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कोरोना वायरस अलर्ट: कैसे करें आपातकालीन स्थिति की तैयारी और किन चीज़ों की खरीददारी!

भारत में Covid- 19 के अब तक 152 मामले सामने आ चुके हैं और इस खतरनाक वायरस के चलते इनमें से 3 की जान चली गयी है। पिछले 48 घंटों में और भी नए मामले सामने आए और इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के डायरेक्टर जनरल, बलराम भार्गव के मुताबिक, भारत अभी दूसरी स्टेज या फिर कहें कि लोकल ट्रांसमिशन स्टेज पर है।

आखिर क्या है स्टेज 1 से लेकर स्टेज 4:

Coronavirus

स्टेज 1: जब देश में उन लोगों को इंफेक्शन होने का खतरा था, जो हाल ही में दूसरे देशों की यात्रा करके आए हैं।

स्टेज 2: जब इन यात्रा करके आए हुए लोगों से उनके परिवार वालों और दोस्तों को वायरस फैला। इस स्टेज को ही ‘लोकल ट्रांसमिशन’ स्टेज कहते हैं।

स्टेज 3: इसे ‘कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज’ भी कहेंगे क्योंकि इसमें पूरे समुदाय को वायरस फैलने का खतरा है।

स्टेज 4, एपिडेमिक/महामारी स्टेज है।

भारत के कई राज्यों ने Covid-19 को महामारी घोषित कर दिया है और इसे रोकने के लिए ज़रूरी कदम उठा रहे हैं। ये कदम लोगों के लिए सख्त हैं लेकिन डॉ. भार्गव के मुताबिक एकदम सही कदम हैं।

सरकार लोगों को घर पर रहने के लिए कह रही है और जितना हो सके एक-दूसरे से दूरी बनाने (Social Distancing) के लिए कह रही है ताकि इस वायरस का संक्रमण रोका जा सके। लेकिन सरकार के यह दिशा-निर्देश बहुत से लोगों के मन में एक डर बना रहे हैं। जिस वजह से लोग अपने घरों के लिए बहुत ज्यादा मात्रा में सामान खरीद कर रख रहे हैं।

हमने दूसरे देशों की न जाने कितनी ही खबरें देखी हैं कि लोग अपने घरों के लिए राशन, मेडिकल, आदि सभी चीजों को जमा कर रहे हैं और इस वजह से दुकानों में सामान की कमी हो रही है।

किसी भी तरह की परिस्थति के लिए तैयार रहना ज़रूरी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप भागकर सुपरमार्केट पहुँच जाएं। हमें यह समझना होगा कि इस स्थिति में माहौल को संयमित बनाए रखने के लिए कितनी मात्रा में दवाइयां और ग्रॉसरी का सामान रखना है।

द बेटर इंडिया ने वाई. आर. गायतोंडे सेंटर फॉर एड्स रिसर्च एंड एजुकेशन की क्लिनिकल एपिडेमियोलॉजिस्ट, डॉ. रिफ़ा तज़यीम खान से इस बारे में बात की। उनसे हमने समझा कि आपातकालीन स्थिति में नागरिकों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं?

“कोरोना वायरस के लिए, कोई भी पहले से किसी तरह की दवाइयां स्टॉक करके नहीं रख सकता है। अगर आपको इसके लक्षण दिखना शुरू हो गयें हैं तो सबसे पहले आप सरकार द्वारा स्थापित किसी केंद्र में अपना टेस्ट करवाएं।”

कोरोना वायरस के लक्षणों में, नाक का बहना, गले में दर्द, खांसी, बुखार, ज्यादा तबीयत खराब होने पर सांस लेने में परेशानी और किसी-किसी केस में डायरिया शामिल हैं।

पहले से सामान इकट्ठा करने के बारे में डॉ. खान कहतीं हैं, “स्टॉक करें, लेकिन आप जमाखोरी न करें। अगर कोई किसी बीमारी के चलते नियमित तौर पर मेडिसिन पर है तो आप वो दवाइयां स्टॉक में खरीद सकते हैं ताकि दो महीने तक आपका काम चल जाए। हम हमारे मरीज़ों को भी यही कहते हैं।”

ग्रॉसरी और दूसरी ज़रूरी चीजें:

Be mindful when you shop.

द सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक हमें अपने घर की ज़रूरत के हिसाब से एक योजना बनाने की ज़रूरत है। इसके लिए आप कुछ दिशा-निर्देश पढ़ सकते हैं:

1. सबसे पहले अपने परिवार के सदस्यों से बात करें, जिन्हें आपको योजना में शामिल करना है और सुनिश्चित करें कि आप सभी इससे सहमत हों। पहले ही इस बात पर गौर करें कि यदि घर का कोई भी सदस्य Covid-19 के लिए पॉजिटिव टेस्ट होता है तो आप कैसे इस स्थिति को संभालेंगे। अगर आपको घर पर ही आइसोलेशन में रहने की सलाह मिलेगी, तो आप पहले से तय कर लें कि किस कमरे में उस सदस्य को रखा जाएगा।

2. इंफेक्शन फैलने का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों, बुजुर्गों और पहले से किसी बीमार व्यक्ति को है तो उनका खास ख्याल रखें। उन्हें बाहर से आने वाले लोगों से दूर रखें।

3. उन लोगों के फ़ोन नंबर पहले से अपने पास तैयार रखें जो ज़रूरत के समय आपकी मदद कर सकते हैं। अपने सबसे नज़दीकी हेल्थकेयर सेंटर के बारे में भी जान लें, जहाँ आप टेस्ट के लिए जा सकते हैं। सरकार द्वारा स्थापित 52 टेस्ट केंद्रों के बारे में यहाँ पर पढ़ें!

4. आपातकालीन स्थिति में जिन लोगों को संपर्क किया जा सकता हैं, उनकी एक सूची बनाएं और घर के सभी सदस्यों को दें।

डर और भय में की गई खरीददारी और एक आपातकालीन स्थिति के लिए की जाने वाली खरीददारी में बहुत फर्क होता है। ध्यान रखें कि आप शॉपिंग के लिए तभी जाएं जब आप बहुत शांत हों और संयमित हों ताकि आप जल्दबाजी में कुछ भी न खरीदें।

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अंत में सबसे ज़रूरी यही है कि आप किसी भी चीज की जमाखोरी न करें बल्कि समझदारी से सिर्फ अपनी ज़रूरत के हिसाब से (14 दिनों के लिए) सामान स्टॉक करें। ध्यान रहे कि डर, वायरस से जल्दी फैलता है!

मूल लेख: विद्या राजा

संपादन – अर्चना गुप्ता


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