दीवार पर भी लगा सकते हैं ढेरों पौधे, इस तरह बनाये अपना वर्टिकल गार्डन

Vertical Garden in Balcony

इस लेख में गार्डनिंग एक्सपर्ट से सीखिए वर्टिकल गार्डन लगाने के तरीके।

शहरों में रहने वाले लोग अपने घरों में अच्छी बागवानी करना चाहते हैं। लेकिन उनके लिए समस्या होती है जगह। बहुत से लोगों के पास घर में इतनी जगह नहीं होती है कि वे पेड़-पौधे लगा सकें। महानगरों में रहने वाले लोगों को छत तो क्या बालकनी भी मुश्किल से नसीब हो पाती है। कई बार बालकनी इतनी छोटी होती है कि इसमें बड़े गमले रखने के बारे में लोग सोच नहीं पाते हैं। ऐसे लोगों के लिए द बेटर इंडिया के पास एक ही सलाह है और वह है दीवार, मतलब वर्टिकल गार्डनिंग। 

बेंगलुरु में अपने घर में बागवानी कर रही स्वाति द्विवेदी का कहना है कि अगर कोई बागवानी करना चाहे तो उनके लिए दीवार भी पर्याप्त है। अपने घर की किसी भी दीवार पर आप ‘वर्टिकल गार्डनिंग’ कर सकते हैं। ‘वर्टिकल गार्डनिंग’ आप अपने घर में उपलब्ध जगह के हिसाब से अलग-अलग तरीकों से कर सकते हैं। जैसे कोई सीधा दीवार में गमलों का सेटअप कराता है तो कुछ लोग स्टैंड बनाकर, इस पर छोटे गमले रखते हैं। जो लोग अपने बजट को थोड़ा ज्यादा रख सकते हैं, वह हाइड्रोपोनिक सेटअप भी कर सकते हैं। 

वर्टिकल गार्डन का चलन पिछले कुछ समय में सिर्फ घरों में ही नहीं बल्कि पब्लिक जगहों पर भी बढ़ा है। अलग-अलग तरीकों से आप किसी भी सूनी दीवार को हरियाली से भर सकते हैं। स्वाति कहती हैं, “वर्टिकल गार्डन सेटअप करने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती है। बहुत से लोग अपनी जरूरत के हिसाब से खुद स्टैंड आदि तैयार कराते हैं तो वहीं कई लोग ई-कॉमर्स वेबसाइट से पहले से तैयार वर्टिकल गार्डन सेटअप खरीद लेते हैं। आप किसी भी तरह का सेटअप करें, लेकिन कुछ बेसिक बातें हैं जो आपको हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए।” 

इस तरह से लगाएं वर्टिकल गार्डन 

  • ग्रिल पर लगाएं गमले:
Hang planters on window grill to make vertical garden
Planters on Window Grill (Source)

स्वाति कहती हैं कि अगर आपकी बालकनी में पहले से ही ग्रिल हैं या फिर ऐसी कोई जगह है, जहां पर बड़ी ग्रिल है तो आपको ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए आपको बस हुक वाले गमले लेने हैं। वर्टिकल गार्डन के लिए आपको बहुत से छोटे गमले मिल जायेंगे, जिनमें पहले से एक हुक या हैंडल लगा आता है। इसकी मदद से आप इन्हें ग्रिल पर लगा सकते हैं। अपने ग्रिल की लम्बाई-चौड़ाई के हिसाब से आप गमले खरीद लें।

“अगर आप प्लास्टिक के छोटे गमले ले रहे हैं तो ये आपको 20 रुपए/गमले के हिसाब से मिल जाने चाहिए। हालांकि यह कीमत इलाके के आधार पर अलग-अलग हो सकती है,” उन्होंने कहा। 

  • बनवा सकते हैं लोहे या लकड़ी का फ्रेम: 
Vertical Garden in Balcony
Use Metal Frame (Source) or Wooden Frames (Source) to make vertical garden

उन्होंने आगे कहा कि अगर आपके पास इतनी जगह है कि आप लकड़ी का स्टैंड रख सकते हैं तो आप स्टैंड में भी इन्वेस्ट कर सकते हैं। अपनी जरूरत के हिसाब से लकड़ी का स्टैंड बनवाकर, आप इसमें गमले लगा सकते हैं। लकड़ी के स्टैंड के लिए आप मिट्टी या सेरेमिक के भी छोटे गमले ले सकते हैं। इन गमलों की कीमत आपको 20 रुपए से 100 रुपए तक पड़ेगी। हो सकता है कि सेरेमिक के डिज़ाइनर गमले आपको और महंगे पड़े। लेकिन यह आप अपने बजट के हिसाब से तय कर सकते हैं। 

इसी तरह, अगर आप चाहें तो लोहे का भी फ्रेम बनवा सकते हैं। स्वाति कहती हैं कि इस फ्रेम में चारों तरफ लोहे की मोटी पट्टियां होती हैं और इस पैनल के बीच में लोहे की पतली तारों से जाली बनाई होती है। आप इस फ्रेम को अपनी बालकनी या घर की किसी अन्य दीवार पर फिट करवा सकते हैं। फ्रेम बनवाने के बाद आप ऐसे गमले चुनें, जिन्हें पौधा लगाने के बाद इस फ्रेम पर आसानी से लगाया जा सके। 

स्वाति कहती हैं, “अगर आप खुद लकड़ी या लोहे का फ्रेम बनवा रहे हैं तो इसे दीवार की लम्बाई-चौड़ाई के हिसाब से बनवा सकते हैं। इससे आपका खर्च उसी हिसाब से आएगा, जितना बड़ा आप फ्रेम बनवाते हैं। हालांकि, मेरे हिसाब से एक बेसिक सेटअप के लिए आपकी लागत 500 से 1000 रुपए आएगी।” 

  • ऑनलाइन खरीद सकते हैं वर्टिकल गार्डन सेटअप: 
Readymade vertical garden setup
Readymade vertical garden setup (Source)

स्वाति कहती हैं कि अगर कोई खुद से सेटअप नहीं बनवाना चाहता है तो वे अमेज़न या फ्लिपकार्ट जैसी जगहों से पहले से तैयार सेटअप भी खरीद सकते हैं। एक छोटे सेटअप की कीमत आपको 1000 रुपए से 1200 रुपए तक पड़ेगी। ऑनलाइन आपको जो सेटअप मिलता है, उसे लगाने के लिए पैकेज के साथ एक मैन्युअल आता है। जिसकी मदद से आप अपना सेटअप कर सकते हैं। इस सेटअप की खासियत यह है कि इसे आप अलग-अलग जगहों पर लगा सकते हैं। जैसे कुछ दिन आपने किसी ग्रिल पर इसे लगा दिया तो कुछ दिन अपने दरवाजे पर लटका दिया। हालांकि, इसके लिए आपको देखना होगा कि आपके घर में कहां-कहां लगाना सम्भव है। 

  • हाइड्रोपोनिक्स भी है अच्छा तरीका

कम जगह वाले लोग हाइड्रोपोनिक्स भी अपना सकते हैं। लेकिन इस तकनीक के लिए आपको अच्छी ट्रेनिंग की जरूरत होती है। हाइड्रोपोनिक्स एक्सपर्ट अनिल थडानी कहते हैं, “आप नौ-दस हजार में एक अच्छा हाइड्रोपोनिक सिस्टम बनवा सकते हैं। लेकिन हाइड्रोपोनिक सिस्टम में आपको अच्छा पोषण देना होता है ताकि पौधे अच्छे से विकसित हों।”

Hydroponics at home
Hydroponics System (Source: Anil)

साथ ही, ऐसा सिस्टम लगाए, जिसमें पानी को फ्लो अच्छा रहे। अपने सिस्टम के हिसाब से ही आप उसमें पौधे भी लगा सकते हैं जैसे लेटस, टमाटर, हरी मिर्च, स्ट्रॉबेरी आदि लगा सकते हैं। अनिल कहते हैं हाइड्रोपोनिक के लिए आपको थोड़ा ज्यादा बजट चाहिए और इन्वेस्ट करने से पहले अच्छा है कि आप इस तकनीक की बरीकी सीख लें। क्योंकि अगर आपका मन है तो आपको इसे सीखने में ज्यादा समय नहीं लगेगा और हाइड्रोपोनिक तकनीक से उगी सब्जियां या सलाद पोषण के मामले में सबसे अच्छी होती हैं।

इन बातों का रखें ध्यान: 

स्वाति कहती हैं कि सिर्फ वर्टिकल गार्डन का सेटअप ही नहीं बल्कि आप कैसा पॉटिंग मिक्स बनाते हैं, क्या पौधे लगाते हैं, इन बातों पर भी ध्यान देना जरुरी है। 

  • पॉटिंग मिक्स के लिए ज्यादा से ज्यादा कोकोपीट और खाद का इस्तेमाल करें। 
  • ऐसे पौधों को एक साथ लगाएं जिनमें एक बराबर धूप और तापमान की ज़रूरत पड़ती हो।
  • ऐसी जगह चुनें जो बारिश से सुरक्षित हो। लेकिन पर्याप्त धूप मिलनी चाहिए।
  • नियमित रूप से पानी दें क्योंकि गमले छोटे होने के कारण ज्यादा समय तक नमी नहीं रहती है। 
  • आप गार्डन कहां सेटअप कर रहे हैं, उसके अनुसार पौधे लगाएं। इंडोर और आउटडोर का ख़ास ख्याल रखें। 
  • हमेशा ऐसे पौधे लगाएं जो ज्यादा न बढ़ते हों। 
  • जिस भी दीवार पर आप वर्टिकल गार्डन सेटअप कर रहें हैं, उस पर पहले कोई प्लास्टिक शीट लगा सकते हैं ताकि सीलन न हो। 

हैप्पी गार्डनिंग!

संपादन- जी एन झा

यह भी पढ़ें: 5 आसान स्टेप्स में सीखें, पुरानी जीन्स से प्लांटर्स बनाना

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें।

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

Let us know how you felt

  • love
  • like
  • inspired
  • support
  • appreciate
X