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जानिए टूटी कुर्सी से कैसे बना कुत्ते का घर और 23 साल पुरानी वॉशिंग मशीन से कंपोस्टिंग बिन

आपके घर में अगर कोई चीज खराब हो जाती है तो आप क्या करते हैं? उसे घर के किसी स्टोर में रखकर भूल जाते हैं या कबाड़ में दे देते हैं? लेकिन क्या कभी आपने, अपने व्यस्त जीवन में से कुछ समय निकाल कर, इन पुरानी चीजों को फिर से इस्तेमाल करने और नया रूप देने (Reuse and Upcycle) की कोशिश की है? अगर नहीं, तो पढ़िए महाराष्ट्र के सिद्धार्थ भाटवाडेकर की यह कहानी। कोल्हापुर के रहने वाले इंजीनियर सिद्धार्थ भाटवडेकर पिछले काफी समय से अपनी जीवन शैली को सस्टेनेबल तरीकों से ढालने की कोशिश कर रहे हैं। 

इस कोशिश में उनकी सबसे बेहतरीन पहल है- अपसायक्लिंग प्रोजेक्ट्स। सिद्धार्थ अपने घर में रखी पुरानी और बेकार चीजों को, नया रूप देकर उपयोगी वस्तुएं बना रहे हैं। जैसे कुछ समय पहले, उन्होंने अपनी 23 साल पुरानी वॉशिंग मशीन के खराब होने के बाद, इसे बेचने या कबाड़ में देने की बजाय खुद अपसायकल किया। इस बारे में वह बताते हैं, “जब नई मशीन ली तो मैंने दूकानदार को भी पूछा कि क्या आप हमारी पुरानी मशीन ले सकते हैं? पर उन्होंने मना कर दिया। इसके बाद, मैंने एक कबाड़ी वाले से संपर्क किया तो उसने कहा कि इस मशीन के एवज में, वह मुझे 300 रुपये देगा। लेकिन, मुझे इन लोगों की बात पसंद नहीं आई और मैं इस पुरानी मशीन से कुछ बनाने के बारे में सोचने लगा।” 

सिद्धार्थ कहते हैं कि पुरानी चीजों को नया रूप देकर, उपयोगी वस्तुएं बनाने का हुनर उन्हें विरासत में मिला है। उनके दादाजी और पिताजी भी, यह किया करते थे। वह बताते हैं, “मैंने अपनी पढ़ाई के दौरान भी कई वर्कशॉप में हिस्सा लिया था। जहाँ मैंने मशीन खोलने तथा बनाने में, हर तरह के उपकरण का इस्तेमाल करना सीखा था। इसलिए, मुझे वॉशिंग मशीन को भी खोलने में कोई दिक्कत नहीं हुई।”

सिद्धार्थ भाटवडेकर, वॉशिंग मशीन से निकाले बैरल के साथ

उन्होंने सबसे पहले, पूरी सावधानी से मशीन की मोटर को निकाला, जिसे वह कहीं और इस्तेमाल में ले सकें। इसकी सभी पाइप भी सही स्थिति में थीं तो उन्होंने इन्हें भी निकाल कर रख लिया। वह कहते हैं कि मशीन से सबसे अच्छी चीज जो उन्हें मिली, वे हैं इसके ड्रम और बैरल। ये दोनों चीजें कंपोस्टिंग बिन (जिसमें खाद बना सकते हैं) बनाने के लिए एकदम सही हैं। 

वह बताते हैं, “हमारे घर के बगीचे से बहुत-से सूखे पत्ते, टहनियाँ और रसोई से गीला कचरा निकलता है। जिससे खाद बनाने के लिए, हमें बड़े कंपोस्टिंग बिन की जरुरत होती है। अब हमें बाजार से कुछ खरीदने की जरूरत नहीं है। बहुत जल्द, हम इन्हीं दो अपसायकल्ड बिन में खाद बनाने की शुरुआत करेंगे।”

पुरानी वॉशिंग मशीन को किया अपसायकल

बनाई हैं और भी उपयोगी चीजें

इससे पहले भी उन्होंने अपनी कई पुरानी चीजों को इस्तेमाल में लिया है। जैसे- उनके घर में काफी समय से रखे एक कार के टायर से, उन्होंने बगीचे में आने वाले पक्षियों के लिए, नहाने और खाने की व्यवस्था की है। उन्होंने इस टायर को बीच से काटकर, इसमें से ‘बर्ड बाथ’ (पक्षियों के नहाने की जगह) और ‘फीडर’ (पक्षियों के दाना-पानी की जगह) बनाए हैं और इन्हें अपने बगीचे में दो अलग-अलग जगह रख दिया है। 

सिद्धार्थ कहते हैं, “हमने इसे इसकी चौड़ाई के हिसाब से काटा है। वैसे टायर काटना आसान प्रक्रिया नहीं है। इसलिए, अगर आप कभी टायर से संबंधित कोई चीज बनाएं तो सावधानी जरूर बरतें। इसे दो भागों में काटने के बाद, हमने इसके बीच में एक पुराना प्लास्टिक का ढक्कन रख दिया, जिस पर पक्षियों के लिए दाना रखा जाता है तथा इसके चारों तरफ टायर वाले हिस्से में, उनके लिए पानी भरा जाता है।” 

पुराने टायर को अपसायकल कर बनाया ‘बर्ड बाथ’ और ‘फीडर’

इसी तरह, उन्होंने अपने घर में रखी एक पुरानी और टूटी हुई कुर्सी से, अपने कुत्ते के लिए रहने की छोटी सी जगह (कैनल) भी बनाई है। उन्होंने बताया कि यह टूटी हुई कुर्सी, लगभग 15 साल पुरानी थी। उन्होंने कैनल बनाने के लिए कुछ पुरानी डिश केबल तार, कबाड़ में रखी पुरानी फ्लैक्स शीट और एक प्लाईवुड के टुकड़े का इस्तेमाल किया। उन्होंने बताया, “हमने अलग-अलग तरह से इसे बनाने का प्रयास किया और आखिरकार इसे बनाने की एक तरकीब मिल ही गई। इसे बनाने में थोड़ा समय लगा लेकिन, जब यह बनकर तैयार हुआ तो ख़ुशी भी बहुत हुई।” 

सिद्धार्थ और उनके घरवाले समय-समय पर इस तरह की चीजें बनाते रहते हैं। सिद्धार्थ कहते हैं, “मैंने पिछले कुछ समय से पुरानी चीजों को फिर से इस्तेमाल करने पर ज्यादा जोर दिया है। पहले मैं बहुत कुछ करने की सोचता था लेकिन, कभी किया नहीं। पर अब मैं अपना काफी समय इन DIY (डू इट योरसेल्फ) और अपसायकल प्रोजेक्ट्स में देता हूँ। इससे खुशी भी मिलती है और बहुत सी चीजों को खरीदने से बचा भी जा सकता है।”

पुरानी कुर्सी को अपसायकल कर बनाया कुत्ते का घर (कैनल)

वह कहते हैं कि वह जब भी बाजार जाते हैं तो अक्सर सामान खरीदने से पहले, यह विचार जरूर करते हैं कि क्या इसे खरीदना जरुरी है? क्या वह इसके बिना अपना काम चला सकते हैं या कोई अन्य विकल्प हो सकता है? इस तरह की चीजों पर विचार करके ही, वह खरीदारी करते हैं। उनकी इस एक आदत के चलते ही, वह अपने घर की पुरानी चीजों से नयी-नयी और उपयोगी चीजें बना पा रहे हैं।

अंत में वह दूसरे लोगों के लिए भी यही सुझाव देते हैं, “आप जिस चीज से भी चाहें, शुरुआत कर सकते हैं। हर किसी के लिए सस्टेनेबिलिटी के तरीके अलग हो सकते हैं लेकिन, उद्देश्य यही होना चाहिए कि हम अपने घर से, कम से कम कचरा बाहर निकालने की कोशिश करें और जहाँ तक हो पाए, चीजों को फिर से इस्तेमाल करें।”

अगर आप सिद्धार्थ से संपर्क करना चाहते हैं तो उन्हें mailsiddharthb@gmail.com पर ईमेल कर सकते हैं।

संपादन- जी एन झा 

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