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झोपड़ी में पले बढ़े, नहीं था कोई लक्ष्य! जानें, प्रीतिश ने कैसे तय किया ONGC तक का सफर

success story of ONGC employee Priteesh on Quora

हाल ही में एक लोकप्रिय वेबसाइट Quora पर एक पोस्ट डाली गई थी, जिसमें पूछा गया था कि क्या आप अपने वेतन से खुश हैं। सवाल का जवाब देते हुए प्रीतिश नाथ ने अपने जीवन की प्रेरक यात्रा के बारे में बताया है। प्रीतिश ओडिशा के रहनेवाले हैं और ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) लिमिटेड में असिस्टेंट एक्जिक्युटिव के पद पर काम करते हैं।

प्रीतिश की यात्रा, मिट्टी से बने एक झोपड़े से शुरू हुई थी और आज की तारीख में वह हर महीने 1.3 लाख रुपये कमा रहे हैं। पोस्ट को 22,000 से ज्यादा अपवोट मिले हैं और 400 से ज्यादा कमेंट्स मिले हैं।

“Coming to other parts of life, after my job took this brand new Hyundai Elite i20.”

27 साल के प्रीतिश (ONGC employee) ने यह मुकाम सालों की मेहनत और तैयारी के बाद हासिल किया है। प्रीतिश कहते हैं कि अपने सपनों की नौकरी पाने के लिए उन्होंने सर्द रातें और गर्म दिनों की परवाह किए बगैर रात-दिन कड़ी मेहनत की है। उन्होंने टियर सी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। उस समय तक उनके पास कोई करियर लक्ष्य नहीं था। फिर धीरे-धीरे वह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने लगे।

इस बीच प्रीतिश ने अपने पिता को खो दिया। इस घटना से एक तरफ उन्हें गहरा धक्का पहुंचा और दूसरी तरफ उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास भी हुआ।

एक सवाल और ढेरों रिजेक्शन

“Grew up here, the house built up by my father.”

उस समय को याद करते हुए प्रीतिश कहते हैं कि उन्होंने लगातार 12 इंटरव्यूज़ दिए और हर जगह असफल रहे। ऐसे ही चार साल बीत गए। उनसे हर जगह एक सामान्य सवाल पूछा जाता था, “2014 से 2018 तक आप क्या कर रहे थे?” उनके पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं था। 

इसके बाद, वह यूनियन सर्विस पब्लिक कमिशन, इंडियन रिसर्च स्पेस ऑर्गेनाइजेशन (ISRO), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लीमिटेड (ONGC), पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) लिमिटेट जैसी जगहों के इंटरव्यू में भी शामिल हुए। लेकिन इस बार भी उन्हें कहीं सफलता नहीं मिली।

“Took a flat in here.”

प्रीतिश (ONGC employee) ने UPSC की परीक्षा भी की थी पास

कई विफलताओं का सामना करने के बाद, साल 2018 में उन्हें रेल विकास निगम लिमिटेड में एक साइट इंजीनियर के रूप में काम मिला। यह एक कॉन्ट्रैक्चुअल नौकरी थी। उसी साल, उनका चयन राज्य विद्युत बोर्ड (state electricity board) में हो गया। यहां उन्हें असिस्टेंट इंजीनियर के पद के लिए चुना गया था। इसी बीच में उन्होंने यूपीएससी सीएसई के दो स्तरों को पास किया, लेकिन अगले दौर के लिए सिर्फ 16 अंकों से पीछे रह गए।

लेकिन प्रीतिश यहीं नहीं रुके। उन्होंने GATE की परीक्षा दी और अच्छी रैंक के साथ पास किया।  फिर वह ONGC में शामिल हो गए। अंत में प्रीतिश कहते हैं, “यह सब मेरे माता-पिता से मिले मार्गदर्शन के कारण है। अगर मेरे पिता जीवित होते, तो वह बहुत खुश होते।” प्रीतिश का जीवन लगन की अद्भुत मिसाल है। मिट्टी के घर में रहनेवाला लड़का अब एक अपार्टमेंट, एक कार का मालिक है और उन्होंने खुद को एक एप्पल कंप्यूटर भी गिफ्ट किया है।

मूल लेखः अनाघा आर मनोज

संपादनः अर्चना दुबे

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