यदि आप सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) की तैयारी कर रहे हैं, तो इस तरह के विचार आपके मन में जरूर उठते होंगे :
तैयारी करते-करते मैं थक गया हूँ!
दुनिया से कटा हुआ लग रहा है!
मुझे तैयारी करने का पर्याप्त समय नहीं मिल पाया!
सब कुछ छोड़ देने का मन करता है!
अगर हाँ? तो फिर 2015 बैच की आईएएस दिव्या लोगानाथन आपकी मार्गदर्शक हो सकती हैं। उन्होंने संघ लोक सेवा (यूपीएससी) की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 402 हासिल किया था और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के एक प्रतिष्ठित क्षेत्र में अपना कदम रखा। लेकिन इनकी यह यात्रा इतनी आसान भी नहीं थी। चुनौतियों का मुकाबला करने वाली इस महिला को यूपीएससी की परीक्षा में दो बार असफलता का भी सामना करना पड़ा।
आइये जानते हैं सिविल सेवा परीक्षा के लिए दिव्या की क्या रणनीति रही –
दिव्या ने ये 8 रणनीतियां अपनायी:
1. अपने अंदर वह आग ढूंढो
दिव्या कहती हैं कि सिविल सर्विस की परीक्षा में सफल होने के लिए आपके अंदर एक आग होनी चाहिए। आपको खुद वह कारण ढूंढना होगा कि आप यह परीक्षा क्यों पास करना चाहते हैं। आपका वही कारण कठिन समय में भी आपके काम आएगा।
परीक्षा में सफल होने के बाद दिव्या कहती हैं, “तैयारी के दौरान खुद को बहुत गंभीरता से लिया। यह परीक्षा मेरी गर्दन पर एक तलवार की तरह लटकी रहती थी। जिस तरह आप अपनी सफलता का जश्न मनाते हैं, उसी तरह आपको यूपीएसी की पूरी यात्रा का भी आनंद उठाना चाहिए।“
2. टाइम टेबल बनाएं और फॉलो करें
चाहे आप दिन में 10 घंटे पढ़ें या फिर 4 घंटे, सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी शुरु करने से पहले छात्रों को अपने लिए एक टाइम टेबल बनाना बेहद जरूरी है। इससे न सिर्फ आपके अंदर अनुशासन पैदा होता है बल्कि पूरे कमिटमेंट के साथ तैयारी करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही यह आपको खराब आदतों से भी बचाता है। इसलिए निर्धारित समय में अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए टाइम टेबल जरूरी है।
3. छोटे-छोटे स्लॉट में अभ्यास करें
दिव्या कहती हैं, “अगर आप सोचते हैं कि सिलेबस पूरा होने के बाद अभ्यास करेंगे तो आपकी यह रणनीति बिल्कुल गलत है। तैयारी और अभ्यास एक साथ करना चाहिए। अभ्यास और बार-बार अभ्यास ही इस परीक्षा में सफल होने का एकमात्र तरीका है। तैयारी करने वाले सभी प्रतियोगी छात्रों को मैं यही सलाह दूंगी कि रोजाना उत्तर लिखने का अभ्यास करें।“
वह बताती हैं कि इसके लिए प्रतियोगियों को हर दिन कुछ समय निकालने की जरूरत है। वह सभी विषय के लिए टाइम स्लॉट बनाने की सलाह देती हैं जिसे आसानी से पूरा किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, प्रत्येक दिन दोपहर के भोजन के बाद दो प्रश्नों का अभ्यास करें या शाम को दो सवालों का। वह कहती हैं, “इसे आदत में शामिल करें, आप देखेंगे कि यह अंत में कितना आसान हो जाता है।”
खुद के लिए समय निकालें – फिल्म देखने जाएं
दिव्या कहती हैं कि प्रत्येक प्रतियोगी को अपनी तैयारी के दौरान अपने लिए भी कुछ समय निकालना चाहिए। अपने तैयारी के दिनों को याद करते हुए वह कहती हैं, “मैंने कभी भी फिल्म देखने के लिए समय नहीं निकाला, काश मैंने भी फिल्में देख ली होती। मुझे अब एहसास होता है कि एक अच्छी फिल्म देखने से व्यक्ति के दृष्टिकोण में कितना बदलाव आता है?
वह प्रतियोगियों को फिल्म देखने के लिए प्रोत्साहित करती है। फिल्में न सिर्फ दुनिया के दृष्टिकोण को सामने लाती हैं बल्कि हमें महत्वाकांक्षी भी बनाती हैं। वह कहती हैं, “आपको जानकर हैरानी होगी कि आप अच्छी फिल्में देखकर कितना कुछ सीख सकते हैं। यह आपको बड़ी तस्वीर दिखाता है और लंबे समय तक इसकी छाप आपके ऊपर बनी रहती है। फ़िल्में आपको उत्तेजित या प्रेरित करने और रिलैक्स पहुंचाने दोनों में मदद करती हैं।“
5. ऑनलाइन एजुकेशनल टूल का उपयोग करें
दिव्या कहती हैं, “ई-लर्निंग टूल में काफी विकास हुआ है और हर किसी को इनका उपयोग करना चाहिए। इन ऑनलाइन टूल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इन्हें कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं। हालांकि यह ध्यान रखें कि इंटरनेट पर उलझ कर न रह जाएं। सीएसई की तैयारी के दौरान समय का अत्यधिक महत्व है। इसलिए कोई उपयोगी वेबसाइट ढूढें और उसी के मैटेरियल को बार-बार पढ़ें। हर दिन नई वेबसाइट ढ़ूढने में अपना समय बर्बाद न करें।“
6. प्रभावी नोट्स बनाएं
“तैयारी के दौरान नोट्स बनाते समय ख्याल रखें कि वह अधिक लंबा न रहे। नोट्स अधिक से अधिक दो या तीन पेजों में समेटने की कोशिश करें, तभी यह प्रभावी होते हैं। रिवीजन के दौरान कई पेजों वाले नोट्स पढ़ने का कोई मतलब नहीं है।“
दिव्या कहती हैं, “रिवाइज करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि तैयारी करना, इसलिए मैंने ऐसे नोट्स बनाएं जिस पर मेरी मजबूत पकड़ थी।’
7. अपना रास्ता ख़ुद बनाएं :
“तैयारी शुरू करने से पहले यह समझना जरुरी है कि हर प्रतियोगी को अपनी यात्रा खुद तय करनी पड़ती है। अपनी तुलना किसी और से करने का कोई फायदा नहीं है। अपने मन को नियंत्रित करना असंभव है लेकिन अपनी तुलना किसी से करके परेशान न हों। जब तक आप अपने पर भरोसा रखकर कड़ी मेहनत करते हैं यह आपके लिए अच्छा है।“
दिव्या कहती हैं , “याद रखें कि प्रत्येक प्रतियोगी का अपना संघर्ष होता है। इसलिए इससे प्रेरणा लेना अलग बात है लेकिन तुलना करने का कोई फायदा नहीं है। मैं कई बार बहुत निराश हुई और मुझे लगता था कि जीवन कितना मुश्किल है, लेकिन इससे मुझे काफी नुकसान हुआ। इसलिए सकारात्मक सोचें, आगे बढ़ें और अपनी मंजिल हासिल करें। ”
8. घबराएं नहीं, हिम्मत से लें काम
परीक्षा नजदीक आने पर दबाव महसूस करना स्वाभाविक है। लेकिन घबराएं नहीं और हिम्मत से काम लें। “धैर्य रखें और जो आप हासिल करना चाहते हैं, उस पर ध्यान केंद्रित रखें।“
“परीक्षा को बहुत सकारात्मक ढंग से स्वीकार करें। परीक्षा क्लियर करने के बाद भी यह न सोचें कि आप मंजिल पर पहुंच गए हैं। वास्तव में यह सिर्फ शुरुआत है और आगे अभी कई चुनौतियों और निराशाओं का सामना करना पड़ सकता है। अपने आप को संभालें!
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द बेटर इंडिया के साथ पहले की बातचीत में दिव्या ने सिविल सेवा में शामिल होने के लिए अपनी प्रेरणा के बारे में बात की और साक्षात्कार के लिए कुछ सुझाव दिए थे। इसके बारे में यहां पढ़ें।