अभिषेक जैन राजस्थान के भीलवाड़ा जिला के संग्रामगढ़ में अपनी पुश्तैनी जमीन पर 2007 से खेती कर रहे हैं। उनके पास कुल 30 बीघा ज़मीन है, जिसके कुछ हिस्से में वह ऑर्गेनिक नींबू और अमरूद उगा रहे हैं।
अभिषेक कभी किसान नहीं बनना चाहते थे लेकिन पिता के निधन के बाद उन्हें खेती की तरफ मुड़ना पड़ा। ब्यावर, अजमेर में अपनी बीकॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद अभिषेक ने मार्बल के बिजनेस में अपना हाथ आजमाया था लेकिन पिता के आकस्मिक निधन के कारण उन्हें खेती का काम संभालना पड़ा।
यह काम काफी मुश्किल था, लेकिन अभिषेक परेशान नहीं हुए। उन्होंने खेती-बाड़ी शुरू की और खेत में नींबू और अमरुद के पौधे लगाए।
अभिषेक कहते हैं, “आपको सिर्फ शुरुआत करनी है। समय के साथ आपको खुद ही महसूस होगा कि आपके बच्चों को भी इसमें मजा आने लगा है। खेत उन्हें प्रकृति से जोड़े रखता है और वह चीजों को बहुत बारीकी से देख पाते हैं। सिर्फ यही नहीं इससे बच्चों को कड़ी मेहनत का महत्व भी समझ में आता है कि अन्न ऐसे ही नहीं उगाया जाता।”
अभिषेक ने जैविक खेती की शुरूआत की। वह कहते हैं कि जैविक खेती की तरफ मुड़ने का उनका फैसला सही था। उन्होंने बताया, “2014 से पहले मुझे खुद बहुत जानकारी नहीं थी कि मिट्टी में क्या मिलाना चाहिए। मैंने अनार उगाने की भी कोशिश की, लेकिन रसायनों के अंधाधुंध इस्तेमाल के कारण पौधे नष्ट हो गए। फिर मैंने जैविक खेती करने का फैसला किया और प्राकृतिक खाद और जीवामृत जैसे तत्वों का इस्तेमाल किया।”
अभिषेक कहते हैं कि जैविक खेती अपनाने की वजह से वह साल में 2 से 3 लाख रूपये बचा लेते हैं। इससे पहले यही पैसे हानिकारक रसायनों पर खर्च हो जाते था।
जैविक खेती की वजह से मिट्टी की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ। अब वह पूरे मन से नींबू की खेती करते हैं और इसे लगातार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। नींबू से वह न सिर्फ नींबू पानी बल्कि अचार भी बनाते हैं।
उनका परिवार हमेशा घर पर ही नींबू का अचार बनाता था। एक बार उन्होंने अपने बनाए अचार कुछ मेहमानों को परोसा तो उन लोगों को यह काफी पसंद किया।
जल्द ही और दोस्त और रिश्तेदार भी ये स्वादिष्ट नींबू का अचार मांगने लगे और उन्होंने लगभग 50 किलोग्राम नींबू का अचार बनाकर मुफ्त में बांट दिए।
2016 में, उन्होंने व्यवसाय के मकसद से अचार बनाना शुरू किया और अब हर साल 500-700 किलोग्राम के बीच अचार बेचते हैं। पैकिंग और शिपिंग के अतिरिक्त मामूली खर्च के साथ 900 ग्राम की बोतल की कीमत 200 रुपये है।
वह कहते हैं, “नींबू ने मेरा जीवन बदल दिया है। 1.75 एकड़ में लगाए नींबू से मेरी औसत आय 6 लाख रुपये है, जबकि खेती की लागत लगभग 1-1.5 लाख रुपये है।”
नींबू एक ऐसा फल है जो पूरे साल उपलब्ध रहता है। अभिषेक नींबू की खेती शुरू करने वालों को सलाह देते हैं कि मानसून की पहली बारिश के बाद नींबू के पौधे लगाने चाहिए। वह नींबू के साथ अमरूद की भी खेती कर रहे हैं। इस खेती से उन्हें लगभग 3.5-4 लाख रुपए का मुनाफा होता है।
अभिषेक कहते हैं, “व्यवसाय की दृष्टि से रोपाई के तीन साल बाद अमरूद और नींबू दोनों पौधे अच्छे फल देते हैं। ”
अमरूद के पौधों की बुआई और फल तोड़ने के लिए वह कुछ श्रमिकों को भी रखते हैं, जो खेत में अन्य कामों में उनकी मदद करते हैं।
इसके अलावा नींबू से अचार बनाने का काम ज्यादातर उनका परिवार ही देखता है जिसमें उनकी माँ और पत्नी भी शामिल हैं।
नींबू साल भर उपलब्ध रहते हैं और हमेशा इनकी मांग रहती है। बेशक, कभी-कभी खराब मौसम जैसी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन अभिषेक कहते हैं, “ये समस्याएं खेती और व्यापार का हिस्सा है, इसलिए मैं इनके बारे में बहुत ज्यादा नहीं सोचता हूँ। ”
लेकिन कुछ चीजें हैं जिनके बारे में वह गंभीरता से सोच रहे हैं जैसे कि किसानों का समूह, जहाँ वह उपयोगी जानकारी प्रदान कर एक दूसरे की मदद कर सकें और अपने जैसे शहरवासियों को छत पर खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर सकें।
इसके लिए उन्होंने खेती करने के इच्छुक कुछ लोगों के साथ मिलकर ‘टीम सेमकिट’ नामक एक समूह बनाया है।
इसमें किसान, कृषि विशेषज्ञ, पीएचडी छात्र शामिल हैं, जो खेती से संबंधित सभी विषयों के बारे में व्हाट्सएप के जरिए जानकारी और ज्ञान शेयर करते हैं। इसमें मिट्टी एवं फसल की गुणवत्ता और बाजार में उतार-चढ़ाव जैसी जानकारियां शामिल हैं। अब तक वह 18 ग्रुप को ट्रेनिंग दे चुके हैं।
वह कहते हैं,”शहर के लोग अपने छत और बालकनी की जगहों का इस्तेमाल खेती करने के लिए कर सकते हैं। वह अपने परिवार के लिए जहर मुक्त रोज़मर्रा की सब्जियां भी उगा सकते हैं।”
अभिषेक के दो बच्चे भी हैं, छह साल की एक बेटी और दस साल का बेटा। वह कहते हैं, “बच्चे स्कूल जाते हैं और पढ़ाई में अच्छे हैं। लोग सोचते हैं कि गाँव में कोई जीवन नहीं है, लेकिन यह सच नहीं है! मेरी पत्नी सूरत जैसे शहर से आई है जो मेरे साथ राजस्थान के एक गाँव में रहती है, और वह यहाँ बहुत ही ख़ुशी से रहती है। बेशक, गाँव में स्वास्थ्य सेवा की कमी है लेकिन हम कोई न कोई रास्ता निकाल लेते हैं। ”
यदि आप अभिषेक से जैविक खेती के बारे में और अधिक जानकारी हासिल करना चाहते हैं या नींबू का अचार ऑर्डर करना चाहते हैं तो उन्हें 09982798700 पर संपर्क कर सकते हैं।
मूल लेख- SHRUTI SINGHAL
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