Floral Separator

भारतीय पकवानों की ऐतिहासिक  रेसिपी बुक्स

चरक संहिता  (छठी शताब्दी)

इसकी रचना छठी शताब्दी में हुई थी। संस्कृत भाषा में लिखा गया यह एक विशाल ग्रंथ है, जिसके 8 भाग हैं। अध्याय 5, 6, 25, 26 और 27 में 'अहरतत्त्व' या आहारशास्त्र का वर्णन मिलता है।

Floral Frame

इसमें खिचड़ी, तकरा (दही की डिश), सूपा (दाल से बनी डिश), वेसवारा (मांसाहारी व्यंजन) जैसे व्यंजनों का ज़िक्र है और कई व्यंजनों की रेसिपी विस्तार में लिखी हुई है।

मनासोल्लासा (1129)

Floral Separator

प्राचीन दक्षिण भारत में शासन करने वाले राजा सोमेश्वर तृतीय ने इसकी रचना संस्कृत भाषा में की थी। इस किताब के तीसरे भाग 'भरतुर उपभोगकरण' में शाकाहारी और मांसाहारी व्यंजनों का उल्लेख मिलता है।

Floral Separator

इसमें आटे और अनाज से बनने वाले डिशेज़ भी शामिल हैं। साथ ही, इस किताब में अंगूर और गन्ने से वाइन बनाने की कला भी लिखी गयी है।

Floral Separator

निमतनामा (1500)

मालवा के शासक गियाथ शाह ने मध्यकालीन भारतीय रसोई और पकवानों पर यह किताब लिखी थी। इसमें समोसा, वड़ा, खांडवी, कढ़ी, रायता, दाल, लस्सी जैसे डिशेज़ की रेसिपी शामिल है।

इस किताब में आज के कुछ लोकप्रिय व्यंजन जैसे शोरबा (सूप), सीख कबाब, यखनी (नॉन वेग स्टू) और बिरयानी का भी ज़िक्र है। इसमें खरबूजे और अदरक के हलवे जैसे कुछ अनोखे व्यंजनों के बारे में भी लिखा है।

सूप शास्त्र (1508)

Floral Separator

जैन धर्म के अनुयायी मंगरासा III द्वारा लिखित इस किताब के व्यंजन विशेष रूप से शाकाहारी हैं। सामग्री और खाना पकाने की रेसिपी भी विस्तार से दी गई है और यहां तक कि इन्हें बनाने के लिए ज़रूरी बर्तनों के बारे में भी लिखा है।

इसमें रोटी, मिठाई, नमकीन, खीर, चावल की डिशेज़ की कई रेसिपीज़ शामिल हैं, जिनमें तब बैंगन, कटहल, कच्चा केला, केले के फूल और बांस के अंकुरों का इस्तेमाल किया जाता था।

आइन-ए-अकबरी (1590), अलवान-ए-नेमत और नुस्खा-ए-शाहजहानी (17वीं सदी)

Floral Separator

ये किताबें मुगल शाही रसोई का हिस्सा थीं। 'आइन-ए-अकबरी' में कई व्यंजनों का ज़िक्र है, जो मुगल बादशाह और बेगमों के बीच लोकप्रिय थे।

'अलवान-ए-नेमत' में बादशाह जहाँगीर की रसोई के 101 पकवान शामिल हैं। वहीं, 'नुस्खा-ए-शाहजहानी' में शाहजहाँ के शासनकाल के पिलाफ यानी चावल से बनने वाली डिशेज़ के बारे में लिखा है।