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महाराष्ट्र सरकार ने स्कूली छात्रों के लिए 4 भाषाओं में शुरू किए 12 ऑनलाइन चैनल

कोरोना वायरस महामारी के चलते पिछले कई महीनों से स्कूल-कॉलेज बंद हैं। छात्रों की कक्षाएं ऑनलाइन हो रही हैं, लेकिन यह बिल्कुल भी आसान काम नहीं है। एकदम से पढ़ाई के लिए डिजिटल मोड को अपनाना बच्चों और शिक्षकों दोनों के लिए ही परेशानी भरा है।

इन दिनों हर कोई भविष्य की योजना पर विचार कर रहा है। स्कूल-कॉलेज खोलना बहुत ही बड़ा रिस्क है लेकिन इस बीच बच्चों को कैसे लगातार शिक्षा से जोड़कर रखा जाए, इस सवाल ने सबको परेशान कर रखा है।

इसी कड़ी में एक अलग खबर महाराष्ट्र से आई है, जहाँ सरकार ने जिओ के साथ मिलकर बच्चों  के लिए ऑनलाइन पढ़ाई को आसान बनाने की पहल की है।

हाल ही में, महाराष्ट्र स्टेट काउंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च ने यूट्यूब चैनल पर पहली कक्षा से लेकर 10वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए चार शैक्षणिक चैनल शुरू किए थे। इसके पीछे उनका उद्देश्य बच्चों को घर पर रहते हुए ही पढ़ाई से जोड़े रखना है। ये चैनल मराठी और उर्दू मीडियम के छात्रों की मदद के लिए अभी इन दो भाषाओं में शुरू किए हैं और जल्द ही, हिंदी और अंग्रेजी भाषा में भी इन्हें शुरू किया जाएगा।

इस बात की जानकारी राज्य की शिक्षा मंत्री वर्ष गायकवाड़ ने खुद ट्विटर के ज़रिए दी।

इसके साथ ही, राज्य सरकार ने तीसरी कक्षा से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए अलग से 12 शैक्षणिक चैनल शुरू किए हैं। इन चैनलों को जिओ टीवी के प्लेटफ़ॉर्म पर शुरू किया गया है। महाराष्ट्र पहला ऐसा राज्य है जिसने 4 भाषाओं में छात्रों के लिए शैक्षणिक चैनल शुरू किए हैं।

महाराष्ट्र सरकार ने 5 जुलाई, 2020 को राज्य में स्कूली शिक्षा के लिए पहले ही तीन चैनल लॉन्च कर दिए थे और बाकी 9 चैनलों को अब लॉन्च किया गया है। बहुत से लोगों के पास जिओ कनेक्शन हैं और इसलिए इन चैनलों को जिओ टीवी प्लेटफॉर्म पर लॉन्च किया गया है। इसके अलावा, जिओ सावन पर छात्रों के लिए ऑडियोबुक्स शुरू की गई हैं।

जिओ टीवी चैनल कक्षा 10वीं के मराठी और अंग्रेजी के छात्रों के साथ-साथ कक्षा 12 वीं के विज्ञान के छात्रों के शैक्षिक कार्यक्रमों के लिए हैं। ज्ञानगंगा नामक कार्यक्रम कक्षा 12 के पाठ्यक्रम और 10वीं कक्षा के मराठी और अंग्रेजी के पाठ्यक्रमों के लिए समर्पित है। एक रेडियो चैनल का नाम ‘आम्ही इंग्रेजी शिकतो’ है, जिसका अर्थ है कि हम अंग्रेजी सीखते हैं।

जिओ शैक्षणिक चैनल पर 6 घंटे के लिए लेक्चर हुआ करेंगे। बाकी समय उन लेक्चर्स का रिपीट टेलीकास्ट होगा। बाकी टाइम-टेबल सरकार द्वारा जल्द ही घोषित किया जाएगा।

बेशक, बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए, महाराष्ट्र राज्य का यह फैसला काबिल-ए-तारीफ है।

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