बात यदि गर्मियों कि छुट्टियों में नानी के घर जाने की हो तो आमतौर पर हम ट्रेन की टिकटें महीनों पहले से बुक करवा लेते हैं, क्यूंकि हर कोई जानता हैं कि हमारे देश में वक़्त पे ट्रेन की टिकट मिल पाना कितना कठिन है। पर अगर आपको कहीं अचानक जाना पड़ जाये तो? तब आप तत्काल का सहारा लेते हैं! तत्काल कि सीटें बनी ही इस तरह की इमरजेंसी के लिए हैं। पर ऐसा कितनी बार हुआ है कि आपने तत्काल (Tatkal) टिकट बुक करने का समय होते ही ठीक रात में 12 बजे भारतीय रेल की वेबसाइट पर लॉग इन किया हो और यह क्या …. टिकट नदारद!!
आप सोचते होंगे ऐसी इमरजेंसी कितनों को हो जाती होगी कि इतनी जल्दी ये टिकटें बुक हो जाती है। पर सच्चाई यह है कि इस शरारत के पीछे दलालों का हाथ होता है, जो सारी टिकटे एक साथ खरीद लेते हैं। इसी पर नकेल कसने के लिए भारतीय रेलवे ने कुछ नियमों में बदलाव किये हैं जो इस प्रकार है –
रेलवे द्वारा टिकट बुकिंग को लेकर नियमों किए गए बदलाव –
- तत्काल श्रेणी में एक आइडी से लॉगिन करने पर सिर्फ एक ही टिकट की बुकिंग होगी।
- दूसरे टिकट के लिए से फिर से लॉगिन करना होगा।
- एक लॉगिन से एक दिन में दो से अधिक टिकट नहीं होंगी बुक।
- एक महीने में छह टिकट से अधिक की बुकिंग नहीं होगी।
- ऑनलाइन आरक्षण पर्ची भरने के लिए प्रति यात्री 25 सेकंड का समय तय।
- भुगतान के लिए अधिकतम 10 सेकंड का समय निर्धारित किया गया है।
- आधार लिंक आइडी से महीने में 12 टिकट तक बुक करने की छूट होगी। लेकिन इसमें कम से कम एक यात्री का आधार वेरीफाइड होना आवश्यक होगा।
- सुबह 8 बजे से 12 बजे तक कोई भी यात्री अथवा एजेंट द्वारा कंप्यूटर में क्विक बुक फंक्शन सिस्टम का उपयोग नहीं कर सकते।