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भारत की 10 जगहें, जहां आप ले सकते हैं पेड़ से ताजे फल तोड़कर खाने का आनंद

Indian states famous for different fruits

क्या आप ताज़े फलों का मज़े लेना चाहते हैं? हम आपको देश की दस ऐसी जगहों के बारे में बता रहे हैं, जहां आप फलों और फलों के बगानों का पूरा मज़ा ले सकते हैं।

हम सभी ने अपने-अपने घरों में बड़े-बुजुर्गों से उनके ज़माने की कई कहानियां सुनी हैं। अक्सर वे कई किस्से बताते हैं कि कैसे वे भीषण गर्मी में घंटों घर से बाहर रहते थे और ज्यादातर समय पड़ोस के ऊंचे फलों के पेड़ों और बगान के आसपास बिताते थे। वे बताते हैं कि कैसे वे उन पेड़ों पर लगने वाले फलों को हाथों से तोड़कर खाते थे। उनकी कहानियां सुनकर कई बार ऐसा लगता है कि काश हम भी ऐसा कर पाते, तो हम आपके लिए ऐसे इंडियन स्टेट्स की लिस्ट लेकर आए हैं, जो किसी न किसी खास फल के लिए मशहूर हैं।

चाहे आप दक्षिण की ओर जा रहे हों या पूर्व की ओर या फिर बीच में कहीं भी, ऐसी कई जगहें हैं, जहाँ आप न केवल ऊंचे फलों के बागों के सुंदर दृश्य को देखने के लिए रुक सकते हैं, बल्कि कुछ फल अपने बचपन की याद ताजा करने और खाने के लिए भी रख सकते हैं।

पंजाब के ताज़े किन्नू से लेकर मेघालय के स्वादिष्ट स्ट्रॉबेरी, बिहार के रसीले लीची और रत्नागिरी के मीठे आमों तक, हम आपके लिए भारत में जगहों की लिस्ट लेकर आए हैं जहां आप अपने पसंदीदा फल का मज़ा ले सकते हैं:

1. महाराष्ट्र में चीकू और आम

Chikoo festival in Dahanu
Chikoo festival in Dahanu

घोलवाड़ और दहानू के तटीय शहर, ताज़े सपोडिला के लिए मशहूर हैं। सपोडिला को चीकू के नाम से भी जाना जाता है।

इंडियन स्टेट्स में से एक महाराष्ट्र के इन क्षेत्रों के तटों पर ये फल कैसे पहुंचे, इससे संबंधित भी कई कहानियां कही जाती हैं। इनमें से एक है कपड़ा व्यापारी, सेठ दिनशॉ पेटिट की कहानी। कहा जाता है कि सेठ दिनशॉ ही सबसे पहले मध्य अमेरिका से चीकू का पौधा लेकर आए और यहां लगाया था। आज, हजारों पारसी परिवार अपनी पुश्तैनी ज़मीन पर इन फलों को उपजाते हैं और देश भर में दूर-दूर तक अपनी उपज बेचते हैं।

दहानू के बोर्डी समुद्र तट पर जनवरी और फरवरी के आसपास एक सालाना चीकू फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाता है, जहाँ विजिटर या आने वाले लोग कृषि एक्टिविटीज़ में शामिल होकर, स्थानीय व्यंजनों को आज़माने के साथ-साथ और भी बहुत कुछ करके स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।

सीजन: दिसंबर से मार्च

इसके अलावा महाराष्ट्र, स्वादिष्ट अल्फांसो आम के लिए भी जाना जाता है। अल्फांसो आम रत्नागिरी और पलशेत में बड़ी मात्रा में उपजाए जाते हैं। रत्नागिरी से भारत के अन्य हिस्सों में यह फल एक्सपोर्ट किया जाता है। दरअसल, पूरा कोंकण बेल्ट हजारों आम के बागानों से भरा हुआ है – उदाहरण के लिए, आप फार्म ऑफ हैप्पीनेस में रुक सकते हैं। यह एक एग्रो-टूरिज्म फार्म स्टे है, जहां ट्रेकिंग, बर्ड वॉचिंग, स्टारगेजिंग और मछली पकड़ने के साथ-साथ, ऑर्गेनिक फार्मिंग में अपना हाथ आज़मा सकते हैं। 

सीजन: मई से अगस्त

2. मेघालय की स्ट्रॉबेरी

Meghalaya is famous for its rich strawberry cultivation
Meghalaya is famous for its rich strawberry cultivation

री भोई जिले में स्थित सोहलिया का छोटा सा गांव अपनी समृद्ध स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए लोकप्रिय है। यहां करीब हर घर में इस फल को उगाया जाता है। दरअसल, इस गांव को राज्य में स्ट्रॉबेरी क्रांति का नेतृत्व करने का श्रेय भी दिया जाता है।

यह जगह आपको अपना अगला वेलेंटाइन्स डे मनाने की एक सुंदर जगह और माहौल भी दे सकता है – हर साल, सोहलिया और उमसिंग के गांवों में 14 फरवरी को एक स्ट्रॉबेरी उत्सव होता है, जहां लोग स्वादिष्ट फसल के साथ स्ट्रॉबेरी वाइन और आइसक्रीम का मज़ा ले सकते हैं। मेघालय के लोग इस फल को प्यार का प्रतीक मानते हैं।

सीजन: जनवरी से मार्च

3. मणिपुर के अनानास

Fruit picking destinations in India - Pineapples in Manipur
Fruit picking destinations in India – Pineapples in Manipur

मणिपुर अनानास की खेती में भारत का नेतृत्व करता है। यह अपने हरे भरे खेतों और पाइनएप्पल फेस्टिवल के लिए जाना जाता है। इस राज्य के चुराचंदपुर में अनानास की फसल सबसे ज्यादा होती है। यहां अगस्त के अंत या सितंबर के पहले सप्ताह में अनानास महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है। आपको यहां, विशेष रूप से, थायोंग का गाँव हरे-भरे अनानास के खेतों से भरा हुआ मिलेगा।

सीजन: मार्च से सितंबर

4. फलों के लिए मशहूर इंडियन स्टेट्स में से एक पंजाब के ‘किन्नू’

Fruit picking destinations in India - Kinnow in Punjab
Kinnow in Punjab

अबोहर, फाजिल्का, होशियारपुर, मुक्तसर साहिब और बठिंडा जैसे जिलों में हजारों हेक्टेयर में हरे-भरे किन्नू के बाग मिल जाएंगे। यह मैंडरिन फल की उच्च उपज वाली किस्म है। एक पेड़ से लगभग 1,000 फल मिल सकते हैं। आप इस फल का उपयोग ठंडे-ठंडे जूस, स्क्वैश, केक आदि बनाने के लिए कर सकते हैं।

पेड़ से किन्नू तोड़ने का अनुभव लेने के लिए आप होशियारपुर के साइट्रस काउंटी जैसे फार्म में भी जा सकते हैं।

सीजन: अक्टूबर अंत से फरवरी

5. उत्तराखंड में बेर, आड़ू और खुबानी 

Fruit picking destinations in India - Plum in Uttarakhand
Plum in Uttarakhand

उत्तराखंड का रामगढ़ जिले में बेर, आड़ू, खुबानी, नाशपाती और सेब के बाग हैं। रामगढ़ को ‘कुमाऊं के फलों का कटोरा’ भी कहा जाता है। विशेष रूप से दिल्ली और उसके आसपास रहने वालों के लिए यह एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन है। यहां कई प्रकार के बाग और होमस्टे हैं, जहाँ आप न केवल गर्मियों से राहत पा सकते हैं, बल्कि ताज़ी फसल का आनंद भी ले सकते हैं।

मुक्तेश्वर का शीतला, इन बागों के बीच रहने के लिए एक शांत जगह है।

सीजन: मई से अगस्त

6. जम्मू और कश्मीर व हिमाचल प्रदेश में सेब

Apples in Himachal Pradesh & Jammu Kashmir
Apples in Himachal Pradesh & Jammu Kashmir

कहानी कुछ ऐसी है कि सैमुअल स्टोक्स, जिन्हें सत्यानंद नाम से भी जाना जाता है, एक आध्यात्मिक यात्रा पर भारत पहुंचे और उन्हें इस देश से इतना प्यार हो गया कि उन्होंने इसे एक स्थायी घर बना लिया। उन्होंने अपनी ऊर्जा खेती के लिए समर्पित कर दी। हिमाचल प्रदेश को सेब की एक नई अमेरिकी किस्म देने का श्रेय उनको ही दिया जाता है।

आज, पहाड़ी क्षेत्र ताजा सेबों के बागान से भरे हुए हैं। दरअसल, यहां 1.75 लाख से अधिक परिवार आज जीवन यापन के लिए फलों पर निर्भर हैं।

इसलिए अगर आप किन्नौर, शिमला, मंडी या कुल्लू की ओर जा रहे हैं, तो आपको कई बाग मिलेंगे जहां सेब से लदे पेड़ देखे जा सकते हैं। अगर आप जम्मू और कश्मीर जाते हैं, तो आपको बहुत सारे बाग मिलेंगे, जहां आप फलों का आनंद ले सकते हैं। यह राज्य दुनिया भर में अपने मीठे सेबों के लिए प्रसिद्ध है।

आपको श्रीनगर, गांदरबल, बडगाम, बारामूला, अनंतनाग और शोपियां जैसे जिलों में काफी मात्रा में सेब मिलेंगे। विशेष रूप से प्रसिद्ध बारामूला में सोपोर शहर है, जिसे कश्मीर का एप्पल टाउन भी कहा जाता है। यहां एशिया की दूसरी सबसे बड़ी फल मंडी भी है।

सीजनः जून से सतंबर

7. फलों के लिए मशहूर इंडियन स्टेट्स में से एक बिहार की लीची

Bihar is famous for Lychee
Lychee in Bihar

मुजफ्फरपुर को भारत का ‘लीची साम्राज्य’ कहा जाता है। यह शहर सुगंधित और स्वादिष्ट शाही लीची के लिए जाना जाता है। मुजफ्फरपुर से लीची पूरे देश में एक्सपोर्ट की जाती है। वैशाली, समस्तीपुर, चंपारण और बेगूसराय जिलों में कई खेत और बाग हैं, जहां आप इन स्वादिष्ट फलों का मज़ा ले सकते हैं।

लीची से आप ताजा शर्बत या फिरनी बना सकते हैं। इसे झींगे और पोर्क के साथ भी बनाया जाता है।

सीजन: मई से जून

8. महाराष्ट्र के अंगूर

Fruit picking destinations in India - Grapes in Nasik
Grapes in Nasik

सबसे पहले फ़ारसी आक्रमणकारियों द्वारा भारत लाए गए अंगूर, महाराष्ट्र में काफी मात्रा में पाए जाते हैं, विशेष रुप से नासिक (जिसे ‘भारत की वाइन कैपिटल’ भी कहा जाता है), सांगली, सतारा और अहमदनगर में। नासिक में अंगूर के बागों में सबसे ताजे अंगूरों (चाहे उनके फल के रूप में हों या बेहतरीन वाइन के रूप में) का मजा लिया जा सकता है।

सतारा, बीड और लातूर जैसे जिले उन प्रमुख जगहों में से हैं, जिन्हें सुला, यॉर्क और ज़म्पा जैसे टॉप वाइनमेकर्स द्वारा चुना गया है। अंगूर की पेराई के मौसम को चिह्नित करने के लिए हर फरवरी में, नासिक अंगूर फसल उत्सव मनाता है, जो अप्रैल तक चलता है।

नासिक में लोकप्रिय खेतों में सुला और वैलोन विनयार्ड शामिल हैं और अधिकांश क्षेत्रों में, आप न केवल फल तोड़ने का आनंद ले सकते हैं, बल्कि थोड़ा औऱ मजे के लिए अंगूर स्टांपिंग में भी भाग ले सकते हैं।

सीजन: जनवरी से मई

9. फलों के लिए मशहूर इंडियन स्टेट्स में से एक कर्नाटक के स्ट्रॉबेरी

Strawberries in Meghalaya
Strawberries in Meghalaya

कर्नाटक के किसानों के लिए स्ट्रॉबेरी की खेती काफी नई है। लेकिन समय के साथ इसकी मांग काफी बढ़ गई है। बेंगलुरु शहर के पास चिक्कबल्लापुर और राजनुकुंटे जैसे क्षेत्र, आमतौर पर अंगूर की खेती, अनाज और रेशम के कीड़ों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन अब इन क्षेत्रों ने भी स्ट्रॉबेरी उगाना शुरू कर दिया है।

अगर आप बेंगलुरु में या उसके आसपास हैं, तो आप स्ट्रॉबेरी लेने के लिए, मराठी पाल्या में 20 एकड़ के खेत, होलसम फ़ार्म पर जा सकते हैं।

सीजन: नवंबर से मार्च

10. लद्दाख में खुबानी

Fruit picking destinations in India - Apricots in Ladakh
Apricots in Ladakh

इंडियन स्टेट्स में से एक लद्दाख में चुल्ली कहे जाने वाले खुबानी की खेती पिछले 100 वर्षों से इस क्षेत्र में व्यापक रूप से की जाती रही है। यहां, आपको दुनिया की सबसे मीठी खुबानी, रक्तसे कार्पो भी मिलेगी, जो कि ज्यादातर जैविक रूप से उगाई जाती है। अन्य किस्मों में हलमन, सफैदा, लक्स्टे-कार्पो और खांतेह शामिल हैं। आप इसका उपयोग मटन के व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए, जैम, अचार आदि के रूप में कर सकते हैं।

त्सोगस्ती के एप्रीकॉट विलेज होमस्टे में सबसे पके हुए खुबानी चुनने का मजा लिया जा सकता है।

सीजन: जुलाई से सितंबर

संपादनः अर्चना दुबे

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