रॉजर बिन्नी कोच, नेशनल सलेक्टर और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट भी रहे हैं।
बतौर कोच वह 2000 में भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप जिता चुके हैं।
अपने ज़माने के मीडियम पेस बॉलर रहे रॉजर, जब 20 साल के थे, तब उन्हें मुंबई के एक ट्रेनिंग कैम्प में बॉलिंग करते हुए पूर्व ऑलराउंडर और कोच हेमू अधिकारी ने देखा था। हेमू ने रॉजर के टैलेंट को पहचाना और आगे चलकर उन्होंने 1979 में टीम इंडिया में अपनी जगह बनाई!
बिन्नी को स्कूल के दिनों से मछली पकड़ने का शौक़ रहा है और कुत्तों से काफ़ी लगाव है। घायल और मासूम कुत्तों को रेस्क्यू करना, गोल्फ खेलना और खाली समय में बांदीपुर स्थित अपने खेतों पर जाकर समय बिताना बिन्नी को बेहद पसंद है।
रॉजर बिन्नी के बेटे स्टुअर्ट बिन्नी ने भी भारत की तरफ से क्रिकेट खेला। उनकी बहू मयंती लैंगर टीवी का जाना-माना चेहरा और स्पोर्ट्स एंकरिंग का बड़ा नाम हैं।
1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव ने एक बार कहा था, "पूरे विश्व कप में मेरी सबसे बड़ी ताकत रॉजर बिन्नी थे। मुझे बस उसे बताना था कि रॉजर गेंद को कहां डालो।"