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ऑटो वाले से किराए की झिकझिक खत्म, सिर्फ 18 रुपये में तय होगा मेट्रो स्टेशन से घर तक का सफर

Bengaluru Startup Metro Ride

अगर आपसे पूछा जाए कि मेट्रो में एक जगह से दूसरी जगह तक जाने का आपका सफर कैसा रहा? तो आप कहेंगे-शानदार। लेकिन मेट्रो स्टेशन से घर आने या मेट्रो स्टेशन तक जाने का सफर भी शानदार हो, इसके बारे में कहा नहीं जा सकता। लेकिन अब बंगलुरु स्टार्टअप मेट्रो राइड (Bengaluru Startup Metro Ride) ने इस समस्या का समाधान ढूंढ निकाला है।

दरअसल, मेट्रो रेल प्रणाली ने बड़े शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को तो सुलभ बना दिया है, लेकिन मेट्रो स्टेशनों तक आना और स्टेशन से गंतव्य तक पहुंचना अभी भी एक समस्या बना हुआ है। टैक्सी ड्राइवर कम दूरी तय करना नहीं चाहते, इसलिए जब चाहे आपकी राइड कैंसिल कर देते हैं। ऑटो वाले न जाने के बहाने बनाते हैं या अगर चले भी गए तो फिर मीटर से ज्यादा किराया वसूलते हैं।

अमेरिका हो या भारत, यह समस्या है आम 

यह एक ऐसी समस्या है, जिससे हम सभी को कभी न कभी दो-चार होना ही पड़ता है। दक्षिण बेंगलुरु के एक उद्यमी गिरीश नागपाल को भी, जेपी नगर स्टेशन से सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट (CBD) क्षेत्र में अपने कार्यालय तक नम्मा मेट्रो सेवा का उपयोग करते समय इसका सामना करना पड़ रहा था।

Women drivers dropping commuters from their office to the metro station

आपको शायद विश्वास न हो, लेकिन अमेरिका में रहनेवाले उनके दोस्त और उद्यमी कामन अग्रवाल भी इस समस्या से जूझ रहे थे। सैन फ्रांसिस्को शहर तक पहुंचने के लिए ‘बे एरिया रैपिड ट्रांजिट (BART)’ का इस्तेमाल करने वाले कामन को, घर से स्टेशन तक आने-जाने का सफर काफी परेशान कर रहा था। 

सिर्फ गिरीश और उनके दोस्त ही नहीं, बल्कि भारत और अमेरिका में 400 से ज्यादा मेट्रो यात्रियों ने बातचीत में मेट्रो स्टेशन से कनेक्टिविटी की समस्या की बात कही थी। तब उन दोनों को लगा कि यह मसला काफी आम है, जिसके लिए कुछ किया जाना चाहिए। 

और फिर आया मेट्रोराइड (Metro Riders) का विचार

गिरीश ने द बेटर इंडिया से बातचीत में कहा, “हम पिछले साल जनवरी में मिले थे और एक जैसी समस्या से जूझ रहे थे। भारत और अमेरिका दोनों ही जगह मेट्रो स्टेशन तक आने-जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ता था। यहीं से हमारे दिमाग में ‘मेट्रो राइड’ (Bengaluru Startup Metro Ride) शुरु करने का विचार आया।”

उन्होंने इस पर काम किया और साल की शुरुआत में बेंगलुरु स्थित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से संचालित इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लेटफार्म को तैयार कर जमीन पर उतार दिया। यह सर्विस, मेट्रो स्टेशन से आपके घर या गंतव्य तक पहुंचाने का काम करती है। इसके सभी थ्री-व्हीलर इलेक्ट्रिक हैं। ये प्रदूषण भी नहीं करते और पर्यावरण के अनुकूल भी होते हैं। इन सभी को AI Powered Cloud Based APP के जरिए संचालित किया जाता है।

सस्ती, सुरक्षित और फास्ट राइड

कामन कहते हैं, “मेट्रो राइड उन सभी यात्रियों के लिए है, जो रोजाना अपने काम, स्कूल या कॉलेज जाने के लिए मेट्रो का उपयोग करते हैं। यह पहला और आखिरी 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक माइल मोबिलिटी प्लेटफॉर्म है, जहां यात्रियों को फास्ट, सस्ती और सुरक्षित राइड देने के लिए AI का इस्तेमाल किया जाता है। हमने खुद का एक AI इंजन विकसित किया है, जिसे हम VIKI कहते हैं।”

उन्होंने बताया, “बिजनेस की सारी गतिविधियां VIKI द्वारा ही संचालित होती हैं। AI सक्षम चैटबॉट बुकिंग से लेकर, सही रास्ता बताने, महिला सवारी के लिए महिला चालक वाली मेट्रो राइड उपलब्ध कराने, व्यक्ति की पहचान और धोखाधड़ी करने वाली सवारियों की पहचान करने तक सब VIKI के जरिए ही किया जाता है।” 

इस स्टार्टअप (Bengaluru Startup Metro Ride) के इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर में दो व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है और जल्द ही ये दोनों अमेरिका में इलेक्ट्रिक कारों के साथ इस तरह की सेवा शुरू करने जा रहे हैं। 

घर तक पहुंचने में लगते हैं औसतन 18 रुपये

गिरीश ने बताया, “हम मेट्रो स्टेशन से पांच किलोमीटर तक के दायरे को कवर करते हैं। बेंगलुरु में औसत किराया 18 रुपये है। हमारे ई-थ्री व्हीलर चालकों में से 20 प्रतिशत महिलाएं हैं। हमारी कोशिश अधिक से अधिक महिलाओं को अपने साथ जोड़ने की है और हम ऐसे साझेदारों की तलाश में हैं, जो इसमें हमारी मदद कर सकें। फिलहाल हम (Bengaluru Startup Metro Ride) नोएडा, दिल्ली और बेंगलुरु में काम कर रहे हैं।” 

वह आगे कहते हैं, “अधिकांश थ्री व्हीलर में स्वैप बैटरी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिन्हें बदलने में मुश्किल से कुछ ही मिनट लगते हैं। जबकि फिक्स बैटरी वाले वाहनों को पूरी तरह चार्ज करने के लिए 3-5 घंटे का समय चाहिए होता है।” गिरीश के अनुसार, उनके ये ई थ्री-वीलर्स अभी तो सुबह 8 से रात 9 बजे तक उपलब्ध होते हैं। लेकिन जल्द ही इनके काम करने के घंटों को बढ़ा दिया जाएगा, क्योंकि बहुत से ग्राहक इस बात की डिमांड कर रहे हैं।

Bengaluru Startup Metro Ride कैसे करता है काम?

आप शहर के एक हिस्से में रह रहे हैं और काम के लिए दूसरे हिस्से में आपका रोजाना का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में आप ट्रैफिक से बचने के लिए मेट्रो ट्रेन में सफर करना पसंद करते हैं। मेट्रो आपको अपने गन्त्वय के आसपास किसी नजदीकी स्टेशन पर छोड़ देगी, तो फिर ऐसे में मेट्रो राइड (Bengaluru Startup Metro Ride) कैसे काम करेगी?

कामन बताते हैं, “आपको सिर्फ इतना करना है- मेट्रो राइड ऐप खोलें और पास के मेट्रो स्टेशन के लिए राइड बुक करें। ऐप आपको नजदीकी पिकअप स्टॉप दिखाएगा। जहां से हमारे इलेक्ट्रिक वाहन आपको घर या मेट्रो स्टेशन तक छोड़ देंगे। मेट्रोराइड पहले एक किलोमीटर के लिए 10 रुपये चार्ज करता है और अधिकतम किराया 30 रुपये है।”

वह कहते हैं, “मेट्रोराइड के लिए औसतन दो मिनट का वेटिंग टाइम है। जबकि बाकी अन्य वाहनों के लिए औसतन 10-12 मिनट का इंतजार करना होता है।”

MetroRide’s electric three-wheelers

मेट्रो राइड (Bengaluru Startup Metro Ride) की बढ़ रही डिमांड

मेट्रो राइड (Bengaluru Startup Metro Ride) की डिमांड लगातार बढ़ रही है। भले ही उनके इलेक्ट्रिक व्हीकल और ड्राइवरों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन लॉन्च के बाद से उनका यह स्टार्टअप अब तक 1 लाख 40 हजार से ज्यादा सवारियों को अपनी सेवा दे चुका है। 

संस्थापकों का कहना है कि कंपनी ने नैसकॉम मोबिलिटी चैलेंज 2020 और अपने अभिनव दृष्टिकोण के लिए ‘स्मार्ट क्लाउड कनेक्टेड प्लेटफॉर्म ऑफ द ईयर’ के लिए ईवी चार्ज लीडरशिप अवॉर्ड सहित कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते हैं।

अपने स्टार्टअप के विस्तार के लिए मेट्रो राइड ने हाल ही में सिलिकॉन वैली, न्यू जर्सी और भारत में फैले एंजल निवेशकों से एक सीड फंडिंग की घोषणा की, जिसमें शैलेश पोडवाल, सुधीर पाई, भागीरथ तन्ना और जाने-माने उद्यमी सुशांत दिवाकर जैसे वरिष्ठ ग्लोबल एग्ज़िक्युटिव शामिल हैं। गिरीश कहते हैं, “हमने अब तक निवेश के अपने Pre-Seed and Seed rounds  को पूरा कर लिया है और जल्द ही अपने Pre-Series A round को भी बंद कर देंगे।”

मूल लेखः रिनचेन नोर्बु वांग्चुक

संपादनः अर्चना दुबे

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