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बैंक गार्ड ने 3 साल पहले लगाए थे सहजन के पौधे, आज वही बन गए बढ़िया कमाई का ज़रिया

moringa powder business by bank guard in rajkot

प्रकृति में ऐसी कई वनस्पतियां हैं, जिनका उपयोग दवाओं के रूप में किया जाता है। एलोवेरा, आंवला, नीम जैसी चीजों का इस्तेमाल तो हर कोई कर रहा है। लेकिन कुछ पौधे हैं जिनके गुणों के बारे में हमें ज्यादा जानकारी नहीं है। ऐसा ही एक सुपर फ़ूड है सहजन यानी मोरिंगा। हम इसके फल का सेवन तो सब्जी के रूप में करते ही हैं, लेकिन इसके पत्ते भी कम गुणकारी नहीं हैं। भारत में सदियों से मोरिंगा का इस्तेमाल एक दवा के रूप में किया जाता रहा है। मोरिंगा पाउडर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। मोरिंगा यानी सहजन को सुपरफूड भी कहा जाता है। मोरिंगा न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि इसे ब्यूटी प्रोडक्ट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इस सुपर फ़ूड के फायदे के बारे में जानने के बाद ही, गुजरात के 30 वर्षीय संजय हथवाणी ने इसका बिज़नेस (Moringa Powder Business) शुरू किया। किसान परिवार से आने वाले संजय पेशे से गार्ड हैं। साल 2012 से वह एक बैंक में गार्ड की नौकरी कर रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही वह अपने पिता की खेती में भी मदद करते हैं। 

पिछले साल से संजय भी खेती में हाथ आजमाने लगे हैं। वह खेत पर मोरिंगा और बीट रूट्स जैसी सब्जियां उगाकर, इनसे हर्बल पाउडर (Moringa Powder Business) बना रहे हैं। 

कैसे आया Moringa Powder Business का आईडिया 

Sanjay bhai

मूल रूप से हिंगोलगढ़ गांव के रहनेवाले संजय को खेती में खास रूचि है। बैंक गार्ड की नौकरी शुरू करने से पहले, उन्होंने जसदण शहर में ‘गौ कृपा’ के नाम की आयुर्वेदिक सामान बनाने वाली फैक्ट्री में कुछ समय के लिए काम भी किया था। इस कारखाने में काम करने के दौरान ही, उन्हें हर्बल प्रोडक्ट्स बनाने की जानकारी मिली। वह कुछ प्रोडक्ट्स बनाकर आस-पास के गाँवों में बेचते भी थे। इसी बीच 2012 में, उन्हें राजकोट ग्रामीण बैंक में गार्ड की नौकरी मिल गई। 

संजय को इस तरह के प्रोडक्ट्स के बिज़नेस ( Moringa Powder Business ) और इससे जुड़ी संभावनाओं के बारे में पता था। इसलिए पिछले साल, उन्होंने फिर से यह काम करना शुरू किया। उन्होंने तीन साल पहले तीन मोरिंगा के पेड़ लगाए, जो अब उनकी कमाई का जरिया बन चुके हैं।  

‘अजय नेचर फार्म’ नाम से, 10 बीघा ज़मीन पर संजय का एक छोटा सा फार्म भी है। जहां वह पिछले एक साल से 24 से अधिक प्रकार के हर्बल उत्पाद बनाते हैं। 

घर पर अलग-अलग प्रोडक्ट्स के पाउडर बनाने के लिए, उन्होंने 5500 रुपये की एक मशीन भी खरीदी है।  

वह कहते हैं, “आजकल लोग अच्छे स्वास्थ्य के लिए कई तरह के सुपर फूड का सेवन करते हैं। इसलिए मैंने इस बिज़नेस (Moringa Powder Business) को शुरू करने का फैसला किया। मैं शनिवार और रविवार की छुट्टी के दिन, अपनी पत्नी के साथ मिलकर काम करता हूं। वहीं, मेरे पिता पारंपरिक फसलें जैसे मूंग और मौसमी सब्जियां उगाते है।”

ऑनलाइन मार्केटिंग का लिया सहारा 

All Herbal Products

संजय कहते हैं, “गांव में तो हमें आसानी से ये सारे प्रोडक्ट्स मिल जाते हैं, लेकिन शहरों में लोगों को शुद्ध हर्बल पाउडर नहीं मिलते। इसलिए मैंने अपने प्रोडक्ट्स की अच्छी पैकजिंग की। मेरे बनाए मोरिंगा, आंवला, बीट और नीम आदि के पाउडर एक साल तक ख़राब नहीं होते हैं। इसके बाद, मैंने इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए शहर के लोगों तक इसे पहुंचाना शुरू किया।”

फेसबुक पर उनके पांच हजार से ज्यादा दोस्त हैं, जहां वह अपने प्रोडक्ट्स की जानकारी देते रहते हैं। संजय कहते हैं, “फिलहाल सर्दियों में आवंला और बीट पाउडर ज्यादा बनता और बिकता है। 

मैं हर पंद्रह दिन में तक़रीबन पांच किलो मोरिंगा पाउडर बनाता हूं। जिसे 110 रुपये प्रति 100 ग्राम के हिसाब से बेचता हूं।  हम अलग से 20 रुपये कुरियर चार्ज भी लेते हैं। 300 ग्राम तक का पाउडर भेजने पर मात्र 20 रुपये चार्ज लगता है।”

संजय ने बताया कि उन्होंने, अपने हर्बल उत्पादों को बेचने का लाइसेंस भी ले लिया है।

इसके अलावा, वह कैक्टस का जूस भी बेचते हैं। जिसके लिए वह जंगल से फल तोड़कर लाते हैं। संजय के फार्म से रोजाना कैक्टस फल के जूस की 10 से 15 बोतलों की बिक्री हो जाती है। एक बोतल में 600 ग्राम जूस होता है। जिसकी कीमत प्रति बोतल 150 रुपये है।

इसके अलावा वह जामुन, गुड़हल, पपीता के पत्ते, तुलसी, बबुल फल्ली आदि के पाउडर भी बेचते हैं।  

इस तरह गार्ड की नौकरी करते हुए, संजय छुट्टी के दिनों अपने फार्म पर कई तरह के प्रोडक्ट्स बनाकर, हर महीने पांच से 10 हजार रुपये आसानी से कमा लेते हैं।  

यदि आप भी संजय से मोरिंगा पाउडर या अन्य हर्बल प्रोडक्ट्स खरीदना चाहते हैं तो उनसे फेसबुक पर जुड़ सकते हैं।

संपादन- जी एन झा

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