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कोरोना वायरस: इन्फेक्शन का है शक, तो ऐसे बरत सकते हैं सावधानी!

11 मार्च, 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस (Coronavirus) को महामारी घोषित किया है जिसका मतलब होता है ‘किसी नई बीमारी का पूरी दुनिया में फैलना।’

दिसंबर में यह वायरस पहली बार सामने आया और उसके बाद अंटार्टिका को छोड़कर यह सभी महाद्वीपों में फ़ैल चुका है। कोरोना वायरस के अब तक 1,21,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और इनमें से 4,300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

भारत में लगातार Covid- 19 के मरीज़ बढ़ रहे हैं और सरकार ने 15 अप्रैल तक सभी टूरिस्ट वीज़ा रद्द कर दिए हैं। साथ ही, जिन सात देशों पर कोरोना वायरस का कहर सबसे ज्यादा है, जिनमें चीन, इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी शामिल हैं, वहाँ से आने वाले सभी यात्रियों को अलग रखा गया है। सिर्फ डिप्लोमेटिक वीज़ा और अंतरराष्ट्रीय संगठन, नौकरी व खास प्रोजेक्ट्स के लिए आने-जाने वाले लोगों का वीज़ा इस नए नियम के अंतर्गत नहीं आएगा।

भले ही भारत में वायरस से इंफेक्टेड लोगों की संख्या कम है लेकिन हमें यह ध्यान रखना होगा कि इसके लक्षण दिखने में दो हफ्ते का समय लगता है। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि हम अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करें कि यह न फैले। इसका एक उपाय यह है कि कोरोना वायरस के संक्रमित व्यक्ति और उसके संपर्क में आने वाले लोग खुद को घर में सबसे अलग रखें।

किसे घर में अलग/आइसोलेशन में रहना चाहिए?

प्रतीकात्मक तस्वीर

1. वह इंसान जो वायरस से संक्रमित मरीज़ के संपर्क में रहा हो या फिर ऐसी जगह पर रहा हो जहाँ कोरोना वायरस फैला हुआ है। ऐसे में हो सकता है कि उस व्यक्ति को भी इन्फेक्शन हो जाए और इससे उसके बीमार होने के चांस बहुत ज्यादा हो जाएंगे।

2. कोई भी व्यक्ति, जो उसी घर में रहता है जहाँ Covid-19 का मरीज़ डिटेक्ट हुआ है या फिर जिसका बिना कोई सुरक्षा के Covid-19 के मरीज़ से सीधा संपर्क हुआ है, उसे भी सावधानी बरतने की ज़रूरत है। अगर आपका किसी Covid-19 के मरीज़ से सिर्फ 1 मीटर की दूरी से सामना हुआ है या फिर आपने साथ में कोई हवाई यात्रा की है, तब भी आपको आइसोलेशन में रहने की ज़रूरत है।

कितने समय के लिए रहना होगा आइसोलेशन में?

यदि आप Covid-19 के मरीज़ के संपर्क में आए हैं तो कम से कम 14 दिनों के लिए आप अपने घर में एक अलग कमरे रहें। ऐसा तब तक करें, जब तक कि लैब से आपके टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आ जाती।

घर में ही अलग/आइसोलेशन में रहने का आखिर क्या है मतलब?

1. घर के ऐसे कमरे में रहना जहाँ अच्छा वेंटिलेशन हो और अटैच बाथरूम हो ताकि बाकी कमरों से ज्यादा संपर्क न रहे।

2. अगर आपको कमरे में किसी और के साथ रहना भी पड़ रहा है तो सलाह यही है कि आप उनसे 1 मीटर की दूरी बनाकर रखें।

3. अगर घर में बच्चे, बुजुर्ग या फिर कोई गर्भवती महिला हैं तो उनसे एक सुरक्षित दूरी बनाकर रहना अनिवार्य है।

4. ध्यान रखें कि जिस व्यक्ति को अलग रहना है वह घर से बाहर बिल्कुल भी न निकले।

5. जब तक कि आपकी रिपोर्ट नेगेटिव न आ जाएं तब तक आप किसी भी आयोजन या फिर पार्टी आदि का हिस्सा न बनें और न ही किसी को अपने घर बुलाएं।

6. अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से बार-बार धोएं।

यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स के रसायन विज्ञान के प्रोफेसर पल्ली थोरार्सन के इस वायरल ट्विटर थ्रेड के अनुसार, अल्कोहल-आधारित सैनीटाइज़र उपयोगी हैं, लेकिन साबुन इस वायरस को दूर करने का सबसे प्रभावी तरीका है।

Keep cleaning your hands.

7. जिस समय आप आइसोलेशन में होते हैं उस दौरान कोई घरेलू सामान जैसे कि कप, गिलास, कटलरी आदि को भी दूसरों से शेयर न करें ऐसा करने से वायरस के फैलने की संभावना बढ़ जाएगी।

8. यहां तक ​​कि अगर आप अपने घर में ही आइसोलेशन में हैं, तब भी सुनिश्चित करें कि आप एक सर्जिकल मास्क पहनें ताकि वायरस के फैलने का खतरा कम से कम हो।

9. ध्यान रहे कि हर 6 से 8 घंटे में यह मास्क डिस्पोज किया जाए। मास्क को डिस्पोज करने के बाद, अपने हाथों को अच्छे से धोएं और फिर नया मास्क पहनें।

10. किसी भी परिस्थिति में, डिस्पोजेबल मास्क का पुन: उपयोग न करें। इस्तेमाल किए हुए मास्क को खुले में न छोड़ें।

11. अगर आप टिश्यू इस्तेमाल कर रहे हैं तो उन्हें तुरंत डिस्पोज करें। उनका दोबारा इस्तेमाल नहीं करना है और न ही उन्हें बाहर छोड़ना है।

12. घर के बाकी सदस्यों के साथ तौलिया और कपड़े शेयर न करें।

13. अगर आपको डॉक्टर के पास जाने के लिए घर से निकलना पड़ रहा है तो अपने निजी वाहन में ही जाएं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल न करें क्योंकि ऐसा करने से आप जिसके संपर्क में आयेंगे, उसे इन्फेक्शन होने का खतरा होगा।

14. यदि आपको सांस लेने में तकलीफ हो रही है और आपके लक्षण बढ़ते जा रहे हैं तो तुरंत अपने नजदीकी हेल्थ सेंटर पर जाएं या फिर सरकार द्वारा निर्धारित केंद्रों पर जाएं। इन केंद्रों की सूची आप यहाँ देख सकते हैं।

देखभाल करने वालों के लिए कुछ सलाह:

1. जब भी आप मरीज़ के आस-पास हों तो हमेशा मास्क पहनें और यदि आपको उनके शरीर के किसी फ्लूइड को छूना है तो हाथों में दास्तानें पहनना ज़रूरी है।

2. ध्यान रखें कि इस्तेमाल करने के तुरंत बाद आप मास्क और दस्तानों को डिस्पोज कर दें। किसी भी कीमत पर इन्हें फिर से इस्तेमाल न करें। भले ही उनका उपयोग केवल कुछ सेकंड के लिए किया गया हो।

3. मरीज़ द्वारा पहने गये कपड़ों को अपने हाथों से न छुएं। कपड़े धोने से पहले उन्हें डिसइंफेक्ट/कीटाणुनाशक सॉल्यूशन में डुबोया जाना चाहिए। साथ ही, इन कपड़ों को अलग से धोना चाहिए।

4. जब तक मरीज़ को आइसोलेशन में रखा गया है तब तक बाहर से किसी को घर में न आने दें।

5. मरीज़ जिन भी जगहों को छू रहा है, उन्हें आप सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन की कुछ बूंदे इस्तेमाल कर साफ़ और कीटाणुरहित कर सकते हैं।

6. शौचालय को किसी अच्छे क्लीनिंग एजेंट से साफ़ करें ताकि यह भी डिसइंफेक्ट हो जाए।

Covid-19 के बारे में फ़ैल रहे मिथकों के बारे में पढ़ने के लिए यहाँ पर क्लिक करें।

मूल लेख: विद्या राजा

संपादन – अर्चना गुप्ता


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