झारखंड में बाबानगरी के नाम से प्रसिद्ध देवघर जिले के सब डिवीजनल पुलिस ऑफिसर विकासचंद्र श्रीवास्तव अपनी व्यस्त दिनचर्या के बीच रोजाना समय निकालकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को मुफ्त में पढ़ाते हैं। देवघर के अम्बेडकर पुस्तकालय में 4000 से ज्यादा छात्र उनसे पढ़ने के लिए रजिस्टर्ड हैं। विकास ने गरीब एवं जरुरतमंद बच्चों के लिए इस पहल की शुरूआत की है खासकर जो सिविल सर्विसेज की पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन उनके पास कोचिंग के लिए पैसे नहीं है।
विकास के ज्यादातर छात्र सुदूर ग्रामीण इलाकों से होते हैं। अपने दोस्तों के बीच ‘पुलिस वाले गुरुजी’ के नाम से पुकारे जाने वाले इस शख्स के हजारों छात्र अब तक प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, बैंकिग समेत अन्य क्षेत्रों में नौकरी कर रहे हैं।
विकासचंद्र श्रीवास्तव को पुलिस सर्विस से लगाव रहा है। वह आईपीएस बनना चाहते थे। दिल्ली जाकर सिविल सर्विसेज की तैयारी भी की लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। बाद में वह झारखंड लौट आए। हजारीबाग के रहने वाले विकास ने वहीं से पढ़ाने का काम शुरू किया और अपनी तैयारी भी जारी रखी। कुछ ही सालों में विकास झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन( जेपीएससी) के लिए चुने गए, आज वह डीएसपी के रुप में झारखंड पुलिस में योगदान दे रहे हैं।
रांची में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होनें कई जरुरतमंद छात्र-छात्राओं को किताब, कोचिंग एवं आर्थिक रुप से भी मदद की। साथ ही रांची के सेंट्रल लाइब्रेरी से लेकर आदिवासी छात्रावास तक सैकड़ों जरुरतमंदों को कोचिंग देते थे। बाद में उनका तबादला रांची से देवघर हो गया। झारखंड के इस शहर में सिविल सर्विसेज एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवा इनके फैन हैं। हाल ही में छठी जेपीएससी के रिजल्ट में स्टेट के दोनों टॉपर समेत करीब 15 सफल युवाओं को विकास ने ही पढ़ाया था। जेपीएससी की स्टेट टॉपर सुमन गुप्ता बताती हैं, “विकास सर ने मुझे और मेरे पति गौतम जिनकी 32 वीं रैंक आई है, दोनों को पढ़ाया है। जनरल स्टडीज में विकास सर का कोई तोड़ नहीं है।”
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के मनोहरपुर के एसडीपीओ विमलेश भी उनके छात्र रहे हैं और वह अपनी सफलता का श्रेय विकास गुरूजी को देते हैं। विमलेश बताते हैं, “सर के पढ़ाने का तरीका अनूठा है। वो जीएस और इतिहास को भी मनोरंजक बना देते थे। उनकी पढ़ाई हुई कोई भी चीज रटनी नहीं पड़ता थी स्वत: याद हो जाती था। विकास सर जैसे लोग विरले ही होते हैं।”
बोकारो जिले के चंदनकियारी प्रखण्ड की बीडीओ वेदवंती बताती हैं, “डीएसपी सर की कोचिंग के बिना मुश्किल था अधिकारी बनने का सफर। सबसे बड़ी बात है कि किताबी ज्ञान के अलावा वह नैतिक ज्ञान भी देते हैं और हमारा उत्साह भी बढ़ाते रहते हैं।”
डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव के जोश एवं जज्बे का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते है कि आज कोरोना संकट के समय में भी अपनी पुलिस की जिम्मेदारी पूरी निष्ठा के साथ पूरा करते हुए रोजाना ऑनलाइन क्लास के माध्यम से सैकड़ों जरुरतमंद छात्रों की मदद कर रहे है और मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं। लॉकडाउन एवं कोरोना संकट की वजह से पुलिस पर जिम्मेदारी और बढ़ गई है, ऐसे में भी विकास अपनी तमाम व्यस्तताओं के बीच समय निकालकर जरुरतमंद छात्रों की क्लासेज से कभी समझौता नहीं करते हैं।
विकास ने द बेटर इंडिया को बताया, “आजकल कोरोना की वजह से काम बढ़ा हुआ है लेकिन समय निकालकर इन बच्चों को पढ़ाने से मुझमें नई ऊर्जा का संचार होता है और मैं काफी अच्छा महसूस करता हूं। मेरे कई छात्र आईएफएस, आईपीएस एवं राज्य प्रशासनिक सेवा में चुने गए हैं, उनका चुना जाना ही मेरी पूंजी है, इससे मुझे संतुष्टि मिलती है।”
विदेश में भी विकास चंद्र श्रीवास्तव के छात्र हैं। अमेरिका के मिशिगन की अभिलाषा लाल एक इंजीनियर हैं और साथ ही सिविल सर्विसेज की तैयारी भी कर रही हैं । वह भारत लौटकर यूपीएससी की परीक्षा में शामिल होंगी। उन्होंने बताया, “मुझे मेरे दोस्तों से विकास सर के बारे में पता चला, मैं उनसे ऑनलाइन क्लासेस लेती हूँ। उनके पढ़ाने का तरीका पूरी तरह से विजुअल आधारित होता है, मुझे गर्व है कि मैं उनसे जुड़ी हूँ ।”
ग्लोबल से लोकल के सफर में द बेटर इंडिया ने देवघर के मनोहरपुर प्रखण्ड के सुदूर बरमसिया गाँव के निरंजन कुमार से बात की, निरंजन बताते हैं , “सर हमें ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि मैं सर का नाम अपने लक्ष्य को पाकर रौशन करूँगा। सच कहूँ तो मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कोई पुलिस अधिकारी हमें पढ़ाएगा।”
डीएसपी के रुप में अपने कार्यों का निष्ठा से अनुपालन कर रहे विकास चंद्र श्रीवास्तव बताते हैं, “आज सैकड़ों लोगों के साथ मैं अपना ज्ञान बाँट रहा हूँ, भविष्य में एक ट्रेनर्स की टीम बनाकर लाखों बच्चों को निशुल्क इस लाभ से जोड़ने का मन है । मुझे उम्मीद है कि शिक्षा की अलख जगाते हुए अगले दस सालों में मैं अपने इस मिशन को पूरा कर पाउँगा। मेरी कोशिश युवाओं को लक्ष्य तक पहुँचाने के अलावा उन्हें एक अच्छा नागरिक बनाना है।”
अब तक हजारों छात्रों के भविष्य को गढ़ने वाले झारखंड के होनहार डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव को द बेटर इंडिया सलाम करता है।
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