अगर किसी को मिर्गी (Epilepsy) आ जाए, तो सबसे पहले क्या करना चाहिए? आमतौर पर लोग जूता सुंघाने जैसे टोटके करते हैं, जो है तो बिल्कुल गलत, लेकिन सालों से हमने लोगों को मिर्गी का इलाज (Mirgi Ka Ilaj) इसी तरह से करते देखा या सुना है। वाराणसी के न्यूरोलॉजिस्ट विजय नाथ मिश्रा ने जब ये चीज़ें देखीं, तो दंग रह गए और यहीं से उनके करियर ने एक नई दिशा पकड़ ली।
वह कहते हैं, “बतौर न्यूरोलॉजिस्ट जो सबसे बड़ी दिक्कत आपके सामने आती है, वह तब आती है, जब आप एक ऐसे व्यक्ति को देखते हैं, जिसे मिर्गी का दौरा पड़ रहा है, लेकिन उसे दवा देने के बजाय, लोग उसे जूता सुंघाते हैं। कोई उसे आग से जला देता है, तो कई दाग देता है। एक मरीज़ को लोग इस तरह की यातनाएं देते रहते हैं, लेकिन उसे दवा नहीं देते।
विजय नाथ मिश्रा, पिछले 25 सालों से मिर्गी के मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं और अब तक 12,000 से भी ज़्यादा कैंप लगाकर, 70 हज़ार से अधिक मरीज़ों का इलाज कर चुके हैं। उन्होंने इन मरीज़ों का सिर्फ इलाज ही नहीं किया, बल्कि उन्हें बिमारी से मुक्त करके फिर से आम ज़िन्दगी जीने के काबिल भी बनाया और इसी काम की बदौलत आज विजय नाथ मिश्रा पूरे भारत में ‘मिर्गी मैन’ के नाम से जाने जाते हैं।
Epilepsy के प्रति जागरूकता के लिए बनाई फिल्म
विजय ने बताया, “मिर्गी के मरीज़ों को, खासतौर पर लड़कियों को सुसराल वाले छोड़ देते थे, उनके घर वापस भेज देते थे। ऐसे में इसके लिए हम लोगों ने बहुत प्रयास किया कि मिर्गी से पीड़ित जो लडकियां हैं, उन्हें नया जीवन मिले। मिर्गी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विजय नाथ ने इस विषय पर ‘एक नया दिन’ नाम से फिल्म भी बनाई है, जिसकी सराहना भारत के साथ-साथ विदेशों में भी हुई।
उन्होंने कहा, “धीरे-धीरे करके पिछले 25-30 सालों में यह हम लोगों का एक मिशन बन गया है कि मिर्गी का मरीज़ कहीं भी हो, पूरे देश में या विदेश में भी, तो उसे सही इलाज मिलना चाहिए।”
अंत में विजय ने 3 बातें कहीं, जो हर किसी को ध्यान में रखनी चाहिए। पहला- मिर्गी का इलाज (Mirgi Ka Ilaj) संभव है। दूसरा- मिर्गी के मरीज़ का इलाज दवाइयों से होता है, न की अंधविश्वास से और तीसरा, जो सबसे ज़रूरी है, हम सब को इस बात का ध्यान रखना होगा कि कहीं भी, कोई भी मिर्गी को अंधविश्वास से न जोड़े।
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