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ट्रक ड्राइवर से मिली लिफ्ट और शुरू हुआ सफर, बिना पैसों या प्लांनिंग के घूम लिया पूरा देश

Rajat Shukla Travel Without Money

“रात के करीबन डेढ़ बज रहे थे, मैं मुंबई के पास अपनी एक ट्रैकिंग पूरी करके बदलापुर नाम के एक स्टेशन के पास खड़ा था। वहां से मेरा घर कुछ 60 किमी दूर था और मेरा दूसरा ट्रैकिंग डेस्टिनेशन 90 किमी दूर। घर जाने के बजाय मैंने रात को ही दूसरे ट्रैक पर जाने का फैसला किया और पैदल ही चलने लगा। एक घंटे चलने के बाद, कल्याण हाईवे पर मुझे एक ट्रक वाले से लिफ्ट मिली। मैंने उन भाई साहब से पूछा कि क्या आप मुझे 90 किमी दूर कसारा तक लिफ्ट दे सकते हैं। बड़े ही बिंदास अंदाज़ में उन्होंने कहा, “अरे मैं तो तुमको कलकत्ता ले चलूं।”

आठ जनवरी 2021  की उस रात से मुंबई के रजत शुक्ला एक बड़े ही रोमांचक सफर पर हैं। कलकत्ता की उस यात्रा के दौरान, उस ट्रक ड्राइवर ने रजत के खाने और रहने का ध्यान रखा, बदले में रजत ने भी ट्रक के खलासी का काम किया। 

Rajat Shukla

इस घटना से रजत का यकीन और मजबूत हो गया कि बिना पैसों के घूमना इतना भी मुश्किल नहीं। अयोध्या में जन्मे और मुंबई में पले-बढ़े रजत एक जर्नलिस्ट हैं। बड़े-बड़े मीडिया हाउसेज़ में काम करने और एक से बढ़कर एक सेलिब्रिटी का इंटरव्यू करते हुए, उन्हें हमेशा लगता था कि वह जीवन में कुछ और करने आए हैं और फिर उन्होंने मुंबई के आस-पास ट्रैकिंग, साइकिलिंग जैसी कई रोमांचक एक्टिविटीज़ करना शुरू किया। 

लेकिन आज वह नौकरी छोड़कर, एक अनोखे सफर पर हैं, जिसके जरिए वह लोगों की ट्रैवल से जुड़ी धारणा बदलना चाहते हैं। उनका मानना है कि घूमना-फिरना केवल अमीरों का ही शौक़ नहीं है। अगर आपके पास पैसे नहीं हैं और घूमने का मन है, तो बिना पैसों के भी आप घूम सकते हैं। बस अपनी काबिलियत पर यकीन होना चाहिए और बिल्कुल मिनिमल जीवन जीना आना चाहिए।  

रजत कलकत्ता से दार्जिलिंग और फिर नेपाल गए। अपनी इस यात्रा में वह जितना हो सके पैदल चलते हैं। लिफ्ट मिल जाए, तो लिफ्ट लेते हैं और लोगों को अपनी कहानी बताते हैं और उनके काम में उनकी मदद करते हैं। यही लोग उन्हें खाना भी खिला देते हैं और रहने के लिए जगह भी देते हैं। हालांकि कई बार उन्हें खाना भी नहीं मिल पाता ,ऐसी स्थिति में वह भूखे रह जाते हैं और अगर रहने की जगह न मिले, तो वह एक मैट साथ रखते हैं और सही जगह देखकर, वही चटाई बिछाकर सो जाते हैं। 

सफर के दौरान, उनके साथ कई अच्छी और बुरी घटनाएं भी हुई हैं। लेकिन वह अपनी इस यात्रा को पूरी तरह से सकारात्मक बताते हैं। 

वह कहते हैं, “मुझे पैदल चलता देख कई लोग मुझसे सामने से आकर बात करते हैं, मेरे बारे में और  मेरे अनुभवों के बारे में जानना चाहते हैं। कई लोग मेरे साथ घूमना भी चाहते हैं। कश्मीर में एक लड़का मुझे मिला और 14 किमी की लिफ्ट दी। फिर उसके एक हफ्ते बाद, वह मुझे अमृतसर मिलने आया और हमने साथ में हजारों किमी की यात्रा की।”

भारत के हर एक राज्य में घूमते हुए, उन्होंने नशा और शिक्षा के आभाव जैसी समस्याओं को भी देखा। रजत इन समस्याओं के लिए काम भी कर रहे हैं। वह सोशल मीडिया और सेमिनार आदि के जरिए, अपने जीवन की सच्ची घटनाओं का उदाहरण देकर, जागरूकता लाने का प्रयास भी कर रहे हैं।   

वह ट्रैवेल प्रमोट करने के लिए वर्कशॉप भी कर रहे हैं। रजत, पूरा भारत घूमकर रुके नहीं हैं, बल्कि अब वह इंटरनेशनल यात्रा करने की तैयारी कर रहे हैं। आप रजत की इस अनोखी ट्रिप को और करीब से जानने के लिए उनके इंस्टाग्राम पेज को फॉलो कर सकते हैं।  

अगर पैसों की तंगी आपको भी यात्रा करने से रोक रही रही है तो रजत आपकी मदद जरूर कर सकते हैं।

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