हर माता-पिता को अपने बच्चों को आगे बढ़ते देखकर बहुत ख़ुशी मिलती है। ऐसी ही कहानी है एक पिता और बेटी की, जो आपके चेहरे पर मुस्कान ले आएगी।
बीते रविवार को तेलंगाना में हैदराबाद के एक बाहरी इलाके कोंगारा कलान में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सार्वजनिक बैठक में पुलिस उपायुक्त ए आर उमामहेश्वर शर्मा ड्यूटी पर थे। उसी स्थान पर जगित्याल जिला की पुलिस अधीक्षक सिंधु शर्मा भी थीं। इस इवेंट में उन पर महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी।
इस मौके पर उमामहेश्वर ने अपनी बेटी सिंधु को सैल्यूट किया, जो रैंक में उनसे ऊपर हैं।
द बेटर इंडिया के साथ हुई विशेष बातचीत में उमामहेश्वर ने बताया, "वह मेरी सीनियर अफसर है। जब भी मैं काम के समय उसे देखता हूँ तो सैल्यूट करता हूँ। बाकी जब हम घर आ जाते हैं तो फिर से वही पिता और बेटी की तरह होते हैं। हम कभी भी काम या काम से सम्बंधित कोई भी बात घर पर लेकर नहीं आते।"
उन्होंने बताया, "घर पर केवल एक बॉस है और वह है सिंधु की मम्मी। उनके बिना घर का कोई भी फैसला नहीं लिया जाता है।"
जब रविवार के इवेंट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया, "यह पहली बार था जब हम ड्यूटी पर साथ थे। हमारा रिश्ता काम पर और घर पर बिल्कुल अलग है। कानून की पढ़ाई करने के बाद जब सिंधु ने सिविल सर्विस करने का फैसला किया तो मैं बहुत खुश हुआ।"
वे आगे बताते हैं, "घर पर मैं सिंधु के बेटे का जिम्मेदार नाना हूँ। और वह भी घर पर माँ के रोल की कैप भी बिल्कुल वैसे ही पहनती है जैसे कि ड्यूटी पर।"
उमामहेश्वर ने अपनी नौकरी सब-इंस्पेक्टर के रूप में साल 1985 में शुरू की थी जबकि उनकी बेटी सिंधु साल 2014 में आईपीएस बनी। इन चार सालों की सर्विस में यह पहली बार था जब पिता और बेटी साथ में ड्यूटी पर थे।
उमामहेश्वर, जो एक साल में रिटायर होने वाले हैं उनके लिए यह पल हमेशा उनकी खूबसूरत याद बनकर रहेगा।
इस इवेंट में साथ में काम करते हुए पिता और बेटी की एक झलक यहां देखें -
संपादन - मानबी कटोच