लक्ष्य पर टिके रहने के लिए ठुकराईं कई सरकारी नौकरियां, आज IPS बन कर रही हैं देश सेवा!!

तृप्ति मूलरूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले की रहने वाली हैं। वह अपने चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अपने जिले से ही पूरी की। इसके बाद उन्होंने पंतनगर विश्वविद्यालय में दाखिला लेकर मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की।

तृप्ति के घर में शिक्षा का माहौल था। उन्होंने शुरू से ही तय कर लिया था कि उन्हें सरकारी सेवाओं में जाना है। वह इसके लिए तैयारी भी करती रहीं। इस दौरान उन्होंने ISRO की परीक्षा दी और पास कर ली।

इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद तृप्ति भट्ट के सामने कई ऑप्शन थे। उनका कईं सरकारी और गैर-सरकारी दिग्गज कंपनियों में बडे़ पैकेज पर चयन भी हुआ, जिन्हें उन्होंने नहीं अपनाया। तृप्ति ने ISRO तक के ऑफर को रिजेक्ट कर दिया।

ISRO सहित छह सरकारी नौकरियों की परीक्षाएं पास कीं और प्रतिष्ठित निजी संस्थानों से भी कई ऑफर लेटर मिले, लेकिन उसकी चाहत कुछ और थी! वह IPS अधिकारी बनना चाहती थीं।

जब तृप्ति की 9वीं क्लास के दौरान तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से मुलाकात हुई थी, तब डॉ कलाम ने उन्हें एक हाथ से लिखा हुआ पत्र दिया था, जिसमें कई प्रेरणास्पद बातें लिखी थीं। इसी से तृप्ति भट्ट को अपना लक्ष्य हासिल करने की प्रेरणा मिली।

तृप्ति भट्ट ने अपने पहले ही प्रयास में UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2013 में 165वीं रैंक हासिल की और IPS बनीं।

यही नहीं, IPS तृप्ति भट्ट अपने करियर में खेलों में भी अव्वल रही हैं। उन्होंने कराटे और ताइक्वांडो भी सीखा है। इसके साथ ही वह बैटमिंटन और मैराथन में भी पदक जीत चुकी हैं।

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