लेकिन दोनों बार मिली असफलता के कारण वह डिप्रेशन में चले गए, हालांकि उनका परिवार उन्हें लगातार मोटिवेट करता रहा। तब शिशिर ने एक बार और कोशिश करने का फैसला किया और आखिरकार सफलता हासिल कर ही ली।
शिशिर के पिता एक सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं और उनकी माँ हाउस वाइफ। शिशिर ने जयपुर से ही स्कूली शिक्षा हासिल की। 12वीं के बाद JEE एडवांस की परीक्षा पास की और IIT बॉम्बे में उनका सलेक्शन हो गया।
लाखों की सैलरी व तमाम सुविधाओं के बावजूद, वह नौकरी छोड़कर लौट आए और 2016 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन वह बीमार पड़ गए और मेन्स क्लियर नहीं कर सके।
उन्होंने 2017 में दूसरा प्रयास किया, लेकिन 6 नंबर से रह गए। दो बार फेल होने के बाद वह डिप्रेशन में चले गए थे। उनके परिवार को डर था कि वह आत्महत्या कर लेंगे, इसलिए उनकी माँ उसके साथ सोती थीं।
आखिरकार, 2019 में असफलता और डिप्रेशन से जूझने के बाद, उन्होंने तीसरा प्रयास किया और AIR 50 हासिल की।