जानिये भारत में पायी जाने वाली प्रमुख चाय के प्रकार (Types Of Tea in India) और उनके फायदे!
“चाय पीते हुए मुझे लगता है..
जैसे पृथ्वी का सारा प्यार मुझे मिल रहा होता है!कहते हैं बोधिधर्म की पलकों से उपजी थीं चाय की पत्तियां…
पर मुझे लगता है भिक्षु नहीं प्रेमी रहा होगा बोधिधर्म,
जिसने रात-रात भर जागते हुए रचा होगा आत्मा के एकान्त में
अपने प्रेम का आदर्श!मुझे लगता है दुनिया में कहीं भी जब दो आदमी मेज के आमने-सामने बैठे
चाय पी रहे होते हैं तो वहां स्वयं आ जाते हैं तथागत
और आसपास की हवा को मैत्री में बदल देते हैं!आप विश्वास करें या नहीं
पर चाय की प्याली में दुनिया को बदलने की ताकत है…।”– महराज कृष्ण संतोषी
सावन का महीना हो.. और चाय की बात न हो तो बात अधूरी ही रह जायेगी। चाय (Types of tea in India) हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग है। सुबह की पहली चुस्की हो, दोस्तों के साथ एक बैठकी का बहाना हो, बारिश का आनंद उठाना.. या किसी दुःख को दूर भागना हो- चाय हर मर्ज़ की दवा बन जाता है। पर क्या हमने कभी सोचा है कि यह रिश्ता कितना पुराना है या किन स्थानों से यह चाय हम तक पहुँच रही है? आइये हम बताते है –
चाय का इतिहास करीब ५००० साल पुराना माना जाता है। कहते हैं कि एक दिन चीन के सम्राट शैन नुंग के सामने रखे गर्म पानी के प्याले में, कुछ सूखी पत्तियाँ आकर गिर गयी और जब सम्राट ने उसकी चुस्की ली तो उन्हें उसका स्वाद बहुत पसंद आया और धीरे धीरे यह चीन के प्रमुख पेय में से एक बन गया।
हालांकि इसकी परंपरा भारत में (Types of tea in India) सन 1834 में अंग्रेजों द्वारा शुरू की गयी। भारत में सन १९५३ में ‘टी बोर्ड’ की स्थापना की गयी और आज हमारा देश चाय के प्रमुख उत्पादकों में से एक है।
भारत में जन्मी और प्रचिलित चाय के कुछ प्रकार :-
1. मसाला चाय (Types of tea in India)
स्त्रोत- wikimedia
आयुर्वेदिक फायदों वाली इस चाय (Types of tea in India) का जन्म भारत में ही हुआ और आज यह विदेशों में भी लोकप्रिय है। इस पेय को, काली चाय में, घर में मौजूद मसाले जैसे अदरक, काली मिर्च, लौंग, इलाइची आदि मिला का बनाया जाता है।
फायदे – यह शरीर की थकान को मिनटों में गायब कर देती है साथ ही मोटापे को रोकने में भी कारगार है!
2. मक्खन चाय / गुर- गुर (Types of tea in India)
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मुख्य रूप से यह हिमालय क्षेत्र के लोगों का प्रमुख पेय (Types of tea in India) है। इसे पानी में चाय की पत्तियों के साथ मक्खन और नमक को उबाल कर बनाया जाता है। पहाड़ी क्षेत्र के लोग एक दिन में 40 कप चाय भी पी लेते है!
फ़ायदे – अधिक कैलोरी होने के कारण यह चाय हिमालय क्षेत्र में रहने वालों के लिए उपयुक्त है। यह ठण्ड में होठों को फटने से भी बचाती है।
3. असम की चाय (Types of tea in India)
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असम में उगने वाली यह चाय (Types of tea in India) अपने कड़क स्वाद और चुस्ती के लिए जानी जाती है। इस चाय की मांग भारत के अलावा दुनिया के अलग अलग हिस्सों मे भी है।
फायदे – यह चाय दिमाग को चुस्त रखने के साथ कई तरह के कैंसर से भी बचाने में सक्षम है।
4. दार्जीलिंग की चाय
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चाय के लिए दार्जीलिंग विश्व स्तर पर जाना जाता है। स्थानीय मिट्टी तथा हिमालयी हवा के कारण दार्जिलिंग चाय (Types of tea in India) की गुणवत्ता उत्तम कोटि की होती है। दार्जिलिंग में ग्रीन टी, उलोंग टी, व्हाईट टी और अन्य क़िस्म के चाय की भी बागानें हैं; लेकिन दार्जिलिंग की ख़ासियत है, ‘ब्लॅक टी’ (काली चाय)। इस ब्लॅक टी का स्वाद अन्य प्रकार की चाय की तुलना में काफी समय तक क़ायम रहता है।
फायदे – यह चाय मोटापे से बचाती है साथ ही पेट में होने वाले अल्सर के लिए भी प्रभावी है।
5. निलगिरी की चाय (Types of tea in India)
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निलगिरी में करीब सौ साल से चाय का उत्पादन हो रहा है। यह (Types of tea in India) पश्चिमी घाटी के दक्षिण भाग में उगाई जाती है और अपनी तेज़ सुगंध के लिए मशहूर है। निलगिरी की चाय आइस-टी में अधिक प्रयोग की जाती है।
फायदे – मधुमेह के रोगियों के लिए उपयोगी होने के साथ ही यह दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी है।
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