नेत्रहीन नागरिकों के लिए एक पहल, 'ब्रेल लिपि' में लिखा गया भारतीय संविधान!

नेत्रहीन नागरिकों के लिए एक पहल, 'ब्रेल लिपि' में लिखा गया भारतीय संविधान!

प्रतीकात्मक तस्वीर

साल 2018 में, संविधान दिवस के मौके पर भारत सरकार ने नेत्रहीन नागरिकों के लिए एक पहल की। दरअसल, नेत्रहीन नागरिकों के लिए 'भारतीय संविधान' को ब्रेल लिपि में उपलब्ध करवाया गया है। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ।

ब्रेल लिपि वह लिपि है जिसको विश्व भर में नेत्रहीनों को पढ़ने और लिखने में छूकर व्यवहार में लाया जाता है। छह बिंदुओं के उपयोग कर 64 अक्षर और चिह्न वाली यह लिपि बनायी गई है।

संविधान को इस लिपि में लिखने के प्रोजेक्ट पर स्वागत थोराट (फाउंडर, स्पर्शज्ञान अख़बार) ने 'सावी फाउंडेशन' और 'द बुद्धिस्ट एसोसिएशन फॉर विज़ुअल्ली इम्पेयर्ड' के साथ मिलकर काम किया। अब कोई भी नेत्रहीन व्यक्ति जो कि ब्रेल लिपि में पढ़ना जानता हैं वह खुद भारतीय संविधान को पढ़ सकता है। संविधान को पांच भागों में विभाजित कर उसे ब्रेल लिपि में लिखा गया है।

स्वागत थोराट ने साल 2008 में मराठी भाषा में ब्रेल अख़बार, 'स्पर्शज्ञान' की शुरुआत की थी। यह भारत का पहला ब्रेल अख़बार है। उन्हीं के प्रयासों से हिंदी भाषा में भी ब्रेल अख़बार 'रिलायंस दृष्टि' की शुरुआत की गई है। थोराट ने कहा, "वे संविधान के साथ और भी पुस्तकें ब्रेल लिपि में प्रकाशित करेंगे ताकि जो भी नेत्रहीन छात्र वकालत या फिर प्रशासनिक सेवाओं में जाने का सपना देखते हैं, उनकी मदद हो सके।"

ब्रेल लिपि 150 पन्नों को पार नहीं कर सकती इसलिए संविधान को पांच भागों में विभाजित कर प्रकाशित करने का निर्णय लिया गया।

भारत में ब्रेल लिपि को साल 1950 के बाद अपनाया गया। भारतीय भाषाओं की लिपियों को 'ब्रेल पद्धिति' से निरुपित करने के लिए एक समान नियम व निर्देश बनाये गये और इसे 'भारती ब्रेल' कहा गया।

'ब्रेल लिपि' का अविष्कार साल 1821 में एक नेत्रहीन फ्रांसीसी लेखक लुई ब्रेल ने किया था। 4 जनवरी 1809 को जन्में लुई ने बचपन में एक दुर्घटना में अपनी आँखों की रोशनी खो दी थी। लेकिन इस एक दुर्घटना को वो अपने जीवन का सार नहीं बनाना चाहते थे और इस लिए उन्होंने निरंतर प्रयास किये कि वे कुछ ऐसा करें जिससे ना केवल उन्हें बल्कि पूरी दुनिया में उनके जैसे और भी लोगों को लिखने-पढ़ने का मौका मिले। उनके नाम पर ही इस लिपि को 'ब्रेल लिपि' कहा गया।


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर भेज सकते हैं।

Related Articles
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe