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किसान की बेटी महाराष्ट्र से पहुँची कनाडा की यूनिवर्सिटी, अब तक स्कॉलरशिप से की है पढ़ाई

Aishwarya Pawar

ज़िंदगी में मुश्किलें कितनी भी आएं, जो इंसान उनका डटकर सामना करता है वही सफल हो पाता है। इस बात का सटीक उदाहरण है महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव से निकलकर कनाडा के अल्बर्टा युनिवर्सिटी में रिसर्च करने के लिए चुनी जाने वालीं ऐश्वर्या श्रीकृष्ण पवार। उन्होंने बहुत छोटी सी उम्र में ही कामयाबी की राह ढूंढ ली है।

ऐश्वर्या के पिता एक साधारण किसान हैं। उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपनी बेटी को विदेश में पढ़ा सकें। लेकिन ऐश्वर्या आर्थिक बाधाओं को पार कर कनाडा की अलबर्टा युनिवर्सिटी में पोस्ट ग्रेजुएशन करने पहुँच गईं। उन्होंने खराब माली हालत को कभी अपने रास्ते की रुकावट नहीं बनने दिया। पूरी लगन के साथ मेहनत की और अपने बल पर सफलता की नई कहानी लिखी है।

अल्बर्टा युनिवर्सिटी पहुंची ऐश्वर्या ने कहां से की शुरुआती पढ़ाई?

अल्बर्टा युनिवर्सिटी में रिसर्च का मौका हासिल करनेवाली ऐश्वर्या का जन्म, महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक किसान परिवार में हुआ। ऐश्वर्या श्रीकृष्ण पवार को बचपन से ही बहुत सुविधाएं नहीं मिलीं। क्योंकि उनके पिता एक किसान थे, इसलिए वह बहुत बड़े स्कूल में बेटी को नहीं पढ़ा सकते थे। ऐश्वर्या ने जवाहर नवोदय विद्यालय से 10वीं और 12वीं पास की।

वह शुरू से ही पढ़ाई में काफ़ी तेज़ थीं। लेकिन 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह आगे की पढ़ाई कर सकें। ऐश्वर्या कहती हैं, “आर्थिक समस्याओं की वजह से समाज के सैकड़ों प्रतिभाशाली लोगों को आगे बढ़ने का मौक़ा नहीं मिलता।”

यही कारण था कि वह अपने भविष्य को लेकर भी परेशान थीं।

कैसे मिली स्कॉलरशिप?

ऐश्वर्या श्रीकृष्ण पवार

अल्बर्टा युनिवर्सिटी में रिसर्च का मौका हासिल करने वाली ऐश्वर्या ने 12वीं की परीक्षा 83% CGPA के साथ पास की। इसके बाद उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए स्कॉलरशिप मिली। स्कूल की पढ़ाई पूरी होने के बाद, उनकी माँ ने ‘विद्याधन छात्रवृत्ति’ का एक विज्ञापन देखा। ऐश्वर्या ने प्रवेश परीक्षा पास की और शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुर के स्कूल ऑफ नैनोसाइंस एंड नैनो टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। यहीं पर उन्हें नैनोसाइंस और टेक्नोलॉजी के प्रति अपने जुनून का एहसास हुआ।

ऐश्वर्या, 2020 में 92.4% के साथ ग्रेजुएट हुईं। ग्रेजुएशन सेकंड ईयर में ही ऐश्वर्या ने बायोप्लास्टिक पर काम किया, जो एक ही रॉ मटेरियल से सिल्वर नैनोपार्टिकल्स और बायोप्लास्टिक तैयार करने का एक प्रॉसेस था। ऐश्वर्या की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान ही टॉप 5 स्टूडेंट्स में चुना गया।

इसके बाद सितंबर 2021 में, उन्होंने कनाडा के अल्बर्टा विश्वविद्यालय में केमिकल एंड मेटिरियल इंजीनियरिंग में MSC के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया। अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने इंटरव्यू पास कर लिया और अल्बर्टा यूनिवर्सिटी में ‘पॉलिमर एनर्जी एंड बॉयोकेमिकल इंजियरिंग नेनोफेब्रिकेशन एंड मेटिरियल साइंस’ में रिसर्च के लिए चुनी गईं

आज ऐश्वर्या, अल्बर्टा युनिवर्सिटी में मास्टर्स के साथ-साथ, सेकेंडरी के छात्रों को ट्यूशन भी देती हैं, ताकि अपने खर्च खुद उठा सकें। उन्होंने पिछले साल IELTS परीक्षा में 7 बैंड हासिल किए, जो उच्च शिक्षा और ग्लोबल माइग्रेशन के लिए आयोजित एक अंग्रेज़ी भाषा में प्रोफेशन की परीक्षा है। उन्होंने मेहनत और लगन से अपनी सफलता की कहानी लिखी है। आज वह अपने साथ लाखों लोगों को प्रेरित कर रही हैं, जो आर्थिक हालात खराब होने के कारण अपने सपनों को पूरा करने में हिचकिचाते हैं।

संपादनः अर्चना दुबे

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