अक्सर हम मेहनत करने वालों को समझदारी में कम आंकते हैं। पर यदि गौर से देखा जाएँ तो भारत में दिमाग लगा कर सबसे अधिक जुगाड़ ये मेहनत करने वाले लोग ही करते है। ऐसे ही है हमारे किसान भी! जो सिमित संसाधनों में बड़े से बड़े कमाल कर दिखाते है।
हाल ही में हुए किसान आंदोलन की नासिक से मुंबई तक की लम्बी यात्रा में भी कुछ ऐसे ही जुगाड़ का नज़ारा दिखाई दिया। 6 दिन चली इस लम्बी पद यात्रा में किसानो के लिए संपर्क का एकमात्र माध्यम मोबाइल फ़ोन इस्तमाल करना चार्जिंग की कमी के कारण मुश्किल हो सकता था। पर यहाँ भी अपनी जुगाड़ टेक्नोलॉजी का इस्तमाल करते हुए कुछ किसान सोलर मोबाइल चार्जर (Solar Mobile Charger) साथ लिए हुए चले थे। इन्ही में से एक थे त्र्यंबकेश्वर के एक किसान नथू निवृति उदार ।
नथू ने अपनी इस तकनीक से इन 6 दिनों में न केवल अपना मोबाइल चार्ज किया बल्कि अपने साथी किसानो की भी मदद की।
Farmer nathu udar with solar mobile charger on head , charged his mobile through out the March #FarmersMarch pic.twitter.com/WzaBJBx6Gr
— Sahil Joshi (@sahiljoshii) March 12, 2018
6 दिन के किसान लॉन्ग मार्च में दिन भर नथू अपने सिर पर ये सोलर पैनल बांध कर पैदल चलते रहे। मोर्चे के दौरान किसानों को उनके मोबाइल की बैटरी चार्ज करने का एकमात्र जरिया सिर्फ नथू ही थे। नथू ने अपने मोबाइल के अलावा करीब 250 किसानों के मोबाइल चार्ज किए। दिन भर में वह अपना मोबाइल चार्ज (Solar Mobile Charger) करने के अलावा 30-35 अन्य किसानों के मोबाइल भी चार्ज करते थे।
नथू ने न्यूज़18 को बताया,”हमारे गाँव में बहुत लोड शेडिंग होती है इसलिए ये सोलर पैनल मैं अपने घर के लिए लाया था। पर जब हमने पदयात्रा पर निकलने की ठानी तो मैंने इसे अपने सर पर लगा लिया ताकि ये चार्ज होता रहे और सभी किसानों के मोबाइल इससे चार्ज हो सके। मेरे घर पर मेरी पत्नी, दो बच्चे और तीन भैंसें है। मुझे अपनी चार एकड़ ज़मीन पर अधिकार चाहिए जो वनविभाग के कब्ज़े में हैं।”