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कश्मीर के एक बॉटनी शिक्षक डॉ. रूफ हमजा ने दो दशक की रिसर्च करके घाटी में मशरूम की 100 किस्मों के दस्तावेज तैयार किए हैं।

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दरअसल, इस शोध के जरिए वह घाटी के लोगों की एक स्थायी आमदनी का रास्ता निकालना चाहते थे।  

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डॉ. रूफ ने कश्मीर विश्वविद्यालय में मशरूम के पोषण और औषधीय महत्व पर पीएचडी भी की हैं। उनका कहना है कि राज्य भर के जंगलों, पहाड़ों और मिट्टी में 500 से मशरूम की अधिक प्रजातियां उगती हैं।

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उन्होंने फ़िलहाल 100 से अधिक किस्मों की खोज करके उनके डाक्यूमेंट्स तैयार कर लिए हैं।  

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उनका कहना है कि इन ढेरों किस्मों में से पांच तो ऐसी किस्में हैं जो पोषक तत्वों से भरपूर हैं और स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद भी।

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चलिए जाने कौन ही हैं वे पांच विशेष किस्में-

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1. गुच्ची मशरूम

दुनिया के सबसे महंगे मशरूमों में से एक होने के अलावा, गुच्ची में खनिज तत्व जैसे आयरन, तांबा और विटामिन डी भी पाया जाता है। तभी तो इसकी कीमत 40,000 रुपये प्रति किलो तक है।

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2.  इंकी कैप मशरूम

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 प्रोटीन, खनिज और विटामिन डी से भरपूर होने के कारण इनका सेवन सब्जियों के साथ, पाउडर के रूप में या तेल में तलकर किया जा सकता है। 

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3.  पफबॉल मशरूम

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डॉ. रूफ का मनना है कि पफबॉल उन कई मशरूमों में से हैं, जिनमें उच्च औषधीय गुण हैं। इनमें आयरन की मात्रा अधिक होने के कारण इनका उपयोग एनीमिया और घावों को ठीक करने के लिए किया जा सकता है।

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4.  डिंगरी या ऑयस्टर मशरूम

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पंखे के आकार के ये मशरूम कश्मीर में बहुतायत से देखे जाते हैं।

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5.  बोलेट मशरूम

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बोलेट मशरूम हैं जो देवदार के पेड़ों के पास या आसपास उगते हैं। डॉ. रूफ का कहना है कि वे पेड़ों की जड़ों के आसपास नाइट्रोजन को स्थिर करने में मदद करते हैं। बदले में पेड़ पोषक तत्व प्रदान करते हैं।

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