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दूध की पेटियाँ फेंक जाते थे दूधवाले, इसमें उगाईं सब्जियों से छत को बनाया फूड फ़ॉरेस्ट

क्या आपने छत पर बने किसी फूड फ़ॉरेस्ट के बारे में कभी सुना है?  आज आपको ले चलते हैं गोवा जहाँ मडगाँव इलाके के बोरदा में बना है गुरुदत्त नाइक का टैरेस गार्डन। उन्होंने अपनी छोटी सी बालकनी और छत को फलों और सब्जियों से फूड फॉरेस्ट में बदल दिया है। इस फ़ॉरेस्ट में वह  चीकू, अनार, केला, अमरूद, आम और बैगन, लौकी, अजमोद, स्वीट पोटैटो आदि फल और सब्जियाँ उगाते हैं। इन सबके अलावा वह विभिन्न प्रकार के एडेनियम प्लांट भी उगाते हैं।

गुरुदत्त को फल और सब्जियों वाले पौधे उगाना बेहद पसंद हैं। इसकी शुरूआत उन्होंने 30 साल पहले तब की थी जब वह पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट में जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त हुए थे।

वह बताते हैं, “मेरे ऑफिस की इमारत के चारों ओर जगह थी और अधिकारी उस क्षेत्र की सुंदरता को बढ़ाने के लिए कई प्रकार के फूलों के पौधे लगाने के बारे में सोच रहे थे। लेकिन मैंने उन्हें अमरूद और आम जैसे फलदार पेड़ लगाने की सलाह दी ताकि भविष्य में हमें इसका फायदा मिले। अधिकारी मान गए। मैंने स्थानीय नर्सरी से पौधे खरीदे और उन्हें सावधानीपूर्वक इमारत के चारों ओर लगाया। दो साल के भीतर पेड़ों में फल आने शुरू हो गए।”

फलों और सब्जियों से भरा एक टैरेस गार्डन

गुरुदत्त के टेरेस में उगे बैंगन

2010 में गुरुदत्त मडगाँव में तैनात थे और अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ एक अपार्टमेंट कॉम्पलेक्स में चले गए। उनके घर में एक छोटी सी बालकनी थी जिसमें उन्होंने एक बगीचा शुरू करने का फैसला किया। उनका मकसद रोज इस्तेमाल होने वाले फल और सब्जियाँ उगाना था।

गुरुदत्त कहते हैं, “मैंने प्याज और मिर्च से शुरूआत की। स्थानीय दूधवाले, दूध की पेटी  फेंक देते थे। मैंने उन्हें रिसाइकिल कर उनमें पौधे उगाने का फैसला किया। मैंने एक स्थानीय नर्सरी से ऑर्गेनिक पॉटिंग मिक्स और कुछ बीज खरीदे और काम शुरू कर दिया। उस समय मुझे नहीं मालूम था कि कंपोस्टिंग या जैविक खाद कैसे मेरे पौधों को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इसलिए मैं अपने पौधों को रोजाना पानी देता था। जब पौधे बड़े हो जाते थे तब मैं उन्हें बीमारियों से बचाने के लिए कीटनाशक के रूप में नीम के तेल का इस्तेमाल करता था। कुछ महीनों के भीतर मैं फल और सब्जियाँ तोड़ने लगा।”

छत पर लगी लाल शिमला मिर्च

गुरुदत्त नियमित रूप से गोवा में आयोजित होने वाले फ्लॉवर शो और खेती से संबंधित प्रदर्शनियों में हिस्सा लेते हैं। वहाँ से वह विभिन्न प्रकार के पौधों के बीज खरीदते हैं। बागवानी के लिए वह पेंट की बाल्टी, पानी के ड्रम, टूटे कंप्यूटर और कई अन्य फेंकी हुई वस्तुएं जमा करते हैं।

गुरुदत्त बताते हैं, “मैंने प्याज को दूध की पेटी जबकि बैंगन, लौकी, टमाटर, शिमला मिर्च, पालक, शकरकंद सहित अन्य सब्जियों को 20-लीटर वाले पेंट के कैन और टूटी हुई बाल्टियों में उगाया। शुरूआत में, इनमें से अधिकांश पौधे मेरी बालकनी में बढ़ रहे थे, लेकिन जगह बहुत छोटी थी, इसलिए मैंने अपने अपार्टमेंट एसोसिएशन से अनुमति लेकर अपने पौधों को कॉमन टैरेस पर रख दिया। विभिन्न कंटेनरों में पौधे उगाने को मैंने अपने आप के लिए एक चुनौती माना। भविष्य में, मैं अपने पौधों को उगाने के लिए टूटे हुए वॉशबेसिन और पाइप आदि खरीदने की योजना बना रहा हूँ।”

फलों की खेती

इन प्रदर्शनियों से गुरुदत्त ने सब्जियों के अलावा फल उगाने के लिए कई तरह के बीज भी खरीदे। पौधों को रोपने से पहले उन्होंने अन्य शहरी बागवानों द्वारा आयोजित वर्कशॉप में भाग लिया ताकि वह पौधों को सही तरीके से विकसित करने के तरीके समझ सकें। वह कहते हैं कि उन्होंने प्रदर्शनियों में कई किसानों से सलाह लेने के लिए उनसे बात भी की। आज, वह चीकू, अमरूद, केला और आम जैसे कई प्रकार के फल उगाते हैं।

गुरुदत्त कहते हैं, “फलों के पौधों को रोपने के साथ-साथ ही मैंने बागवानी के बारे में और अधिक जानकारी हासिल करना शुरू कर दिया। मैंने ऑर्गेनिक पॉटिंग मिक्स में थोड़ा कोकोपीट मिलाकर पौधे लगाए। इसके अलावा पौधों को पोषक तत्व प्रदान करने के लिए स्थानीय नर्सरी से खाद भी खरीदी। कीटनाशक के रूप में नीम के तेल का इस्तेमाल किया जिसे एक प्रदर्शनी से खरीदा था।”

छत पर उगे अलग अलग प्रकार के फल

उन्होंने सबसे पहले अनार के पौधे लगाए। इसके लिए, उन्होंने अपनी बालकनी के बगल की छत को प्लांट-बेड में बदल दिया और कारीगरों को लगाकर 3 फीट ऊंचे ईंट के बाड़े को खड़ा किया और इस क्षेत्र को दो डिब्बों में बांटा। इसके बाद इसे पॉटिंग मिक्स और कोकोपीट से भर दिया गया।  गुरुदत्त ने एक तरफ अनार और दूसरी तरफ नींबू के पौधे लगाए।

वह बताते हैं, “मैं हर साल दस से अधिक अनार के फल तोड़ता हूँ। लेकिन पिछले साल मैंने अनार के एक पेड़ से  35 से अधिक फल तोड़े। यह अब तक का सबसे अच्छा सीजन था। मैंने नींबू की तीन किस्में लगा रखी हैं, एक छोटा और गोल। दूसरा लम्बा और तीसरा वाला आम नींबू की अपेक्षा थोड़ा अधिक मीठा है।”

घर पर लगे नीबू के पेड़

गुरुदत्त कहते हैं कि वह हर साल 2 या 3 किलो से अधिक फल तोड़ते हैं। इन्हें वह अपने दोस्तों और पड़ोसियों के बीच बांटते हैं। वह कभी भी तोड़ी गई सब्जियों को तौलते नहीं हैं क्योंकि उनका परिवार जरुरत के अनुसार इन सब्जियों का इस्तेमाल करता है। “यदि मेरे पास बहुत अधिक सब्जी होती है, तो मैं गोवा में रहने वाले दोस्तों और परिवार को भेजता हूं,” उन्होंने बताया।

गुरुदत्त को बचपन से जानने वाली उनकी एक पारिवारिक मित्र सीरा बाई कहती हैं,  “इस लड़के के हाथ में जादू है। वह कुछ भी उगा सकता है। उसने मुझे पालक, मिर्च, शिमला मिर्च, शकरकंद और बैगन भेजा। सभी सब्जियाँ बड़े करीने से अखबारों और प्लास्टिक कवर में लिपटी थी, इसलिए कोई नुकसान नहीं हुआ। हालांकि सब्जियाँ तोड़े चार दिन हो चुके थे लेकिन सभी ताजी दिख रही थी।”

फूल वाले पौधे

फूलों से तो टेरेस गार्डन की सुंदरता में चार चाँद लग चुके हैं

फलों और सब्जियों के अलावा उन्होंने फूलों के लगभग 100 पौधे लगाए हैं। जिनमें चार अलग-अलग किस्मों के एडेनियम और एमरिलिस लिली शामिल हैं। इन्हें फूलदान और अन्य कंटेनरों में बालू, बगीचे की मिट्टी और वर्मीकंपोस्ट का मिश्रण भरकर उगाया जाता है।

“छत पर 100 से अधिक रंगों के फूल लगे हैं जो छत को खुशनुमा बनाते हैं और उसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं। मैंने गोवा के पणजी में एक पुष्प प्रदर्शनी देखकर फूल उगाना शुरू किया। मैंने देश भर के डीलरों से एडेनियम के पौधे खरीदे। मैं आमतौर पर फोन पर या ऑनलाइन ऑर्डर देता हूँ।”

वह एडेनियम को बढ़ने से नहीं रोकते हैं। अगर किसी को एडेनियम उगाने में दिलचस्पी होती है, तो वह मुफ्त में अपने पौधे का एक ग्राफ्ट दे देते हैं।

उपलब्धियाँ

बॉटनिकल सोसायटी ऑफ गोवा प्रतियोगिता के जज

2020 की शुरुआत में उन्होंने द बोटैनिकल सोसाइटी ऑफ़ गोवा द्वारा आयोजित एक प्रतियोगिता में भाग लिया और ऑर्गेनिक टैरेस गार्डन कैटेगरी के तहत पहला पुरस्कार जीता।

बॉटनिकल सोसायटी ऑफ गोवा के मेंबर और प्रतियोगिता के निर्णायक समिति के अलविटो डीसिल्वा कहते हैं, “गुरुदत्त एक शौकीन बागवान हैं, जिन्होंने अपने घर को फूड फॉरेस्ट में बदल दिया है। वह कई तरह की सब्जियाँ उगाते हैं जो उनके परिवार में रोजमर्रा के इस्तेमाल की जाती हैं। इसके अलावा, वह जो फूल उगाते हैं, वह काफी आकर्षक होते हैं और उनकी छत को खूबसूरत बनाते हैं।  उनका बगीचा दूसरे शहरी लोगों के लिए एक प्रेरणा है।”

गुरुदत्त भविष्य में 50 लीटर पानी के ड्रम में सेब, चेरी और अंजीर उगाने की योजना बना रहे हैं।

गुरुदत्त कहते हैं, “मुझे सेब के ग्राफ्ट और चेरी के पौधे लगाए चार महीने हो गए हैं। अब सभी तेजी से बढ़ रहे हैं। मैंने उन्हें एक दोस्त से खरीदा था जो गोवा में एक कमर्शियल फार्म चलाता है। जल्द ही मैं अंगूर के पौधे खरीदने वाला हूँ, कुछ खाने के लिए और कुछ से घर पर वाइन बनाने के लिए।”

तस्वीरें साभार: गुरुदत्त नाइक

मूल लेख-ROSHINI MUTHUKUMAR

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