17 साल की नैना दिल्ली के बसंत वैली स्कूल की छात्रा है। 2015 में अपने स्कूल में उसने स्टेज पर जाकर सभी के सामने अपने ट्रांसजेंडर होने की घोषणा कर दी। नैना की ये बेबाकी और आत्मविश्वास दूसरों के लिए प्रेरणा है। नैना भारत में सार्वजनिक रूप से अपनी लैंगिक पहचान बताने वाली सबसे छोटी ट्रांसजेंडर हैं। उनके साथ उनकी माँ और उनके दोस्तों का पूरा सहयोग है।
लड़को की तरह पली-बड़ी नैना, पहले कृष्णा नाम से जानी जाती थीं। भले ही लोग नैना के फैसले की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन, कृष्णा से नैना बनने तक का सफर उनके लिए मुश्किलों से भरा था।
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नैना काफी समय तक डिप्रेशन में रही। उन्होंने आत्महत्या करने की भी कोशिश की।
ब्रेकिंग बैरियर्स को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया, “मैं बहुत तनाव से गुजर रही थी। मैं सब खत्म कर देना चाहती थी। इसलिए मैंने नींद की गोलियाँ खा लीं। मुझे लगता था कि लोग मुझे अपनाएंगे ही नहीं। लेकिन, भगवान का शुक्र है कि मैं बच गई और मेरी माँ ने मुझे हिम्मत दी। मेरे दोस्त भी मुझसे बहुत प्यार करते हैं।“
नैना को मेकअप करना, शॉपिंग करना औऱ सेल्फी लेना बहुत पसंद है। नैना का सुझाव है कि सार्वजनिक जगहों पर “पुरूष”, “महिला” के अलावा “अन्य” शौचालयो की व्यवस्था भी होनी चाहिए, जिसे ट्रांसजेंडर्स इस्तेमाल कर सकें।
‘Now Delhi’ द्वारा पोस्ट किए गए एक वीडियो में नैना कहती हैं कि वो दुनिया को बताना चाहती हैं कि ट्रांसजेंडर भी एक सामान्य इंसान ही होते हैं। उनकी जिंदगी भी आम लोगों की तरह ही है। नैना यूट्यूब, इंस्टाग्राम और स्नैपचैट जैसे साइट्स पर अपने रोजमर्रा के अनुभव बाँटतीं हैं।
नैना समझती हैं कि उनकी माँ के लिए स्थिति मुश्किल रही होगी क्योंकि हमारे समाज में ट्रांसजेंडर्स को आसानी से स्वीकार करने की मानसिकता नहीं है। नैना मानती हैं कि शांत रहकर हमेशा डरे रहने से अच्छा संवाद करना है। जो है उसे खुलकर लोगों को बता दो।
नैना की माँ मिशी हर फैसले में उनका साथ देती है। नैना पूरे आत्मविश्वास से अपनी बात रखती हैं। नैना का आत्मविश्वास ट्रांसजेंडर्स के प्रति समाज की मानसिकता पर कड़ी चोट है।
आईये इस विडिओ में नैना से ही सुनते है उनके इस साहसी सफ़र की कहानी –