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UPSC: पहली बार में नहीं क्रैक कर सके प्रीलिम्स, दूसरी बार में बने टॉपर, पढ़िए ज़रूरी टिप्स

Tips For UPSC Prelims

जतिन किशोर ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में दूसरा रैंक हासिल किया है। यह जतिन का दूसरा प्रयास था। 2018 में अपने पहले प्रयास में, वह सफल नहीं हो पाए थे। जतिन मूल रूप से दिल्ली के हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के ‘सेंट स्टीफेंस कॉलेज’ से इकॉनमिक्स में ग्रैजुएशन किया। इसके बाद, ‘दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स’ से इकॉनमिक्स में ही मास्टर डिग्री हासिल की। आज जतिन हमारे साथ, यूपीएससी परीक्षा की तैयारी से जुड़े कुछ अहम टिप्स (Tips For UPSC Prelims) साझा कर रहे हैं।

जतिन कहते हैं कि सिविल सर्विस में जाने का निर्णय उन्होंने काफी देर से लिया। नीति निर्माण (Policy Making) और प्रशासनिक कार्यों (Administrative Work)  के सही मेल ने जतिन को खासा आकर्षित किया। उन्होंने द बेटर इंडिया को बताया कि आखिर यूपीएससी की परीक्षा के लिए उनकी रणनीति क्या थी।

जोखिम उठाने को रहें तैयार

यूपीएससी का पहला प्रयास जतिन ने जून 2018 में किया था। वह कहते हैं, “पहले प्रयास में मेरी सबसे बड़ी गलती थी कि मैंने जोखिम नहीं उठाया।” वह यूपीएससी उम्मीदवारों को सुझाव देते हैं कि उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा सवालों के उत्तर देने का प्रयास करना चाहिए। पहले प्रयास में जतिन ने प्रीलिम्स पेपर में 100 सवालों में से केवल 70 सवालों के जवाब दिए, जो पर्याप्त नहीं थे। अपने दूसरे प्रयास में, उन्होंने लगभग 90 सवालों के उत्तर दिए।

जरूरी है बार-बार रिविजन करना

हालांकि, पहले प्रयास में जतिन सफल नहीं रहे थे लेकिन, वह कहते हैं कि इससे उन्हें आधार बनाने में काफी मदद मिली। वह कहते हैं, “यूपीएससी वास्तव में ऐसी परीक्षा नहीं है, जिसमें आप प्रत्येक वर्ष नए सिरे से तैयारी करते हैं। इसलिए, मैंने अपने पहले प्रयास के लिए जो समय लगाया था, उससे मुझे परीक्षा के लिए दूसरी बार प्रयास करने में काफी मदद मिली।” जतिन ने दूसरे प्रयास की तैयारी में रिविजन करने पर ज्यादा समय दिया। इस बारे में वह कहते हैं, “उम्मीदवारों के लिए मेरा सुझाव है कि कई किताबों के बजाय, वह एक ही किताब से बार-बार रिविजन करें। मैंने प्रत्येक किताब को चार बार रिवाइज किया और दूसरों को भी यही सुझाव देता हूँ।”

अपनी रूटीन बनाएं और फॉलो करें

जतिन कहते हैं कि परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों को अपने हिसाब से शेड्यूल और टाइमटेबल बनाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि व्यक्तिगत रूप से वह किसी भी शेड्यूल का पालन नहीं करते थे लेकिन, वह हर रोज़ दो घंटे अखबार ज़रूर पढ़ते थे। वह कहते हैं, “मैं नियमित रूप से ‘द हिंदू’ और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ का एडिटोरियल पढ़ता हूँ।” जतिन ने आगे बताया कि उन्होंने विज़न IAS बुकलेट (मासिक और संकलन दोनों) को भी नियमित रूप से पढ़ा। वह कहते हैं, एक या दो संसाधनों के साथ बने रहना या उनका अनुसरण करना अच्छा होता है।

नोट्स बनाना

जबकि जतिन ने किसी भी विषय के लिए नोट्स नहीं बनाए थे। लेकिन, उन्होंने कहा कि यदि उन्हें फिर से परीक्षा के लिए प्रयास करना पड़ता तो वह नोट्स जरूर बनाते। वह कहते हैं, “बहुत सारा सिलेबस कवर करना होता है तथा रिविज़न के समय, विशेष रूप से मेन्स परीक्षा के दौरान, बनाए गए नोट्स से आपको काफी मदद मिलेगी।” वह कहते हैं, अंत में किताबों से रिविजन करने में ज़्यादा समय लग सकता है। नोट्स बनाने को लेकर जतिन की सलाह है कि उन टॉपिक्स पर नोट्स बनाना चाहिए, जिसके लिए बहुत ज़्यादा किताबें और शोध सामग्री उपलब्ध नहीं है।

करंट अफेयर्स का महत्व

जतिन कहते हैं, “परीक्षा के सबसे महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक करंट अफेयर्स होते हैं और उम्मीदवारों को इनकी तैयारी अच्छे से करना बहुत जरूरी है।” यदि किसी टॉपिक के बारे में परीक्षा में बार-बार पूछा जा रहा है तो उम्मीदवारों को इससे जुड़ी हर चीज के बारे में पता होना चाहिए। करंट अफेयर्स की मासिक पत्रिकाओं को नियमित रूप से पढ़ने से हर उस चीज़ पर नज़र रखने में मदद मिलेगी, जो वर्त्तमान में हो रही हैं।

प्रयोग करने से ना डरें

जतिन उम्मीदवारों को मॉक टेस्ट में अलग-अलग तरह के कॉम्बिनेशन्स से, सवालों को हल करने का प्रयास करने की सलाह देते हैं। वह कहते हैं, “एक टेस्ट में केवल उन सवालों को हल करने का प्रयास करें, जिनमें आप 100% निश्चित हैं। दूसरे टेस्ट में, यदि आप दो उत्तरों के बीच उलझन में हैं तो उस एक को चुनने की कोशिश करें, जो आपको सही लगता है। ऐसा करने से आपको अंदाजा होगा कि आपके लिए कौन सा तरीका सबसे अच्छा है।” वह अंत में कहते हैं कि मॉक टेस्ट में 110 से 120 के बीच स्कोर करने का उद्देश्य होना चाहिए।

मूल लेख- विद्या राजा

संपादन- जी एन झा

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