Site icon The Better India – Hindi

बेंगलुरु: छत पर 250+ पौधों की बागवानी करती हैं यह डिजाइनर, बता रही हैं बागवानी के 20 टिप्स

Bengaluru Designer Anu Chhabra

अनु छाबड़ा

अपने बुटिक में व्यस्तता से भरे दिन की शुरुआत करने से पहले, अनु छाबड़ा हर सुबह एक निश्चित समय अपने छत पर लगे बगीचे में बिताती हैं, इससे उन्हें एक सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

एक खूबसूरत टैरेस गार्डन और उस पर लगे टमाटर, लाल शिमला मिर्च, सरसों, पालक, सीताफल के छोटे-छोटे पौधों से बहती चंचल हवा, सोचिए कितना सुखद नजारा होगा!

बेंगलुरु में रहने वाली अनु पेशे से एक फैशन डिजाइनर हैं और उन्होंने अपने 1700 वर्ग फुट की छत पर एक जैविक बगीचा लगाया है। इस बगीचे में वह 250 से अधिक तरह की सब्जी, फल, फूल और औषधीय पौधों के साथ माइक्रोग्रिन्स भी उगाती हैं। अनु अर्बन गार्डनिंग की समर्थक हैं और अक्सर सोशल मीडिया पर इससे संबंधित सुझावों और नीतियों को साझा करती रहती हैं। वास्तव में, उन्होंने विविध बागवानी तकनीकों का लाइव वीडियो जारी कर, हाल के दिनों में पूरे देश में अपने एक बड़े फैनबेस का निर्माण किया है।

अनु छाबड़ा

द बेटर इंडिया के साथ एक खास बातचीत में अनु ने बताया कि किस तरह छत पर बागवानी की जा सकती है। इसके लिए उन्होंने गार्डनिंग की शुरूआत करने वालों के लिए कुछ टिप्स साझा किए हैं।

छत पर बागवानी करने के लिए 20 टिप्स

  1. स्थानीय मौसम के अनुसार पौधों को लगाएं

यदि आप अपनी छत पर किचन गार्डन बनाना चाहते हैं, तो अनु अपने पौधों का चयन स्थानीय मौसम के अनुसार करने का सुझाव देती हैं। उदाहरण के तौर पर, बेंगलुरु की जलवायु पालक, मेथी, धनिया, टमाटर, बैंगन, शिमला मिर्च, बीन्स, गोभी, फूलगोभी आदि की खेती के लिए अनुकूल है।

  1. पौधों को पर्याप्त धूप लगने दें

हर पौधे को अलग-अलग मात्रा में धूप की जरूरत होती है। एक टैरेस गार्डन में, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पौधों को धूप और छाया पर्याप्त मात्रा में मिलते रहना चाहिए।

  1. आसान से लगने वाले पौधों से करें शुरुआत

आरंभ में, आपको उन पौधों को आजमाना चाहिए, जिसमें कम रखरखाव की जरूरत हो और आसानी से बढ़ने वाला हो।

  1. अधिक देखभाल से बचें

कभी-कभी, अधिक देखभाल भी पौधों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। उनकी नियमित रूप से सिंचाई करें और समुचित जैविक तकनीकों को आत्मसात करें। साथ ही, पौधों को प्राकृतिक रूप से बढ़ने दें।

  1. सूखे शाखाओं को काट दें

पौधों के सूखे शाखाओं को निरंतर रूप से काटते रहें, इससे पौधे में अधिक फूल लगने के साथ-साथ विकास भी तेजी से होता है।

अनु का टैरेस गार्डन
  1. सरल तकनीकों को अपनाएं

छत पर बगीचा विकसित करने के लिए हमेशा सरल तकनीकों को अपनाएं। इंटरनेट या किसी दूसरे माध्यम पर उपलब्ध अधूरे और उलझे समाधानों को अपनाने से बचें।

  1. पौधों के संक्रमित होने से बचाएं

फूलों के पौधों के जंग रहित कैंची या कटर से नियमित तौर पर छंटाई करते रहें, इससे उसका विकास तीव्र गति से होता है। इसके अलावा, पौधों को संक्रमण से बचाने के लिए छंटाई के बाद मिट्टी से लगे स्टेम को ढकें। पौधे को तेजी से बढ़ने के लिए छंटाई के तुरंत बाद इसमें कुछ खाद डालें।

  1. सावधान रहें: अधिक सिंचाई आपके पौधे को मार सकती है

पौधों की हद से अधिक सिंचाई सबसे सामान्य गलती है। इससे बचने के लिए अनु का सलाह है कि पौधों में पानी देने से पहले मिट्टी में अपनी ऊंगली डाल कर देखें। यदि मिट्टी आपकी ऊंगली से चिपक जाती है, तो आपको 1-2 दिनों तक सिंचाई करने की जरूरत नहीं है। पौधों को अधिक पानी देने से हमेशा बचें, क्योंकि यह आपके पौधे को मार सकता है।

  1. आप जो खाना चाहते हैं, उसकी खेती करें

सब्जियों और फलों की खेती करने के लिए पौधों का चयन अपनी पारिवारिक जरूरतों के अनुसार करें। 

  1. समूह में पौधे लगाएं

आप पौधों को एक-दूसरे से अलग-अलग लगाने के बजाय, एक समूह में लगाएं। टैरेस गार्डन में, यह तय करना आसान है कि आप अपने पौधों को कैसे व्यवस्थित करना चाहते हैं, क्योंकि इसमें बर्तनों और प्लांटर्स का उपयोग होता है। रणनीतिक रूप से, पौधों को समूह में लगाना महत्वपूर्ण है, ताकि सभी अपनी आवश्यकताओं के अनुसार प्राकृतिक रूप से बढ़ सकें।

  1. खाद जरूरी है

पौधों में निरंतर खाद डालना जरूरी है, सिर्फ इसलिए नहीं है इससे पौधों को पोषण मिलता है, बल्कि इसलिए भी क्योंकि पर्यावरण को कचरा मुक्त रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। खाद की गुणवत्ता और दर बढ़ाने के लिए किचन वेस्ट को सूखे पत्तों, सूखे गोबर और हौज (इंडियन बीच ट्री) के फूलों के मिश्रण से ढकें। इससे 45-60 दिनों में खाद तैयार हो जाएगा।

एक और तरीका यह है कि केले और आलू के छिलके को 2-3 दिनों तक पानी में भिगो कर रखें, फिर से इसे छान लें और पौधों पर (1 लीटर पानी में 250 मिली मिलाकर) छिड़काव करें। इससे पौधों को कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति होगी। खाद में फलों के बेकार गुदों का भी उपयोग किया जा सकता है। पौधों मे खाद डालने से पहले, मिट्टी को समान रूप से खोदें, ताकि खाद का अधिकतम अवशोषण हो।

अनु द्वारा निर्मित सुंदर टेरेरीअम
  1. अनेकता में एकता

एक स्वस्थ बगीचे में निश्चित रूप से कई प्रकार के पौधे होने चाहिए, क्योंकि जैविक विविधता को बढ़ावा मिलती है। उदाहरण के तौर पर, सब्जी के बगीचे में तितलियों को आकर्षित करने के लिए कुछ फूलों को लगाएं।

  1. पेड़ भी अकेलापन महसूस करते हैं

अपने बगीचे में समय बिताकर अपने पौधों के साथ एक संबंध बनाएं। पौधों को खुद से पानी दें और उनकी देखभाल स्वयं करें।

  1. प्रतिस्पर्धा न करें

बागवानी के दौरान, उत्पादन को लेकर अपने साथियों के साथ प्रतिस्पर्धा न करें। बागवानी आपके लिए मन को शांत करने का एक जरिया होना चाहिए। अपने साथियों के साथ इसको लेकर प्रतियोगिता करना सही नहीं है।

  1. बागवानी तकनीकों का पता लगाएं

हर बागवानी तकनीक हर किसी के लिए काम नहीं करती है। निरंतर प्रयोग करते रहें और निर्धारित करें कि क्या आपके लिए व्यवहारिक है।

  1. सुगंधित पौधों को लगाएं

यदि आप सब्जियों की बागवानी शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो सुगंधित पौधों को उगाना उचित है। सुगंधित पौधे, जैसे- करी पत्ते, लेमनग्रास, आदि कीटों को दूर रखने में मदद करते हैं।

  1. धैर्य ही कुंजी है

बागवानी के लिए धैर्य की जरूरी है। अपनी बागवानी की गतिविधियों में कोई जल्दबाजी न करें।

  1. क्रॉप रोटेशन का अभ्यास करें

क्रॉप रोटेशन (एक ही गमले में कई फसलों को उगाने की प्रक्रिया, जिससे कि मिट्टी में पोषक तत्वों को लंबे समय तक बरकरार रखने में मदद मिलती है) का अभ्यास करें, ताकि मिट्टी हर तरह के पोषक तत्वों से परिपूर्ण हो।

  1. पोटिंग मिक्स को नियमित करें

पोटिंग मिक्स को पौधों की जरूरतों के अनुसार नियमित करें। औषधीय पौधों से सजावटी पौधों तक, हर तरह के पौधों को अलग-अलग पॉटिंग मिक्स की आवश्यकता होती है।

  1. अपने बगीचे में समय बिताएं

बागवानी आदर्श रूप से, अपने थकान भरे जीवनचर्या से आराम करने का जरिया है। अपने पौधों को लेकर ज्यादा चिन्ता न करें। हर किसी को एक शौक के तौर पर बागवानी का आनंद लेना चाहिए, न कि एक टास्क के रूप में।

अपने घर में 250 से अधिक पौधों की खेती करती हैं अनु

“मैं लोगों की मूल गलतियों पर ध्यान देती हूँ”

शादी के साज-सामानों की डिजाइन करने वाली अनु छाबड़ा ने लगभग 8 साल पहले बागवानी की शुरुआत की, इसे लेकर वह कहती हैं, “मैंने बागवानी तब शुरू की, जब मेरे बच्चे बड़े हो गए और मुझे अपने काम से थोड़ा वक्त मिलने लगा।”

पेशेवर बागवानी करने वालों की मदद के बिना, अनु अपने 1700 वर्ग फुट के टैरेस गार्डन की देखभाल खुद करती हैं और कई सब्जियों, औषधीय पौधों और फलों की खेती करती हैं। वह बागावनी के लिए  वर्मीकम्पोस्टिंग, एरोबिक कम्पोस्टिंग और अन्य विधियों को अपनाती है और रसायनों के उपयोग से बचती हैं।

अनु महीने में एक बार अपने उत्पादों को अपने जैविक कृषि समुदाय – बसावनगुडी ऑर्गेनिक टेरेस गार्डनर्स के सदस्यों से साझा करती हैं।

इसके अलावा, वह छत पर बागवानी, काचवाटिका निर्माण (टेरारियम-मेकिंग) और माइक्रोगिन्स की खेती, आदि के विषय में नियमित रूप से कार्यशालाएं भी आयोजित करती हैं। आप उनसे बागवानी के नए टिप्स को जानने के लिए हर दिन उनके इंस्टाग्राम पेज पर सुबह 7 से 8 बजे के बीच जा सकते हैं।

इसे लेकर अनु कहती हैं, “लोगों को सलाह देने के दौरान, मैं इस बात पर ध्यान देती हूँ कि लोग सामान्य तौर पर, बागवानी करने में गलती कहाँ करते हैं। यदि वह अपनी गलतियों को शुरू में ही सुधार लेते हैं, तो बाद में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।”

आप अनु छाबड़ा से जैविक बागवानी के बारे में जानने के लिए chhabra.anu1972@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं या उनके यूट्यूब चैनल पर जा सकते हैं।

(मूल लेख- SAYANTANI NATH)

ये भी पढ़ें – “मैं बाहर से सिर्फ आलू-प्याज खरीदती हूँ, बाकी सब उगाती हूँ अपनी छत पर!”

यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है, या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ साझा करना चाहते हो, तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखें, या Facebook और Twitter पर संपर्क करें। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर व्हाट्सएप कर सकते हैं।

Exit mobile version