकी सराहना करते हैं और उम्मीद करते हैं कि और भी बहुत से लोग उनसे प्रेरणा लेंगें।

संपादन - मानबी कटोच


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