महामारी के बीच जब लॉकडाउन लगा, तो बहुत से लोगों को घर से काम करना पड़ा। 24 घंटे घर में रहना कुछ के लिए उबाऊ और थकाऊ था, तो कुछ ने इस मौके का फायदा अपना शौक़ पूरा करने के लिए किया। तिरुवनंतपुरम् के शफी विक्रमन भी लॉकडाउन का फायदा उठाने वाले लोगों में शामिल थे। उन्होंने घर पर रहते हुए येल, प्रिंसटन और ivy लीग यूनिवर्सिटीज समेत दुनिया भर के कई प्रीमियम संस्थानों से 130 से ज्यादा फ्री ऑनलाइन सर्टिफिकेट (Free online certificate courses) हासिल किए हैं।
वह बताते हैं कि जब 2020 में महामारी फैलने की वजह से लॉकडाउन लग गया और हर जगह ऑनलाइन क्लासेज़ चल रही थीं, तब उनके मन भी आया कि क्यों न कुछ नया सीखा जाए और फिर वह अपने लैपटाप पर बाहर के देशों से पढ़ाई के लिए कुछ सर्टिफिकेट कोर्स करने की संभावनाएं तलाशने लगे।
आपदा को अवसर में बदला
थोड़ी खोज-बीन के बाद, उन्हें कौरसेरा और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जैसे प्लेटफार्म्स पर पढ़ाई करने का मौका मिला। ये संस्थान कई विषयों में फ्री ऑनलाइन कोर्स (Free online certificate courses) कराते हैं। शफी ने बताया, “यह उन लोगों के लिए एक शानदार अवसर है, जो दुनिया भर के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और कालेजों से घर बैठे पढ़ाई करना चाहते हैं। इसके लिए ये संस्थान पैसे भी नहीं लेते हैं।”
कॉमर्स विषय में ग्रेजुएट शफी कहते हैं, “मुझे हमेशा से नए विषय सीखने में दिलचस्पी रही है। अंतर्राष्ट्रीय यूनिवर्सिटीज़ से पढ़ाई करने और प्रमाणपत्र हासिल करने का मौका मिलना मेरे लिए एक सपने जैसा था। अपने इन कोर्सेस की वजह से मैं पूरे लॉकडाउन के समय बिजी रहा था।”
पापा की राह पर चल पड़ी बिटिया भी
शफी की बेटी होटल मैनेजमेंट में तीसरे साल की छात्रा हैं और अपने पिता के साथ, वह भी 50 से ज्यादा ऑनलाइन कोर्सेज़ पूरे कर चुकी हैं। शफी मुस्कुराते हुए कहते हैं, “मेरी बेटी ने ज्यादातर होटल मैनेजमेंट से संबंधित विषयों को चुना। शुरुआत में, मैं भी अपने क्षेत्र से जुड़े यानी मार्केटिंग के साथ ही आगे बढ़ रहा था, क्योंकि ये मेरी नौकरी से मेल खाते थे। लेकिन बाद में मैंने अपनी पसंद के बहुत सारे मेडिकल कोर्सेज़ भी किए।”
वह अब तक प्रिंसटन, येल, व्हार्टन और कोलंबिया जैसे ग्लोबल यूनिवर्सिटीज़ से फ्री ऑनलाइन कोर्स (Free online certificate courses) कर चुके हैं और 130 से ज्यादा ऑनलाइन प्रमाणपत्र उनके हाथ में हैं। क्या यह सब करना आसान था? मुस्कराते हुए जवाब मिलता है, “ज्यादा, मुश्किल भी नहीं था।” इसके लिए उन्होंने एक टाइम टेबल बनाया और उसी के हिसाब से आगे बढ़े।
वह आगे कहते हैं, “मैंने शुरुआत स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक कोर्स के साथ की। शुरु में यह थोड़ा मुश्किल लग रहा था। लेकिन धीरे-धीरे मुझे इसमें महारत हासिल हो गई और फिर मैं एक समय में एक साथ 15 से ज्यादा कोर्स करने लगा। अब मुझे पता था कि किस विषय को कितना समय देना है। मैं समय का पूरा ध्यान रखते हुए पढ़ाई करता था। फिलहाल मैंने अभी 20 और कोर्स में एडमिशन लिया है।”
जिन अन्य संस्थानों से उन्होंने प्रमाणपत्र लिया, उनमें एडिनबर्ग, मैनचेस्टर, इंपीरियल कॉलेज लंदन, म्यूनिख की लुडविग मैक्सिमिलियन यूनिवर्सेटी और फ्रांस का ईएससीपी बिजनेस स्कूल शामिल हैं।
पढ़ाई के लिए छोड़ी नौकरी
पचास साल के शैफी एक विदेशी फॉरेन एक्सचेंज में उप महाप्रबंधक के पद पर काम कर रह थे। लेकिन पढ़ाई की ऐसी लत लगी कि उसके लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। वह बताते हैं कि दूसरे देशों में ऑनलाइन पढ़ाई करते हुए उन्हें टाइम जोन से जूझना पड़ रहा था।
वह कहते हैं, “मैंने यूके, यूएस, फ्रांस, जर्मनी आदि जैसे देशों के पाठ्यक्रमों के लिए नामांकन किया था। यहां और वहां के समय में काफी अंतर है। इसलिए, कभी-कभी, मुझे अपनी नींद के साथ समझौता करना पड़ता था। कई बार देर रात तक पढ़ाई करनी पड़ती और मुश्किल से 2-3 घंटे सो पा रहा था। कुछ घंटे की नींद के बाद, ऑफिस का काम संभालना आसान नहीं था।” बस यही वजह थी कि उन्होंने नौकरी छोड़ दी।
शफी ने 16 देशों से फायनेंस, क्रिप्टोकरेंसी, ब्लॉकचैन, उद्यमिता, रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मनोविज्ञान, ट्रेवल, पर्यटन, फूड और न्यूट्रिशन, मेडिसिन जैसे कई विषयों की पढ़ाई (Free online courses) की और सर्टिफिकेशन हासिल किया।
WHO के कोर्स करना है आसान
उन्होंने बताया, “WHO, स्वास्थ्य और चिकित्सा से संबंधित कई विषयों पर बहुत सारे कोर्स कराता है। लोगों को इनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। जबकि इन्हें करना काफी आसान है। वहीं, अगर हम ivy लीग यूनिवर्सिटी जैसे प्रमुख संस्थानों की बात करें, तो यहां पढ़ाई करना थोड़ा सा मुश्किल है। लेकिन इन्हें भी आसान बनाया जा सकता है। सभी क्लासेज़ अटेंड करें और सिलसिलेवार ढंग से नोट्स बनाएं। ऐसा करके आप उन्हें आसानी से क्रैक कर सकते हैं। कोर्स के आखिर में एक निश्चित कट ऑफ प्रतिशत के साथ एक परीक्षा होगी।”
फिलहाल वह 22 से ज्यादा कोर्स करने में व्यस्त हैं। शफी का कहना है कि वह अपने इस सीखने के सफर को जहां तक संभव होगा जारी रखेंगे। आम लोगों को इस मौके का फायदा उठाने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा, “पढ़ाई करने के लिए आपको यहां एक रुपया भी खर्च नहीं करना है। लेकिन यह आपकी पसंद के किसी भी विषय पर आपकी जानकारी बढ़ाने में निश्चित रूप से फायदा पहुंचाएगा।”
मूल लेखः अंजलि कृष्णन
संपादनः अर्चना दुबे
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