भारत में टेलीविज़न पहली बार दिल्ली में 15 सितम्बर 1959 से शुरू हुआ था। इस ऐतिहासिक दिन के बाद बाद बहुत-सी चीजें बदली हैं। संचार और माध्यम का पूरा नज़रिया ही बदल गया। जन-साधारण को जहाँ सुचना और मनोरंजन का साधन मिला, वहीं देश में एक बड़ा उद्योग खड़ा हो गया। आज यह उद्योग देश की अर्थव्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।
हालांकि, जब भारत में टीवी की शुरुआत हुई, तब सिर्फ दूरदर्शन ही एकमात्र चैनल था, जिसे ऑल इंडिया रेडियो के अंतर्गत ही शुरू किया गया था। साल 1965 में आकाशवाणी भवन के स्टूडियो सभागार से 15 अगस्त को नियमित दूरदर्शन प्रसारण शुरू किया गया था।
देश का सबसे पहला न्यूज़ बुलेटिन पूरे पाँच मिनट का था और इसे प्रस्तुत किया था प्रतिमा पुरी ने।
बताया जाता है कि प्रतिमा ने शिमला में ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) स्टेशन से मीडिया में कदम रखा। पर बाद में उन्हें दिल्ली भेज दिया गया।
हिमाचल प्रदेश के शिमला में एक गोरखा परिवार में जन्मी प्रतिमा का असली नाम विद्या रावत था! प्रतिमा पुरी छोटे परदे पर दिखने वाली पहली महिला थीं। जब महिलाओं को घूँघट में रखा जाता था तब प्रतिमा अपनी मीठी पर दृढ़ आवाज में देश भर की ख़बरें घर-घर में सुनाती थीं।
उन्होंने दूरदर्शन में बहुत लंबे समय तक काम किया। बाद में वे न्यूज़रीडर बनने के इच्छुक लोगों को ट्रेनिंग भी देने लगी थीं। इतना ही नहीं उस समय में, वे महान हस्तियों का इंटरव्यू लेने के लिए भी जानी जाती थीं। जिसमें रूस के युरी गगारिन का नाम भी शामिल है, जो अन्तरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति थे।
संपादन – मानबी कटोच