बिहार के उत्तरी भाग को मिथिलांचल कहते हैं और इस हिस्से में सबसे ज़्यादा मखाना उगाया जाता है।
हम भारतीयों के लिए मखाना नई चीज़ नहीं है। लेकिन इससे जुड़े बहुत से ऐसे तथ्य हैं, जो सुनने में शायद नए ही लगेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ‘सुपरफूड’ के रूप में अपनी पहचान बना चुका मखाना, भारत में व्रत-उपवास के आहार की तरह ज़्यादा जाना जाता है।
लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि मखाना को सामान्य तौर पर भी अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है। यह सेहत और फिटनेस के लिए एक अच्छा आहार है।
इसलिए न सिर्फ़ भारत में, बल्कि दूसरे देशों में भी मखाना काफ़ी पॉपुलर स्नैक है।
भारत में बिहार के मधुबनी, दरभंगा और पूर्णिया जिले के अलावा मखाना, असम, मेघालय के कुछ हिस्सों और गोरखपुर और अलवर जैसी जगहों पर भी उगाया जाता है।
इसे अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे- भारत में फूल मखाना, अंग्रेज़ी में फॉक्स नट, ग्रीक पौराणिक कथाओं के अनुसार गोर्गोन नट, तो कहीं पर कमल बीज भी कहा जाता है।
यह ऐसी फसल है जिसे पानी में उगाया जाता है। इसमें विटामिन बी1 काफी अच्छी मात्रा में होता है।
लगभग 200 साल पहले से भारत में मखाने की खेती हो रही है और तब से ही यह भारत में आयुर्वेद का हिस्सा है।
आज कई भारतीय कंपनियां मखाना बिज़नेस कर रही हैं, ताकि सालों पुराने इस ‘देसी सुपरफूड‘ को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाया जा सके।