ओडिशा की ऐश्वर्या रितुपर्णा प्रधान को हर तरह की चुनौतीयों को मात देते हुए अपने हौसले के बूते देश की पहली ट्रांसजेंडर सेल टैक्स ऑफिसर बनने का गौरव प्राप्त है।
एक ट्रांसजेंडर के रुप में सरकारी नौकरी तक पहुंचने के रास्ते में मिली तमाम बाधाओं को ऐश्वर्या ने हंसते हुए पार किया। हर कठिनाई को झेलते हुए वो और मजबूत हुई, बचपन के हर बुरे दौर को अपने साहस के बूते परास्त किया, स्कूल-कॉलेज के दिनों में दोस्तों ने जमकर मजाक उड़ाया। लेकिन इन कंटिली राहों पर ऐश्वर्या चलती रही, अपनी अदम्य इच्छाशक्ति और मन में कुछ करने की ललक लिए रुकी नहीं और उसने स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की।
इसके बाद ऐश्वर्या ने अपनी मेहनत के बूते भारतीय जन संचार संस्थान में दाखिला की परीक्षा पास की और फिर वहां अपनी पढ़ाई पूरी की। ऐश्वर्या ने कभी पीछे मुड़कर कर नहीं देखा, ना ही अपनी ट्रांसजेंडर की पहचान को अपने पर हावी होने दिया, लोग मजाक उड़ाते रहें और वो अपनी लगन और मेहनत से कुछ करने का जज्बा दिल में लिए आगे बढ़ती रही।
आखिर ऐश्वर्या की मेहनत रंग लाई और उसने ओडिशा राज्य सिविल सर्विसेस की परीक्षा पास कर वित्तिय सेवा में नौकरी हासिल की।
ऐश्वर्या रितुपर्णा प्रधान आज ओडिशा के पारादीप में सेल टैक्स ऑफिसर के रुप में कार्यरत है। कंधमाल जिले के उदयगिरी प्रखंड के सुदूर गांव में जन्मी राजपत्रित अधिकारी ऐश्वर्या ने 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हिम्मत दिखाते हुए अपनी पहचान सार्वजनिक कर दी थी।
ऐश्वर्या रितुपर्णा प्रधान जन्म के बाद से रितुकांत प्रधान के नाम से जानी जाती थी, पढ़ाई से लेकर 2010 में सेल टैक्स ऑफिसर के रुप में ओडिशा के पुरी में नौकरी की शुरुआत भी इसी नाम से की। फिर 15 अप्रैल 2014 के सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों को तीसरे लींग की श्रेणी में मान्यता देने और उनके संवैधानिक अधिकारों की गारंटी का फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने जैसे रितुपर्णा की जिंदगी में जोश भर दिया और रितुपर्णा ने दिसंबर 2015 में अपना नाम बदल कर ऐश्वर्या रितुपर्णा प्रधान कर लिया और अपनी ट्रांसजेंडर की पहचान सार्वजनिक कर दी।
इसके पहले तक वे पुरूष के परिधान में ऑफिस आते थे लेकिन इस नई पहचान को आत्मसात करने के साथ ही ऐश्वर्या ने साड़ी को अपना साथी बनाया और वो महिला ट्रांसजेंडर के रुप में अपनी नई पहचान के साथ जिंदगी जी रही है।
ऐश्वर्या बताती है, ” जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला दिया, उसी दिन मैंने पुरूष लिंग की जगह तीसरे लिंग की पहचान चुनने का मन बना लिया था और आज आपके सामने मैं ऐशवर्या रितुपर्णा प्रधान हूं जब कि नौकरी की शुरुआत मैने रितुकांत प्रधान के नाम से की थी।”
बीते दिनों की मुश्किलों को याद कर रूंधे गले से ऐश्वर्या बताती है कि,
“बचपन में मैने बहुत मुश्किलों का सामना किया है। मुझे स्कूल में बच्चे तो चिढ़ाते ही थे, मेरे अपने पिता भी मेरा बहुत मजाक उड़ाया करते, लेकिन मैं हार नहीं मानी और आज अपने बलबूते पर सरकारी नौकरी कर रही हूँ। मेरी इस उपलब्धि के बाद दूसरे ट्रांसजेंडर भी उत्साहित है और ये समझ चुके है कि दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है।”
अपने निजी जिंदगी के बारे में बात करते हुए ऐश्वर्या बताती है कि, “मुझे भी मेरे ‘मिस्टर परफेक्ट’ का इंतजार है, अगर कोई ऐसा इंसान मिलेगा जो मुझे सम्मान दे, मेरे साथ रहना पसंद करें, मेरे समुदाय की इज्जत करें तो मैं उससे शादी करूंगी। शादी के बाद मै बच्चा गोद लेना चाहती हूँ, क्योंकि मैं कभी मां नहीं बन सकती।”
ऐश्वर्या बताती है कि बचपन में कैसे वो जिल्लत भरी जिंदगी जीती थी। एक ट्रांसजेंडर की पहचान लिए एक समय उन्हें ये जिंदगी बोझ लगने लगी थी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आज वे ओडिशा की पहली सरकारी ट्रांसजेंडर अधिकारी हैं और उन्हें अपने ट्रांसजेंडर होने पर गर्व है।
सरकार की राजपत्रित अधिकारी ऐश्वर्या टीबीआई के जरिए सरकार से आग्रह करना चाहती है कि हर सरकारी कागजात और फॉर्म में तीसरे लिंग के रुप में ट्रांसजेंडर का स्थान दिया जाए ताकि ट्रांसजेंडर को भी उनका हक और सम्मान मिल सके। वे आगे बताती हैं कि नौकरी से पहले उन्होंने सखा नाम की एक संस्था की शुरूआत की थी, जिसके तहत वे आज भी ट्रांसजेंडर्स की जिंदगी में सुधार के लिए काम कर रही है , जिसके तहत कई तरह के कार्यक्रम आयोजित करके समाज में उनको सम्मानीय स्थान दिलाने के लिए भी वे कृत संकल्पित है।
ऐश्वर्या सभी ट्रांसजेंडर्स को संदेश देते हुए कहती है कि, “हमें गर्व है कि हम ट्रांसजेडर है, बस जरुरत है कि हम रुके नहीं….थके नहीं…आगे बढ़ें…बढ़ते चलें और पढ़ाई को बनाकर हथियार अपने जीवन में तरक्की करें लगातार।”
ऐश्वर्या रितुपर्णा प्रधान टीबीआई से बातचीत में एक ओर जहां सरकार से ट्रांसजेंडर्स के लिए पॉलिसी स्तर पर बदलाव की बात करती है वहीं अपने जीवन के मुहीम को भी साझा करती है । जिसके मुताबिक बुजुर्ग लोगों के लिए वृद्धाश्रम की तर्ज पर ट्रांसजेंडर होम बनाने की वकालत करती है ताकि किसी ट्रांसजेंडर को जिल्लत भरी जिंदगी ना जीनी पड़े।
ऐश्वर्या एक काबिल सेल टैक्स ऑफिसर के रुप में काम कर रही है, उन्होने ये साबित कर दिया कि ट्रांसजेंडर्स को भी इस समाज के मुख्यधारा में रहने का हक है और वो किसी भी मायने में किसी से कम नहीं है। ऐश्वर्या आज देश के लाखों ट्रांसजेंडर्स के लिए एक मिसाल है।
बुरे से बुरे वक्त में भी हार नहीं मानकर और कुछ करने की ललक के सपने को साकार करने के लिए अपनी अदम्य इच्छाशक्ति और बुलंद हौसलों के बूते आज ऐश्वर्या राजपत्रित सरकारी अधिकारी के रुप में कार्य कर रही है। उम्मीद से ही दुनिया है इस कथन को अपना ध्येय मानकर ऐश्वर्या जल्द शादी कर अपनी नई जिंदगी की शुरूआत करना चाहती हैं।