प्रेमचंद की कहानियों में सभी महिलाएं कुप्रथा और सामजिक बंदिशों के खिलाफ आवाज़ उठाने की हिम्मत रखती हैं।
मिलिए मुंशी जी की सबसे सशक्त महिला किरदारों से।
1. आनंदी(बड़े घर की बेटी)
पहले एक अमीर परिवार की बेटी और फिर एक गरीब परिवार की बहू के रूप में आनंदी का चित्रण कई रंगों को समेटे हुए है। समृद्ध जीवन शैली की आदी आनंदी को शादी के बाद सामंजस्य बिठाना मुश्किल लगता है। बावजूद इसके वह परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल लेती है लेकिन अपने मायके के खिलाफ कुछ भी बर्दाश्त नहीं करती।
2. सुमन (सेवासदन)
अपने ही लोगों से उपहास किए जाने पर, सुमन एक ऐसा पेशा चुनती है जिससे उसकी बदनामी होती है। समाज से तमाम तरह के दबाव डालने के बावजूद, वह अपनी पसंद पर कायम रहीं।
3. गंगी (ठाकुर का कुआं)
गंगी प्रेमचंद की कृतियों के सबसे प्रसिद्ध पात्रों में से एक है। एक दलित महिला गंगी अपने पति को बचाने की चाह में, वह उस कुएं में पानी लेने जाती है जहाँ जाने की उसे अनुमति नहीं थी। वह सामाजिक मानदंडों के आगे झुकने से इनकार करती है जो उसके अदभुत साहस को दिखाता है।
4. धनिया (गोदान)
होरी की पत्नी धनिया दुखों में डूबी हुई महिला है। कठिनाइयों के बावजूद, वह झुकने से इनकार करती है और एक मजबूत चरित्र के रूप में सामने आती है। वह एक शक्तिशाली महिला के रूप में उभरती है, जो जाति या पंथ से ऊपर उठकर जरूरतमंद लोगों की मदद करती है।
5. निर्मला (निर्मला)
अपने पिता की उम्र के आदमी से शादी करने के बावजूद, निर्मला कभी भी दुख का शिकार नहीं होती। एक छात्रा से पत्नी और फिर एक माँ बनने तक का उनका सशक्त परिवर्तन कमाल का है। जो उनका निरंतर संघर्ष और हर स्थितियों की उनकी समझ दिखाता है।