Placeholder canvas

कुलथी दाल: धरती पर उपलब्ध सबसे पौष्टिक दाल, वजन घटाने और डायबिटीज के लिए भी है कारगर

kulthi daal

वजन घटाने व डायबिटीज से निपटने में मदद करती है कुलथी की दाल, जानें इसके 10 फायदे

कुलथी दाल, अंग्रेजी में जिसे हॉर्स ग्राम भी बोलते हैं, आज से कुछ साल पहले जानवरों के खाने की चीज समझी जाती थी। वजह यह है कि इसे मुख्यतः घोड़े और अन्य जानवरों को खिलाने के लिए पैदा किया जाता था। हालिया रिसर्च के बाद चिकित्सा जगत में कुलथी की दाल को एक विशेष दर्जा प्राप्त हुआ है, क्योंकि इस पर किए गए अध्ययन ने इसके कई औषधीय गुणों को उजागर किया है। विशेषज्ञों का ऐसा भी मानना है कि वर्तमान समय में पृथ्वी पर उपलब्ध सबसे पौष्टिक दाल है।

कुलथी को दक्षिण भारत की एक महत्वपूर्ण फसल माना जाता है। इसका रंग गहरा भूरा होता है और देखने में मसूर की दाल की तरह लगती है। दक्षिण भारत के कुछ प्रमुख व्यंजनों जैसे रसम आदि बनाने के लिए भी इसे प्रयोग में लाया जाता है। इस दाल को कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा व तमिलनाडु के अलावा छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी उगाया जाता है। इस दाल का वैज्ञानिक नाम मैक्रोटिलोमा यूनिफ्लोरम (Macrotyloma uniflorum) है।

kulthi daal

आइये जानते हैं इस दाल के फायदे-

1-एक औषधि के रूप में सहायक

कुलथी दाल का सबसे बड़ा फायदा पथरी यानी किडनी स्टोन के लिए माना जाता है। पथरी के लिए कुलथी का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। इसे किडनी स्टोन का इलाज करने के लिए पारंपरिक और वैकल्पिक दवा का दर्जा प्राप्त है। कुलथी दाल एंटीऑक्सीडेंट और शरीर से गंदगी बाहर निकालने वाले गुणों से समृद्ध होती है, जो किडनी से पथरी को बाहर निकालने में मदद कर सकती है।

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, कुलथी दाल एक कारगर मूत्रवर्धक (पेशाब को बढ़ावा देने वाला) के रूप में काम करती है, जो पेशाब के रास्ते किडनी स्टोन को निकालने का काम कर सकती है।

2-डायबिटीज से निपटने में

डायबिटीज से निपटने के लिए भी कुलथी दाल फायदा कर सकती है। रिपोर्ट के अनुसार, हॉर्स ग्राम एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध होती है, जो मधुमेह के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि कुलथी टाइप 2 डायबिटीज पर भी सकारात्मक प्रभाव छोड़ सकती है। इसके अलावा, कुलथी दाल रेजिस्टेंस स्टार्च से भी समृद्ध होती है। यह पोस्टपेंडिअल ग्लाइसेमिक (भोजन के बाद ब्लड ग्लूकोज के स्तर पर कार्बोहाइड्रेट का प्रभाव) और रक्त में इंसुलिन की अधिकता को कम कर मधुमेह के मरीजों को फायदा पहुँचा सकती है।

kulthi daal
कुल्थी दाल की फसल

3. वजन घटाने के लिए

वजन घटाने के लिए भी कुलथी दाल फायदा कर सकती है। यह दाल फाइबर तत्वों से समृद्ध होती है, जो शरीर का वजन नियंत्रित करने का काम करती है। रिपोर्ट के अनुसार, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ मोटापे के बढ़ते स्तर को घटाने का काम कर सकते हैं।

4.कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण

कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए भी कुलथी दाल का सेवन किया जा सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, कुलथी दाल प्रोटीन से समृद्ध होती है और प्रोटीन हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिक (hypocholesterolemic) को रोकने का काम कर सकती है। हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिक वह स्थिति है, जिसके अंतर्गत रक्त में कोलेस्ट्रॉल की कमी हो जाती है। इसके अलावा, कुलथी की दाल फाइबर जैसे पोषक तत्वों से भी समृद्ध होती है, जो एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में अहम भूमिका निभा सकती है।

5. डायरिया से निपटने में सहायक

डायरिया जैसी स्थिती से निपटने के लिए कुलथी के लाभ देखे जा सकते हैं। कुलथी दाल फ्लेवोनॉयड जैसे तत्वों से भरपूर होती है, जिस कारण यह एंटी-डायरिया के रूप में काम करती है। इसके अलावा, कुलथी दाल में मौजूद फाइबर अहम भूमिका निभा सकता है। फाइबर पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है, जो डायरिया से निजात दिलाने में मदद कर सकता है।

6. अल्सर

इस मामले में भी कुलथी दाल में मौजूद फ्लेवोनॉयड की भूमिका देखी जा सकती है। फ्लेवोनॉयड कारगर एंटी-अल्सर की तरह काम करता है। यह अल्सर से उबरने में आपकी मदद कर सकता है। साथ ही अल्सर जैसी स्थितियों में भी फाइबर अहम भूमिका निभा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन पेट के अल्सर से पीड़ित मरीजों को फाइबर युक्त आहार खाने की सलाह देता है। फाइबर पेट की सूजन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में होने वाले दर्द को कम कर पेट के अल्सर के लिए लाभदायक हो सकता है।

kulthi daal

7.सर्दी व बुखार में सहायक

सर्दी और बुखार जैसी शारीरिक समस्याओं से निपटने के लिए भी कुलथी की दाल के फायदे देखे जा सकते हैं। बुखार और सर्दी के लिए इस दाल का प्रयोग पारंपरिक दवाई के रूप में सदियों से किया जा रहा है। कुलथी दाल न सिर्फ सर्दी-बुखार से निजात दिलाने का काम करती है, बल्कि गले के संक्रमण को दूर करने का काम भी कर सकती है।

8. अनियमित माहवारी (Irregular Periods)

अनियमित महावारी महिलाओं में आम समस्या है। इसमें पीरियड्स आने का समयांतराल बिगड़ जाता है या पीरियड्स बहुत देर से आते हैं और असामान्य रक्तस्राव से भी महिला को गुजरना पड़ता है। यहाँ भी कुलथी दाल के फायदे देखे जा सकते हैं। यूनानी चिकित्सा पद्धति में इलाज के लिए कुलथी दाल का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। इसका सकारात्मक प्रभाव अनियमित माहवारी जैसी स्थितियों पर भी दिख सकता है। हालांकि, इस पर अभी कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

9. कब्ज

कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भी कुलथी का सेवन किया जा सकता है। जैसा कि हमने पहले बताया कि कुलथी की दाल फाइबर से समृद्ध होती है, जो कब्ज से निजात दिलाने का काम कर सकती है। फाइबर मल त्याग की प्रक्रिया को सरल बनाता है।

10. पाचन के लिए

यहाँ भी फाइबर की भूमिका देखी जा सकती है। पेट के लिए जरूरी पोषक तत्वों में फाइबर प्रमुख है, जो पाचन क्रिया को सुचारू बनाने के साथ-साथ कब्ज जैसी दिक्कतों से भी छुटकारा दिलाता है। स्वस्थ पाचन के लिए आप कुलथी दाल का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा यह त्वचा के लिए भी लाभदायक है।

लेखक– लवकुश(आवाज़ एक पहल)

संपादन– पार्थ निगम

यह भी पढ़ें“मैं बाहर से सिर्फ आलू-प्याज खरीदती हूँ, बाकी सब उगाती हूँ अपनी छत पर!”

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

Let us know how you felt

  • love
  • like
  • inspired
  • support
  • appreciate
X