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फोटो: टाइम्स ऑफ़ इंडिया
बंगलुरु के मांड्या जिले के किक्केरी गाँव को अपने 25 सालों के इतिहास में पहली बार बिजली मिली है। इसका श्रेय जाता है बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट को। दरअसल इस गाँव के लोगों ने लगभग 25 साल पहले मैसूर रोड की तरफ एपीएमसी यार्ड के पास अपनी झोपड़ियां बनाई थीं। इस गाँव में लगभग 40 झोपड़ियां हैं।
"मैंने सुना है कि आलिया भट्ट एक अभिनेत्री हैं, लेकिन मैंने कभी भी उन्हें नहीं देखा। पर हम लोगों के लिए तो वो हमारे जीवन की रोशनी बन गयी हैं," ये कहना है किक्केरी गाँव के एक निवासी अकमल का।
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हाल ही में आलिया भट्ट ने एक पहल शुरू की थी, 'मी वार्डरॉब इज सू वार्डरॉब' नाम से। इस पहल के अंतर्गत आलिया के फैन उनकी वार्डरॉब से कुछ भी खरीद सकते हैं और इससे जो भी पैसा इकठ्ठा हुआ, उसी से किक्केरी गाँव में सोलर लाइट लगाई गयी है।
अकमल ने बताया,
"मैं आलिया का शुक्रगुजार हूँ। इससे पहले भी हम अधिकारियों के पास बिजली के लिए अपनी गुहार लेकर गए थे, लेकिन कहीं से भी मदद नहीं मिली। सबने सिर्फ वादे किये पर उन्हें कभी भी सच्चाई में नहीं बदला। लेकिन बीते शुक्रवार जब कुछ लोग सोलर लाइट लगाने आये तो हम दंग रह गए थे।"
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इन 40 झोपड़ियों में रहने वाले लगभग 200 लोगों ने पहली बार अपने घर में रात को उजाला देखा। आलिया ने इकट्ठे हुए पैसे को बंगलुरु के एक एनजीओ को दान किया था। उसी एनजीओ ने इस प्रोजेक्ट पर काम किया। इस एनजीओ ने प्लास्टिक की बोतलों से सोलर लैंप बनाये।
गाँव की एक महिला ज़रीना बेगम ने बताया कि मैंने कभी भी 6:30 बजे के बाद रात को खाना नहीं खाया था। उन्हें नहीं पता आलिया भट्ट कौन है लेकिन वे चाहती हैं कि एक बार आलिया उनके गाँव आये और देखे कि कैसे उन्होंने इस गाँव की ज़िन्दगी को रोशन किया है। अब गाँव के बच्चे घर पर रात को भी पढ़ सकते हैं, जो इतने सालों में नहीं हो पाया था।