EV जिससे लॉन्ग ड्राइव और पहाड़ों की ट्रिप भी होगी मुमकिन
देश में बन रही ज़्यादातर EV एक चार्ज में महज 25-45 किमी की दुरी ही तय कर पाती हैं। वहीं इन बाइक से पहाड़ चढ़ना या पिलियन राइडिंग करना भी आसान नहीं होता।
देश में बन रही ज़्यादातर EV एक चार्ज में महज 25-45 किमी की दुरी ही तय कर पाती हैं। वहीं इन बाइक से पहाड़ चढ़ना या पिलियन राइडिंग करना भी आसान नहीं होता।
इन सारी समस्याओं को ही दूर करता है दिल्ली का स्टार्टअप वोल्ट्रो मोटर्स।
इन सारी समस्याओं को ही दूर करता है दिल्ली का स्टार्टअप वोल्ट्रो मोटर्स।
दिल्ली के स्टार्टअप वोल्ट्रो मोटर्स की बनाई EV Voltron की कीमत महज 35000 रुपये है लेकिन खूबियां कई हैं।
दिल्ली के स्टार्टअप वोल्ट्रो मोटर्स की बनाई EV Voltron की कीमत महज 35000 रुपये है लेकिन खूबियां कई हैं।
इसकी बैटरी रेंज 100 किमी के करीब है और यह ऑफ-रोड राइडिंग, पिलियन राइडिंग और हिल राइडिंग की सुविधा भी देती है।
इसकी बैटरी रेंज 100 किमी के करीब है और यह ऑफ-रोड राइडिंग, पिलियन राइडिंग और हिल राइडिंग की सुविधा भी देती है।
वोल्ट्रो मोटर्स के फाउंडर प्रशांत का कहना है कि यह बाइक विशेष रूप से स्कूल जाने वाले बच्चों और सेल्स मेन के लिए बनाई गई है।
वोल्ट्रो मोटर्स के फाउंडर प्रशांत का कहना है कि यह बाइक विशेष रूप से स्कूल जाने वाले बच्चों और सेल्स मेन के लिए बनाई गई है।
इसके साथ ही वह चाहते थे कि एक ऐसी बाइक बनाई जाए तो फ्लाईओवर और हिल एरिया में चढ़ने में भी सक्षम हो।
इसके साथ ही वह चाहते थे कि एक ऐसी बाइक बनाई जाए तो फ्लाईओवर और हिल एरिया में चढ़ने में भी सक्षम हो।
प्रशांत ने बताया कि आम तौर पर EV की व्हील हब के अंदर मोटर लगी होती है इससे बाइक को सही से पावर नहीं मिल पाती।
प्रशांत ने बताया कि आम तौर पर EV की व्हील हब के अंदर मोटर लगी होती है इससे बाइक को सही से पावर नहीं मिल पाती।
प्रशांत ने बताया कि आम तौर पर EV की व्हील हब के अंदर मोटर लगी होती है इससे बाइक को सही से पावर नहीं मिल पाती।इसके बजाय, उन्होंने एक मिड-ड्राइव-जैसी मोटर पेश की, जो पहिये के हब से नहीं जुड़ी है। यह मोटर साइकिल के फ्रेम पर अलग से लगाई जाती है और इसमें एक चेन होती है जो पहिये के स्प्रोकेट को चलाती है, ऐसे में बाइक को अच्छा पावर मिल पाता है।
प्रशांत ने बताया कि आम तौर पर EV की व्हील हब के अंदर मोटर लगी होती है इससे बाइक को सही से पावर नहीं मिल पाती।इसके बजाय, उन्होंने एक मिड-ड्राइव-जैसी मोटर पेश की, जो पहिये के हब से नहीं जुड़ी है। यह मोटर साइकिल के फ्रेम पर अलग से लगाई जाती है और इसमें एक चेन होती है जो पहिये के स्प्रोकेट को चलाती है, ऐसे में बाइक को अच्छा पावर मिल पाता है।
यह ई-साइकिल 24 वोल्ट 30ah लिथियम-आयन बैटरी द्वारा संचालित होती है, जिसे पूरी तरह चार्ज होने में सिर्फ तीन घंटे लगते हैं। इस बैटरी को किसी भी इलेक्ट्रिक सॉकेट से या सॉकेट से जुड़े एक्सटेंशन कॉर्ड से भी चार्ज किया जा सकता है।
यह ई-साइकिल 24 वोल्ट 30ah लिथियम-आयन बैटरी द्वारा संचालित होती है, जिसे पूरी तरह चार्ज होने में सिर्फ तीन घंटे लगते हैं। इस बैटरी को किसी भी इलेक्ट्रिक सॉकेट से या सॉकेट से जुड़े एक्सटेंशन कॉर्ड से भी चार्ज किया जा सकता है।
इसके अलावा, इससे प्रति 100 किलोमीटर पर लगभग 236 रुपये की भारी बचत भी होती है क्योंकि स्कूटर या मोटरसाइकिल से 100 किलोमीटर की यात्रा करने की लागत लगभग 240 रुपये होती है, जबकि वोल्ट्रॉन इलेक्ट्रिक साइकिल के लिए यह मात्र 4 रुपये है।
इसके अलावा, इससे प्रति 100 किलोमीटर पर लगभग 236 रुपये की भारी बचत भी होती है क्योंकि स्कूटर या मोटरसाइकिल से 100 किलोमीटर की यात्रा करने की लागत लगभग 240 रुपये होती है, जबकि वोल्ट्रॉन इलेक्ट्रिक साइकिल के लिए यह मात्र 4 रुपये है।
रात में भी सवारी करते समय, सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसमें एक इनबिल्ट हैज़र्ड लाइट और ब्रेक लाइट है। पीछे गाड़ी चलाने वाले किसी भी व्यक्ति को पता चल जाएगा कि उनके सामने एक वाहन है।
रात में भी सवारी करते समय, सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसमें एक इनबिल्ट हैज़र्ड लाइट और ब्रेक लाइट है। पीछे गाड़ी चलाने वाले किसी भी व्यक्ति को पता चल जाएगा कि उनके सामने एक वाहन है।