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9 से 5 की नौकरी को किया Bye, पैशन को किया Hi! चाय बेचकर हर साल कमाते हैं 7 लाख रूपये

Entrepreneur Chaiwala

छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश के रहने वाले अंकित नागवंशी, कुछ साल पहले तक अपने घर से दूर, मुंबई में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी कर रहे थे। अंकित की 9 से 5 की नौकरी तो थी ही, इसके अलावा, ऑफिस जाने के लिए उन्हें रोज़ 13 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती, जिसमें कई घंटे लग जाते। यहाँ, उनकी सालाना आय आठ लाख रूपये थी। लेकिन, अंकित इस रोज़-रोज़ की भागदौड़ वाली ज़िन्दगी से ऊब चुके थे। इसलिए, साल 2019 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी और छिंदवाड़ा लौट आए। उनके इस एक सही फैसले की वजह से, आज, महज़ दो साल बाद, अंकित की ज़िंदगी बिलकुल बदल चुकी है। 30 वर्षीय अंकित को अब घंटों, एक तरह के रूटीन में काम नहीं करना पड़ता है। अब वह अपना ‘चाय का बिजनेस’ (Tea Business) चलाते हैं।

अंकित अपने इस बिजनेस से, हर महीने लगभग 60 हजार रुपए की कमाई कर रहे हैं। साथ ही, उन्होंने दो और लोगों को रोज़गार भी दिया है। वह कहते हैं कि यह बदलाव हालातों की वजह से नहीं आया, बल्कि उन्होंने इसे खुद चुना है। अपने नए बिजनेस, ‘इंजीनियर चायवाला’ से वह बेहद संतुष्ट हैं और उन्हें इस पर काफी गर्व भी है।

अपने पैशन की ओर बढ़ते हुए

गर्म चाय और चटाखेदार पोहा

नौकरी छोड़ने के बाद, अंकित अपना खुद का रेस्तरां शुरू करना चाहते थे। लेकिन, इसे चलाने के लिए न तो उनके पास साधन था और न ही अनुभव। उन्होंने कुछ छोटे स्तर पर शुरु करने का सोचा और चाय का बिज़नेस (Tea Business) शुरू किया।

अंकित ने द बेटर इंडिया को बताया, “भारत में, तकरीबन सभी लोग चाय पीते हैं और बहुत से लोग तो दिन में कई बार चाय पीते हैं। मैंने सोचा कि यह एक आकर्षक अवसर तो है ही और साथ ही, इसमें कम निवेश की ज़रुरत थी। अगर मैं चाय के बिज़नेस (Tea Business) में सफल रहा, तो मैं फूड सेक्टर में आगे बढ़ सकता हूँ।”

कुछ साल पहले, अंकित ने अपने माता-पिता को खो दिया था। नौकरी छोड़ने और चाय का बिज़नेस (Tea Business) शुरु करने के बारे में, उन्होंने अपनी बहन और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बात की। लेकिन, अंकित का यह फैसला उन्हें कुछ खास पसंद नहीं आया।

उनकी बहन रोशनी कहती हैं, “हम जानते थे कि वह एक बिज़नेस शुरू करना चाहते थे। वह लगातार संभावित विकल्पों पर रिसर्च भी कर रहे थे। हालाँकि, चाय बेचने का उनका विचार हमें पसंद नहीं था। साथ ही, यह उनके लिए भी एक कठिन निर्णय था। लेकिन, हमने उनके निर्णय का समर्थन करने का फैसला किया।”

अंकित अपने परिवार की सोच से सहमत हैं। वह कहते हैं, “कौन अपने रिश्तेदार को चायवाला बनाना चाहेगा? चाय बेचने (Tea Business) को एक सम्मानजनक काम नहीं माना जाता है। लेकिन, मैंने उन्हें भरोसा दिलाया कि यह बस एक शुरुआत है और एक दिन मेरा खुद का एक रेस्तरां होगा।”

भारत के विभिन्न हिस्सों में किया रिसर्च

ग्राहकों की पसंद ‘इंजीनियर चायवाला’ की चाय

शहर के अन्य चाय विक्रेताओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए, अंकित ने अपनी चाय को कुछ अलग तरह से बनाने का फैसला किया।

अंकित कहते हैं, “मैंने जयपुर, पुणे, अमृतसर और दिल्ली सहित पूरे भारत की यात्रा की, ताकि विभिन्न चायों और उन्हें पीने की प्रक्रिया के बारे में सीखा जा सके। चाय बनाना रॉकेट साइंस नहीं है, लेकिन आपका बिजनेस मॉडल मजबूत होना चाहिए ताकि अलग-अलग किस्म की चाय बेची जा सकें और स्वाद ऐसा हो कि ग्राहक आपसे जुड़े रहें और हर बार आपकी ही चाय पीना पसंद करें। मैंने महसूस किया कि अदरक, तुलसी, पुदीना और अन्य जड़ी-बूटियों से बनी देसी चाय ग्राहकों के बीच लोकप्रिय थी। मैंने कुछ गुप्त सामग्रियों (खड़े मसाले और जड़ी-बूटियाँ) के साथ मसाला बनाने का फैसला किया। इस मिश्रण को तैयार करने के बाद, मैंने 14 अगस्त 2020 को अपना चाय का बिज़नेस (Tea Business) शुरू किया।”

उन्होंने कहा कि चाय में एक ख़ास मात्रा में इन सामग्रियों को मिलाया जाता है। एक सटीक तथा निश्चित समय तक, इन सामग्रियों को चाय में डालकर खौलाया जाता है, जो चाय के बेहतरीन जायके को बाहर लाने में मदद करता है।

अंकित कहते हैं कि उन्होंने फरवरी 2020 में ही, व्यवसाय शुरू करने की उम्मीद की थी। लेकिन, कोरोना महामारी के कारण व्यवसाय शुरु करने में देरी हुई। वह कहते हैं, “लॉकडाउन में ढील होने के बाद, मैंने सड़क किनारे एक ठेला किराए पर लिया। मैंने मसाला चाय, इम्यूनिटी चाय और दक्षिण भारतीय फिल्टर कॉफी के साथ शुरुआत की।“
अंकित कहते हैं कि उन्हें जगह बदलनी पड़ी क्योंकि, प्रतियोगियों ने उनकी मौजूदगी को अच्छी तरह से नहीं लिया। अंततः उन्होंने एक ऐसी जगह चुनी, जहाँ अन्य कोई व्यवसाय करने वाले उन्हें जगह छोड़ने के लिए नहीं कह सकते थे।

अंकित के पास प्रतिदिन लगभग 400 ग्राहक आते हैं, जिससे उन्हें दो हजार रुपए का मुनाफा होता है। एक कप चाय की कीमत 8 रुपए और कॉफी की कीमत 15 रुपए है। वह कहते हैं, ”मैंने हाल ही में मेन्यू में पोहा भी शामिल किया है। मेरी योजना जल्द ही ठेले पर बिजनेस करने की बजाय, स्थायी स्टोर बनाने की है। हालांकि, मैं अभी भी ग्राहकों की पसंद-नापसंद को ध्यान में रख रहा हूँ और उनका विश्लेषण कर रहा हूँ।”

अंकित चाय बनाते हुए

इंजीनियर चायवाला के एक ग्राहक हरीश कुमार विश्वकर्मा कहते हैं, ”चाय का स्टॉल जब से खुला है, तब से मैंने यहाँ हर तरह की चाय पी है। लेकिन, मैं इम्यूनिटी चाय का बहुत शौकीन हूँ। यह ताज़गी से भरी होती है और यहाँ तक कि मेरे दोस्त भी इसे बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। रेस्तरां के बोर्ड पर लिखा हुआ ‘इंजीनियर चायवाला’ नाम भी, नये ग्राहकों को काफी आकर्षित करता है।”

अंकित की बहन रोशनी का कहना है कि वह एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद, अपने भाई को कारोबार का विस्तार करने में सहयोग करेंगी। वह कहती हैं, ”हम हर तरह से उनका समर्थन करते हैं और यहाँ तक कि उनकी अनुपस्थिति में बिज़नेस का भी ध्यान रखते हैं।”

फूड बिजनेस में आगे बढ़ने के लिए लगातार मेहनत करने वाले अंकित अंत में कहते हैं, “मैं आने वाले दिनों में और ज़्यादा स्नैक्स, अपने मेन्यू में शामिल करूंगा। मुझे विश्वास है कि मैं सही दिशा में आगे बढ़ रहा हूँ। साथ ही, मुझे उम्मीद है कि मैं जल्द ही अपने लक्ष्य को हासिल कर लूँगा।”

मूल लेख- हिमांशु नित्नावरे

संपादन- जी एन झा

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