कमल फूल को देखकर हर किसी का मन खुश हो जाता है। आज हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह आप इसे अपने गार्डन में भी उगा सकते हैं।
कमल भारत का राष्ट्रीय फूल है। इसे यह मान्यता अपने भारतीय मूल, हमारी संस्कृति के साथ लंबे जुड़ाव और इसकी उपयोगिता के कारण मिली है। भारतीय संस्कृति में कमल का आध्यात्मिक महत्व होने के साथ-साथ सामाजिक महत्व भी है, क्योंकि यह एक मनोभाव को दर्शाता है कि समाज में गंदगी चाहे जितनी भी हो, अच्छी चीजें अपना जगह बना ही लेती हैं। इस फूल से हमें हमेशा सकारात्मक रहने की प्रेरणा मिलती है।
कमल के बीज, जिससे कि मखाना बनाया जाता है, एक काफी पौष्टिक खाद्य पदार्थ है। मखाने में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, आदि प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
कमल फूल के रस को घरेलू नुस्खे के तौर पर जले-कटे में इस्तेमाल किया जाता है, वहीं इसके तने को सब्जी और अचार बनाने में इस्तेमाल में लाया जाता है।
सामान्यतः कमल की खेती किसी स्थायी जल निकाय में की जाती है, लेकिन आज उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में अपने छत पर 100 से अधिक पौधों की बागवानी करने वाली संगीता श्रीवास्तव गमले में कमल के फूल को उगाने का तरीका साझा कर रही हैं।
संगीता ने द बेटर इंडिया को बताया, “कमल के पौधे को दो तरीके से तैयार किया जा सकता है – पहला कटिंग से, दूसरा – बीज से।”
वह आगे बताती हैं, “कटिंग के द्वारा कमल के पौधे को जड़ों से ही प्रोपेगेट करके तैयार किया जाता है। इसमें थोड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है, क्योंकि यदि थोड़ी सी गलती हुई तो मदर प्लांट को भी नुकसान हो सकता है।”
क्या-क्या चाहिए?
- कमल के बीज
- एक पारदर्शी ग्लास
- दो गमले
- चिकनी काली मिट्टी
संगीता के अनुसार, बीज के जरिए कमल के पौधे को कभी भी तैयार किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए बरसात का मौसम सबसे अच्छा है।
वह बताती हैं, “बाजार में कमल का बीज काफी सस्ता और आसानी से मिल जाता है। यदि आप एक टब में लगाना चाहते हैं, तो कमल के 2-3 बीजों को लें और इसके छिलके को थोड़ा सावधानी से क्रैक कर दें। क्योंकि इसके छिलके काफी कठोर होते हैं और इसे स्वाभाविक रूप से अंकुरित होने में काफी वक्त लगता है।”
इसके बाद, इन बीजों को एक पारदर्शी ग्लास में फूलने के लिए दे दें। एक हफ्ते में आप देखेंगे कि इसमें छोटे-छोटे अंकुर आ रहे हैं।
संगीता कहती हैं, “एक गमले में चिकनी काली मिट्टी को गीला कर भर दें और अंकुरित बीजों को बेहद सावधानी से ग्लास से निकाल कर गमले में लगा दें।”
इसके बाद, 6×8 के एक अन्य गमले में पानी भरें और बीज लगे गमले को इसमें रख दें। ध्यान रहे कि यह ज्यादा ऊँचा या गहरा न हो, क्योंकि इससे पौधों को बढ़ने में दिक्कत होती है।
संगीता बताती हैं, “इस तरह कमल का पौधा एक हफ्ते में तैयार हो जाता है और इसमें फूल आने में करीब छह-सात महीने लगते हैं।”
क्या है रखरखाव का तरीका
संगीता कहतीं हैं कि गमले के एक चौथाई पानी को हर 15 दिन में बदलते रहें, क्योंकि पानी गंदा होने से पौधे में कीट लग सकता है।
यदि पत्तियाँ सड़ रही हैं, तो इसे तुरंत हटा दें, नहीं तो यह बढ़ता जाता है। आप पानी को साफ रखने के लिए इसमें छोटी-छोटी मछलियों को भी रख सकते हैं, क्योंकि मछलियाँ सभी गंदगी को खा जाती हैं।
“आप पौधे को तेजी से बढ़ने के लिए बोनमील और एनपीके का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन इसे सीधे तौर पर पानी में न डालें, क्योंकि इससे पौधे को नुकसान हो सकता है। इसलिए इसे कपड़े में बाँध कर पानी में रख दें। वहीं, कीटों से बचाव के लिए नीम और हल्दी का स्प्रे भी किया जा सकता है,” संगीता ने बताया।
फूल के साथ बीज भी हो जाता है तैयार
संगीता कहतीं हैं, “कमल का बीज इसके फूल के साथ ही तैयार हो जाता है। इसे धूप में सूखाने के बाद इसे भून दें। इस तरह, छोटी-मोटी जरुरतों के लिए घर में ही मखाना की पूर्ति हो सकती है।”
किन-किन बातों का रखें ध्यान
- कमल को उगाने के लिए चिकनी काली मिट्टी का ही इस्तेमाल करें।
- पर्याप्त धूप लगने दें।
- हर 15 दिन में पानी बदलें।
- गमला ज्यादा ऊँचा और गहरा न हो, इससे पौधे को बढ़ने में दिक्कत होती है।
- नियमित रूप से हल्दी या नीम ऑयल स्प्रे करें।
तो देर किस बात की, आप भी इन टिप्स को फॉलो कर अपने घर में कमल फूल उगाने की तैयारी शुरू कर दें। यकीन मानिए कमल के फूल से आपके गार्डन की सुंदरता बढ़ जाएगी।
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संपादन – जी. एन झा