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मध्य प्रदेश: स्कूल टीचर रहीं ऋतू सोनी, अब यूट्यूब पर लाखों लोगों को पढ़ा रही हैं बागवानी

Rooftop Gardening

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में रहने वाली 46 वर्षीया ऋतू सोनी, साल 2017 से अपनी छत पर बागवानी (Rooftop Gardening) कर रही हैं। अपनी 1200 वर्ग फुट की छत पर वह ऑर्नामेंटल (सजावटी) पौधों के साथ-साथ फल, फूल और मौसमी सब्जियां भी उगा रही हैं। उनका कहना है कि उनके घर की बहुत सी जरूरतें, उनके गार्डन से ही पूरी हो जाती हैं। इसके साथ ही, वह अपने यूट्यूब चैनल के जरिए लोगों को बागवानी से संबंधित जानकारी भी दे रही हैं। 

बचपन से ही पेड़-पौधों के बीच पली-बढ़ी, ऋतू ने लगभग आठ सालों तक बतौर शिक्षिका काम किया। लेकिन कुछ स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के कारण, उन्हें स्कूल छोड़ना पड़ा। इसके बाद, उन्होंने अपना समय गार्डनिंग में लगाना शुरू किया। वह बताती हैं, “मेरे घर में पेड़-पौधे हमेशा से रहे हैं। पहले मैं उनकी देखभाल में ज्यादा शामिल नहीं होती थी। लेकिन, नौकरी छोड़ने के बाद मुझे काफी समय मिलने लगा। हमारी छत भी खाली थी तो हमें लगा कि इसका उपयोग किसी अच्छे काम के लिए करना चाहिए और इसके लिए गार्डनिंग से अच्छा, कुछ हो ही नहीं सकता था।” 

उन्होंने कुछ पेड़-पौधे नर्सरी से लिए तो कुछ खुद बीजों से उगाये। वह कहती हैं कि उन्होंने ‘हॉबी’ के तौर पर कुछ सब्जियों से शुरुआत की और फिर इसमें दिलचस्पी बढ़ती चली गयी। आज उनकी छत पर 550 से ज्यादा पेड़-पौधे हैं, जिनके लिए वह बाहर से कोई खाद या पोषण नहीं खरीदती हैं बल्कि सबकुछ वह खुद जैविक तरीकों से तैयार करती हैं। 

लगाए हैं संतरा, पपीता, लीची जैसे फलों के पेड़: 

ऋतू सोनी

ऋतू कहती हैं कि वह अपने टेरेस गार्डन में मौसमी सब्जियां जैसे धनिया, पुदीना, शिमला मिर्च, बैंगन, घिया, कद्दू, तोरई, हरी मिर्च, टमाटर, गोभी, मूली, गाजर, मटर आदि लगाती हैं। इसके साथ ही, उन्होंने तुलसी, पुदीना, गुड़हल, गुलाब और अन्य कई तरह के रंग-बिरंगे फूलों वाले पेड़ भी लगाए हुए हैं। 

उनके गार्डन में आपको पपीता, संतरा, अनार, लीची जैसे फलों के पेड़ भी मिल जायेंगे। वह बताती हैं, “सब्जियां तथा फूल तो आप टेरेस गार्डन पर आसानी से उगा लेते हैं और इनके लिए, आपको ज्यादा बड़े गमले या ग्रो बैग की जरूरत भी नहीं होती है। हरी पत्तेदार सब्जियों के लिए, छह से आठ इंच का गमला या ग्रो बैग पर्याप्त रहता है तो सब्जियां आप 12 से 15 इंच के गमलों या ग्रो बैग में लगा सकते हैं। लेकिन फलों के पेड़ों के लिए, आपको ख़ास ध्यान देना होता है। वैसे तो फलों के पेड़ जमीन पर ही उगाना सबसे अच्छा है। लेकिन, आजकल आपको नर्सरी से बहुत से ग्राफ्टेड पौधे भी मिल जाते हैं, जिनकी जड़े ज्यादा नहीं फैलती हैं। फिर भी, आपको इनके लिए गहरे गमलों की जरूरत होती है।” 

ऋतू ने अपनी छत पर बड़े ड्रमों में, फलों के पेड़ लगाए हुए हैं। हालांकि, वह सलाह देती हैं कि अगर आपकी छत इतना वजन सहन कर सकती हो तब ही आप बड़े पेड़ छत पर लगाएं। इन्हें छत पर ऐसी जगहों पर रखें, जहाँ इन्हें नीचे से दीवार का सहारा मिल पाए। 

छत पर लगे हैं फलों के पेड़

घर में उपलब्ध चीजों को इस्तेमाल कर शुरू करें बागवानी

ऋतू कहती हैं कि बागवानी करने के लिए जरूरी नहीं कि आप नर्सरी से ही गमले या पेड़-पौधे खरीदें। शुरुआत में, आप अपने घर में उपलब्ध पुरानी और बेकार चीजें इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने घर में नजर घुमाइए और आपको ढेर सारी प्लास्टिक की पुरानी बोतलें, डिब्बे, आटे-चावल आदि के खाली पैकेट, कार्डबोर्ड के डिब्बे आदि दिख ही जाएंगे। आप इन्हें ही गमलों की जगह, इस्तेमाल कर सकते हैं। 

इसके अलावा, आप अपनी रसोई से निकलने वाले सभी तरह के जैविक कचरे जैसे- फल-सब्जियों के छिल्के, अंडे के छिल्के और चायपत्ती आदि को इकट्ठा कर लें। अब, अपने आसपास किसी पार्क से थोड़ी मिट्टी ले आएं। प्लास्टिक की बोतलों या पैकेट्स में, मिट्टी और जैविक कचरे साथ में भरें। इसमें आप कुछ बूंदें छाछ या दही की डाल दें और किसी छांव वाली जगह पर ढक कर रख दें। लगभग एक महीने में, इन सभी बोतलों और पैकेट में खाद तैयार हो जाएगी। आप इसी खाद में बीज या छोटे पौधे लगा सकते हैं। 

लगाए हैं हर तरह के पौधे

बीजों के लिए भी आपको बाजार जाने की जरूरत नहीं है। शुरुआत में, आप अपनी किचन से ही बीज ले सकते हैं। जैसे साबुत धनिया, सूखी लाल मिर्च के बीज, बाजार से खरीदे हुए, टमाटर या शिमला मिर्च के बीज भी आप लगा सकते हैं। वह कहती हैं, “आपको सिर्फ यह ध्यान रखना है कि गार्डनिंग का कोई शॉर्टकट नहीं है। आपने इन्हें लगाया और पौधे आ गए – ऐसा नहीं होता है! इसलिए धैर्य से काम लें। अपने पौधों की देखभाल करें। पौधों को बड़ा होने में, उन पर फूल या सब्जियां लगने में वक्त लगता है। कई बार असफलता भी मिलती है। लेकिन, आप मायूस न हों क्योंकि जितना आप गार्डनिंग करते हैं, उतना ही आप पेड़-पौधों को समझने लगते हैं।” 

कुछ टिप्स

*ऐसे पौधों से शुरुआत करें, जिन्हें कम देखभाल की जरूरत होती है। 

*घर पर ही अपने पौधों के लिए, खाद और पोषक तत्व तैयार करने की कोशिश करें। 

*मौसम के हिसाब से अपने गार्डन की देखभाल करें। जैसे सर्दियों में सुबह पानी दें तो गर्मियों में शाम को पानी दें। अगर गर्मी बहुत ज्यादा है तो दो बार पौधों को पानी दें। 

*अगर कोई पौधा नहीं पनपा है तो एक बार में ही हार न मानें बल्कि लगातार कोशिश करते रहें। 

लोगों को बागवानी से संबंधित जानकारी देने के लिए उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल, ‘एबीसी ऑफ़ गार्डनिंग‘ भी शुरू किया। आज उनके 1.7 लाख से भी ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। वह कहती हैं कि उनके पति ने उन्हें यूट्यूब चैनल शुरू करने के लिए प्रेरित किया था। उन्होंने कहा कि जब वह स्कूल में बच्चों को पढ़ा सकती हैं तो यूट्यूब पर लोगों को बागवानी भी सिखा सकती हैं। वह यूट्यूब पर 600 से ज्यादा वीडियो अपलोड कर चुकी हैं। 

ऋतू अंत में कहती हैं, “बागवानी करने से सिर्फ हरियाली नहीं बढ़ती है बल्कि यह आपके मन को भी काफी सुकून और शांति देती है। पौधों की देखभाल करते-करते हम में धैर्य बढ़ता है और एक्सरसाइज भी हो जाती है। साथ ही, आपका नजरिया सकारात्मक होने लगता है। यह सब मैं अपने अनुभव से कह सकती हूँ। इसलिए, सभी को थोड़ी-बहुत गार्डनिंग जरूर करनी चाहिए।” 

ऋतू सोनी से सम्पर्क करने के लिए आप उनका इंस्टाग्राम पेज देख सकते हैं। 

संपादन- जी एन झा

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