Placeholder canvas

अब स्थानीय भाषाओं में भी बन सकेगा ईमेल एड्रेस; हिन्दी से होगी शुरुआत।

भारत सरकार के इलेक्ट्रानिक और आईटी मंत्रालय द्वारा ईमेल एड्रेस को स्थानीय भाषाओं में बना पाने (जिसकी शुरूआत हिन्दी से होगी) के सन्दर्भ में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें आधुनिक टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनियों में शुमार माइक्रोसॅाफ्ट , गूगल, रैडिफ के सदस्यों ने मिलकर इस सम्बन्ध में सकारात्मक निर्णय लिया।

भारत सरकार के इलेक्ट्रानिक और आईटी मंत्रालय द्वारा ईमेल एड्रेस को स्थानीय भाषाओं में बना पाने (जिसकी शुरूआत हिन्दी से होगी) के सन्दर्भ में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें आधुनिक टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनियों में शुमार माइक्रोसॅाफ्ट , गूगल, रैडिफ के सदस्यों ने मिलकर इस सम्बन्ध में सकारात्मक निर्णय लिया।

 

इकोनॅामिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रालय ग्रामीण और अर्द्धग्रामीण क्षेत्रों में भी डिजिटलाइजेशन के लिए प्रयासरत है। इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्रालय में ज्वाइन्ट सेक्रेटरी राजीव बंसल का कहना है:

“अगले कुछ सालों में ‘भारत नेट प्रोजेक्ट’ के अन्तर्गत 2,50,000 ग्राम पंचायतों को हाई स्पीड  इन्टरनेट से जोड़ने की योजना है। इस योजना से पहले यह सुनिश्चित हो जाना चाहिए कि वे इसका प्रयोग उचित रूप से कर पाए।”

 

इस मीटिंग में शामिल माइक्रोसाफ्ट और रैडिफ के प्रतिनिधियों ने उम्मीद जतायी कि यह टेक्नोलॉजी ईमेल एड्रेस के लिए ऐसी लिपि विकसित करने में सक्षम होगी जो देवनागरी पर आधारित हो। गूगल के चपारो मोंफेर्रेर का कहना  है-

“भविष्य में हम जीमेल एकाउंट में ऐसा कुछ संभव करने की पूरी कोशिश करेंगे।”

 

सामान्यतः, ईमेल एड्रेस लैटिन लिपि में लिखे गए कैरेक्टर्स को प्रयोग में लाने में सक्षम है,लेकिन अंतर्देशीय ईमेल फ्रेमवर्क किसी भी स्थानीय भाषा में ईमेल आईडी को सहयोग करता है।इसमें रशियन, ग्रीक, चाइनीज़ और हिन्दी शामिल हैं। यह एड्रेस ए एस सी आई आई(ASCII) कैरेक्टर के स्थान पर यूनिकोड कैरेक्टर का प्रयोग करते हैं।

 

माइक्रोसॅाफ्ट का कहना है कि उनके सॅाफ्टवेयर का सबसे नया संस्करण अंतर्देशीय ईमेल एड्रेस को सहयोग करता है। गूगल ने भी 2014 से नॅान-लैटिन कैरेक्टर्स(जैसे-चाइनीज़, देवनागरी आदि ) पर आधारित आईडी को पहचानना शुरू कर दिया था। अब इस दिशा में आगे कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।

 

सरकार के इस प्रशंसनीय कार्य से आने वाले समय में भारत के प्रत्येक व्यक्ति की उंगलियों पर दुनिया होगी तथा विकास की गति में तीव्रता आएगी।

featured image source

 

यदि आपको ये कहानी पसंद आई हो या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें contact@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter (@thebetterindia) पर संपर्क करे।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

X