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फार्मा कंपनी की नौकरी छोड़ गांव में उगाने लगे पौधे, YouTube से कर रहे अच्छी कमाई

sarvesh gardening
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फिल्म ‘3 इडियट्स’ को यदि आप ध्यान से देखेंगे तो पता चलेगा कि यह फिल्म हमें बताती है कि सफलता तभी मिलती है, जब आप वह काम करें जिससे आपको ख़ुशी मिले। लेकिन आमतौर पर हर इंसान ऐसा नहीं कर पाता, लेकिन कुछ लोग होते हैं जो मन की सुनते हैं और सफलता भी हासिल करते हैं।

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के छोटे से गांव भुइदहाँ में रहने वाले 29 वर्षीय सर्वेश कुमार सिंह की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उन्हें पेड़-पौधों से बचपन से लगाव था और यही वजह है कि उन्होंने नौकरी छोड़कर पुश्तैनी जमीन पर खेती करने का निर्णय लिया। 

हालांकि, सर्वेश के पिता चाहते थे कि उनका बेटा पढ़-लिखकर नौकरी करे, शहर में रहे। कुछ ऐसी ही उम्मीदों के साथ, उन्होंने सर्वेश को इलाहाबाद पढ़ने के लिए भेजा था। सर्वेश ने पढ़ाई तो पूरी कर ली और फिर नौकरी भी शुरू की, लेकिन उनका मन शायद गांव में ही था और वह नौकरी छोड़कर गांव आ गए ताकि वह काम कर सकें, जिससे उन्हें ख़ुशी मिलती है।  

पेड़-पौधों के शौक़ीन सर्वेश एक नर्सरी खोलने के उदेश्य से गांव आए थे। वह चाहते थे कि पौधों की जो जानकारियां उनके पास है, वह ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचा सके। फ़िलहाल वह यूट्यूब की मदद से गार्डनिंग के वीडियो बना रहे हैं और अपनी तक़रीबन 10 बीघा जमीन पर खेती भी कर रहे हैं। 

इस सुकून भरे जीवन से वह हरियाली फ़ैलाने के साथ पैसे भी कमा रहे हैं। सर्वेश एक गार्डनिंग एक्सपर्ट हैं, उनके हर एक वीडियो को लाखों लोग देखते हैं।   

सर्वेश ने द बेटर इंडिया को बताया, “पौधों का शौक तो बचपन से ही था, लेकिन कभी लगा नहीं था कि इसे काम भी बना सकूंगा। यूट्यूब पर लोग मुझे देखते हैं, गार्डनिंग की बात सुनते हैं। आज मुझे मेरे शौक पूरे करने के पैसे भी मिलते है। मैं अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा लोगों को पौधे लगाने में मदद करना चाहता हूं। “

Sarvesh Singh

आठ साल की उम्र में लगाया था पहला पौधा 

सर्वेश का पौधों के प्रति लगाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब वह सिर्फ आठ साल के थे तब से पौधे लगा रहे हैं। जिसके बाद पौधे लगाने का सिलसिला थमा ही नहीं। शहर में नौकरी करते हुए उन्हें कुछ कमी महसूस हो रही थी। तभी उन्होंने नर्सरी खोलने के प्लान के साथ घर लौटने का फैसला किया। 

वह कहते हैं, “नर्सरी शुरू करने से पहले मैंने कई लोकल नर्सरी का दौरा भी किया, ग्राहकों को समझने की कोशिश की लेकिन अच्छी नर्सरी के लिए गांव में अच्छा मार्केट फ़िलहाल तैयार नहीं था। इसलिए मैंने इस काम को फिलहाल सही तरीके से शुरू नहीं किया है।”

सर्वेश फिलहाल खेती करते हैं और साथ ही गार्डनिंग से संबंधित यूट्यूब चैनल को चलाते हैं। 

उन्होंने अपनी 10 बीघा पुश्तैनी जमीन पर खेती करना शुरू किया। वह खेत में मौसमी सब्जियां, तिलहन और दलहन सभी तरह की फसलें उगा रहे हैं। इसके साथ-साथ वह घर पर भी शौक़ के तौर पर पौधे लगाने लगे। उन्हें अपने कलेक्शन को बढ़ाना बेहद पसंद है। सकुलेंट उनका पसंदीदा पौधा है। 

कैसे आया यूट्यूब चैनल खोलने का ख्याल

सर्वेश एक बार सकुलेंट से जुड़ी कुछ जानकारी इंटरनेट पर ढूंढ़ रहे थे, लेकिन उन्हें हिन्दी में कोई भी वीडियो नहीं मिला। जिसके बाद उन्होंने खुद वीडियो बनाने का फैसला लिया। उन्होंने अपने मोबाइल फ़ोन से ही वीडियो बनाकर ‘टेक गार्डनिंग’ नाम से गार्डनिंग चैनल की शुरुआत की।  

वह कहते हैं, “साल 2017 में हिन्दी में गार्डनिंग चैनल बहुत कम थे। वैसे अब तो ढेर सारे यूट्यूब चैनल हैं लेकिन उन दिनों ऐसा नहीं था। हिन्दी में गार्डनिंग की जानकारी हासिल करना तब आसान नहीं था।”

चार-पांच महीने में ही उनके 100 वीडियो बन गए थे। उनके वीडियो के व्यूज बढ़ने लगे और जल्द ही उनका एक यूट्यूबर का ग्रुप भी बन गया। उनका ग्रुप अक्सर देशभर की अच्छी नर्सरी का दौरा करता है। सर्वेश भी अक्सर दार्जिलिंग, नैनीताल और असम जाते है, जहां से वह अलग-अलग पौधे भी लाते रहते हैं। उनके पास 150 से ज्यादा वेराइटीज के पौधे हैं। हर वेराइटी की भी वह कई किस्में रखते हैं।  सकुलेंट्स की ही उनके पास 100 से ज्यादा किस्में मौजूद हैं।

उन्होंने विदेशों से भी कई किस्मों के पौधे मंगवाए हैं। सर्वेश कहते हैं, “मैं कपड़ों से ज्यादा पौधे खरीदता हूं। कम कपड़ें चलेंगे लेकिन जो पौधा पसंद आए उसे जरूर खरीद लेता हूं।”

हर एक पौधे के बारे में वह विस्तार से अपने वीडियो में बताते हैं ताकि लोगों तक सही जानकारी पहुंच सके। 

फ़िलहाल वह आयुर्वेदिक पौधों पर काम कर रहे हैं। वह कई प्रकार की आयुर्वेदिक फूल और घास के बारे में जानकारी लोगों तक पहुंचा रहे हैं।  

घर पर उगाते हैं जरूरत की सभी सब्जियां 

उन्हें गांव में जगह की कोई कमी नहीं है, उनके घर के आस-पास और छत पर भी बहुत जगह है। जिसमें उन्होंने सैकड़ों पौधे उगाएं हैं। घर में जरूरत की सभी सब्जियां उगती हैं, वही आनाज खेतों में उगता है। वह बताते हैं, “हमें बाहर से ज्यादा कुछ नहीं खरीदना पड़ता। यहां के वातावरण में जो चीजें नहीं उगती है बस वही वस्तुएं हम बाहर से खरीदते हैं।”

सर्वेश ने अपने यूट्यूब चैनल की शुरुआत बड़े कम साधनों के साथ की थी। लेकिन जब उन्हें कमाई होने लगी तो धीरे-धीरे उन्होंने सभी जरूरी सामान खरीद लिए। वह अलग-अलग जगहों पर हॉर्टिकल्चर के प्रोग्राम में भाग भी लेते रहते हैं। साथ ही वह घर से कुछ पौधे भी बेचते हैं। 

शुरुआत में घर लौटकर खेती और गार्डनिंग से संबंधित काम करने के सर्वेश के निर्णय से उनके पिता नाराज हुए। उनके पिता पेशे से डॉक्टर हैं। लेकिन आज जब यूट्यूब और अन्य जगहों पर अपने बेटे को गार्डनिंग एक्सपर्ट की तरह देखते हैं तो उन्हें खुशी मिलती है।

सर्वेश ने बताया, “पौधों के साथ मुझे सुकून मिलता है। आज मेरे पिता भी काफी खुश हैं। जल्द ही मैं नर्सरी का काम भी बढ़ाने वाला हूं।”

वह यूट्यूब से महीने के 40 से 50 हजार रुपये कमा रहे हैं। जिस बेहतरीन ढंग से सर्वेश ने अपने शौक का उपयोग किया है वह वाकई प्रेरणादायक है।

उनके गार्डनिंग से जुड़े वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें।  

संपादन- जी एन झा

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