केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट की सरकार ने शुक्रवार को अपने बजट में 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के ट्रांसजेंडर्स के लिए पेंशन की घेषणा कर दी।
एक साल पहले ही केरल ने इनके प्रति भेदभाव रोकने के लिए ट्रांसजेंडर पॉलिसी की शुरूआत की थी। ट्रांसजेंडर पॉलिसी बनाने वाला, केरल, भारत का पहला राज्य है। अब पेंशन स्कीम की शुरूआत करके केरल सरकार ने ट्रांसजेंडर्स को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए एक कदम और आगे बढ़ाया है।
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“हर समुदाय के लोगों के अधिकारों की रक्षा करना हमारी प्रतिबद्धता है। हम ट्रांसजेंडर्स समुदाय के लोगों के लिए पेंशन स्कीम की शुरूआत करेंगे“, राज्य के वित्त मंत्री थोमस इसाक ने बजट पेश करते हुए कहा। पेंशन की राशी के बारे में में अभी कुछ नहीं बताया गया है।
ट्रांसजेडर समुदाय हमेशा से ही समाज की उपेक्षा की शिकार रहा है। पढाई, नौकरी, और सरकारी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए इन्हें कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। पुलिस के अनुसार राज्य में 176 रजिस्टर्ड ड्रांसजेडर्स हैं। पर सामाजिक कार्यकर्ता बताते है कि केरल में करीब 30,000 ट्रांसजेंडर्स रहते है।
फिलहाल, केरल में इनके लिए पेंशन स्कीम का लागू होना इनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक व्यवहारिक प्रयास है। इससे अन्य राज्यों में भी ट्रांसजेंडर्स को एक उम्मीद दिखाई देगी।