आजकल एटीएम फ्रॉड के मामले कोई नई बात नहीं है। कितनी ही बार फ़ोन पर या फिर एटीएम के बाहर ही लोगों को ठगा जाता है। और इन ठगों के पकड़े जाने की भी कोई ख़ास ख़बर हमें नहीं मिलती है। पर मुंबई की इस महिला ने ऐसे मामले में जो किया वह वाकई काबिल-ए-तारीफ़ है।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई की रहने वाली 35 वर्षीय रेहाना शेख़ ने 18 दिसम्बर 2018 को दफ़्तर जाते समय बांद्रा के एक एटीएम में पैसे निकालने के लिए रुकी। पर किसी टेक्निकल समस्या के चलते वे पैसे नहीं निकाल पा रही थीं। ऐसे में एटीएम के ही बाहर खड़े 36 वर्षीय भूपेन्द्र मिश्रा ने उन्हें मदद ऑफर की।
लेकिन शेख़ कोई पैसे नहीं निकाल पायीं। पर इसी सब में मिश्रा ने उनके डेबिट कार्ड की सभी जानकारी ले ली। शेख़ जब तक अपने दफ्तर पहुंची तो उन्हें फ़ोन पर मैसेज आया कि उनके अकाउंट से 10,000 रूपये निकाले गये हैं। यह पढ़कर वे चौंक गयीं और तुरंत एटीएम पहुंची लेकिन उन्हें वह आदमी नहीं मिला।
हालाँकि, इस घटना के बाद शेख़ हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठी। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और खुद भी लगातार उसी एटीएम पर जाकर देखती रही कि वह आदमी फिर वहां आया है या नहीं। शेख़ लगातार 17 दिनों तक एटीएम पर गयी और आखिरकार एक दिन उन्हें वह आदमी दिखा।
4 जनवरी 2018 को शेख़ ने उस ठग को पकड़ा और तुरंत पुलिस को खबर की। जब पुलिस ने छानबीन की तो उन्हें पता चला कि मिश्रा के खिलाफ़ इस तरह के फ्रॉड के 7 केस दर्ज हैं और उसे पहले भी ऐसे मामलों में पुलिस ने पकड़ा है।
बेशक, रेहाना शेख़ की सूझ-बुझ और हिम्मत बहुत से लोगों के लिए प्रेरक है, जो इस तरह की घटना के बाद पुलिस में शिकायत भी दर्ज नहीं करवाते हैं। पुलिस इस तरह के अपराधियों पर नियंत्रण रख पाए, इसके लिए आम लोगों को भी उनकी मदद के लिए आगे आना होगा।
संपादन – मानबी कटोच